बचपन स्कूली दिनों में ज्यादातर ने लाल-नीली या सफेद-काली रबर का इस्तेमाल किया होगा। अक्सर लोग कहते थे कि नीली या काली रंग की तरफ से मिटाने पर पेन की स्याही भी मिट जाती है। मगर, आपको जानकर हैरत होगी कि ऐसा है।
रबर के जिस हिस्से को आप हमेशा से यह मानते चले आ रहे हैं कि वह पेन की स्याही मिटाने के काम आता है, वह दरअसल में पेंसिल के निशान मिटाने के ही काम आता है। आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि जब दोनों तरफ से पेंसिल के निशान ही मिटाने हैं, तो अलग-अलग रंग क्यों दिया गया।
दरअसल, रबर का नीला या काला वाला हिस्सा गहरे निशान या मोटे कागज पर पेंसिल के ही निशान मिटाने के लिए होता है। वहीं, लाल या सफेद हिस्सा हल्के या पतले कागज पर पेंसिल के निशान मिटाने के लिए होता है।
साथ ही पेंसिल के काफी महीन निशान मिटाने मसलन गहरे निशान के पास के हल्के निशान साफ करने के लिए होता है। इसका एक अन्य कारण यह भी है कि इस रबर के लाल हिस्से पर पेंसिल का निशान बना होता है जबकि नीले हिस्से पर पेन का। इसलिए सभी यह कहते हैं कि नीले हिस्से से पेन के निशान आसानी से मिट जाएंगे। मगर, ऐसा नहीं होता है।
जिन लोगों ने इसे ट्राय किया होगा वे जानते होंगे कि पेन की स्याही मिटाने के चक्कर में अक्सर उन्होंने कागज फाड़ लिए होंगे। वहीं, दानेदार या ग्रेनी आर्ट पेपर पर पेंसिल के निशान मिटाने में भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है।
ऐसे में इस रबर का नीला हिस्सा काम आता है, जो आसानी से कागज की पर्त और पेंसिल की स्याही को हटाने के काम आता है। रबर का यह हिस्सा काफी सख्त और मोटे हिस्से वाला होता है।