रिटायरमेंट प्लानिंग क्या है और क्यों जरूरी है?

आइये आज हम बात करते हैं दुनिया की सबसे बडी फाइनेंशियल प्रॉब्लम की। ऐसी प्रॉब्लम जिसके लिये समय से पहले प्लानिंग नहीं की गयी तो आपका और हमारा जीवन रिटायरमेंट के बाद शांतिपूर्ण नहीं रह पाता। जी हाँ मैं रिटायरमेंट की ही बात कर रहा हूँ। सारे जीवन यानी 24-25 वर्ष की आयू से 55-60 वर्ष की आयु तक दिन-रात परिवार एवं बच्चों के लिए मेहनत करने के बाद रिटायरमेंट के बाद ऐसा समय जब हम काम करने की स्थिति में नहीं होते या बीमार – कमजोर हो जाते हैं और संतान अपनी जिंदगी में रम जाती है। अगर हमने सही ढंग से व समय से पहले प्लानिंग नहीं करी (दुर्भाग्य से भारत में 90 प्रतिशत जनसंख्या बिना उचित प्लानिंग के है) तो हमारा बुढ़ापा बहुत ही खराब अवस्था में कटता है।

सारी जिंदगी हमारा हाथ परिवार को रूपया – पैसा – समय देने की स्थिति में होता है। वो बहुत ही खराब दिन होता है जिंदगी में जब हमारा हाथ कुछ मांगने की स्थिति में होता है। हमारे साथ कुछ अनहोनी होने की दशा में हमारे जीवनसाथी को (अगर उचित रिटायरमेंट प्लानिंग नहीं है तो) बहुत ही बेइज्ज्ती से बाकी का जीवन यापन करना पडता है।

सो साथियों अगर आप अपनी जिंदगी को उतने ही सम्मान के साथ रिटायरमेंट के बाद भी जीना चाहते हैं तो आज ही अभी अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग करें। अगर आप चाहते हैं कि आपका सिर सम्मान से ऊँचा रहे। आपके जीवनसाथी को आपके बिना भी कोई फाइनेंशियल संकट नहीं हो तो तुरन्त किसी अच्छे फाइनेंशियल डॉक्टर से अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग करायें। पहले के समय में व अब के समय में बहुत फर्क आ गया है। पहले जॉइंट फैमिली होती थी। बडे बुजुर्ग का बहुत ज्यादा सम्मान होता था। किसी एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर या काम धंधा बंद हो जाने पर भी जॉइंट फैमिली होने के कारण बाकी भाई – इत्यादि सहारा दे देते थे।

लेकिन आज एकल परिवार होता जा रहा है। एक या दो संतान – वो भी अच्छी पढ़ाई के बाद विदेश या देश में ही कहीं दूर दराज के क्षेत्र में अपनी जिंदगी में मस्तबढ़ता हुआ खर्चासो चाहकर भी आर्थिक मदद नहीं कर पाता। ये सब समस्यायें बहुत ही आम होती जा रही हैं।

अत: आप सब से निवेदन है कि अपनी कमाई का 10 प्रतिशत आज से ही अपने रिटायरमेंट के लिये बचाना शुरू कर दें। जितना जल्दी आप अपनी बचत शुरू कर देंगें उतनी ज्यादा आय बन जाएगी। एक मात्र रिटायरमेंट प्लानिंग ही एक ऐसा इन्वेस्टमेंट है जो व्यक्ति अपने स्वयं के लिये या अपने पति या पत्नी के लिये करता है। बाकी इन्वेस्टमेंट तो परिवार के बाकी सदस्यों आदि के लिये करता है।

(साई फीचर्स)