बंजर सहारा रेगिस्तान में बना एक तालाब

35 लाख वर्ग मिल क्षेत्र में फैले सहारा रेगिस्तान को विशव का सबसे बड़ा रेगिस्तान होने का गौरव प्राप्त है। यहाँ आप कही भी नजर दौड़ाए आपको केवल और केवल धूल नजर आएगी। यह जिंदा रहने के हिसाब से दुनिया के सबसे कठिन इलाकों में से एक है।
लेकिन कहते है ना की प्रकर्ति कभी-कभी चमत्कार करती है। ऐसा ही एक चमत्कार सैकड़ो साल पहले सहारा में हुआ था जब कुछ भूगर्भीय गतिविधियों के कारण जमीन की गहराइयों से पानी सतह पर आकर इकठ्ठा हो गया और एक तालाब का रूप ले लिया।
ऐसे तालाब भूगर्भीय भाषा में गुएल्टा कहलाते है। इनकी सबसे बड़ी विशेषता यह होती है की यह कभी सूखते नहीं है इनमे जमीन से सिमित मात्रा में जल निरंतर आता रहता है। सहारा में स्तिथ इस गुएल्टा का नाम गुएल्टा दी आर्चेई है। यह गुएल्टा जो की नार्थ-ईस्ट चाड के इनेडी प्ले टीयू क्षेत्र में स्तिथ है ऊंचे ऊंचे सैंडस्टोन के पठारों से घिरी हुई है।
यहाँ पर हर दिन रास्ते से गुजरने वाले ऊंटों के काफिले पानी पीने और आराम करने आते है। सैकड़ों सालों से ऊंटों द्वारा लगातार गोबर (लीद) किए जाने से पानी का रंग काला हो चुका है।
तालाब में रहते हंै नील मगरमच्छ भी
एक और बड़े आश्चर्य की बात यह है की इस सुदूर वीराने में स्तिथ इस गुएल्टा में नील मगरमच्छ भी रहते है जो की नील क्रोकोडाइल के आखिरी बचे कुछ चुनिंदा ठिकानों मे से एक है। यह क्रोकोडाइल इसमें रहने वाली मच्छलियों को खाकर और मच्छलियां शैवालों को खाकर जिन्दा रहती है। शैवाल ऊंटों द्वारा किये जाने वाले गोबर के कारण पैदा होती है।
सैंडस्टोन के पठारों पर है रॉक पेंटिंग
गुएल्टा के के पठारों के ऊपर रॉक पेंटिंग भी बानी हुई है जो की मध्य अभिनव काल की है। यह इस बात का जीता जागता प्रमाण है की ये गुएल्टा कितनी सदियों पुराना है।
पहुचने में लगते हंै चार दिन
वैसे तो ये गुएल्टा सहारा रेगिस्तान के सुदूर वीरान इलाके में स्तिथ है इसलिए वैज्ञानिकों के अलावा यहाँ पर जाने की कोई नहीं सोचता है पर कभी कभार कुछ एक्ट्रीिम एडवेंचर पसंद करने वाले भी यहां जाते है।
यहां पर जाने के लिए चाड की राजधानी से रेगिस्तान में चलने वाली स्पेशल जीप से सफर करना पड़ता है। चार दिन के सफर के बाद आप उस इलाके के करीब पहुंचते है। आगे के कुछ घंटो का सफर आपको पैदल ही पूरा करना पड़ता है। इस तरह चार दिन गाडी और कुछ घंटों पैदल सफर करके आप सहारा रेगिस्तान में स्तिथ इस नखलिस्तान में पहुंच सकते है।
हमारी राय है की यदि आप भी यहां पर जाना चाहे तो यहां पर जाने से पहले आप डिस्कवरी चौनल पर आने वाले प्रोग्राम मेन वर्सेस वाइल्ड, जिसे की बेयर ग्रील्स होस्ट करते है, के कुछ एपिसोड जरूर देख ले ताकि आप यदि किसी भी असामान्य परिस्थितयों में फंस जाए तो अपनी मदद स्वयं कर सके।
(साई फीचर्स)

SAMACHAR AGENCY OF INDIA समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.