तीन परतों को मिलाकर हुआ धरती का निर्माण!

 

हम सब पृथ्वी पर रहते तो जरूर हैं लेकिन अभी भी ऐसी कई बातें हैं जो हमें पृथ्वी के बारे में नहीं पता हैं। अभी तक पूरे ब्रम्हांड में जितने ग्रहों की खोज की जा चुकी है उसमें पृथ्वी ही ऐसा है जिस पर जीवन संभव है। हालांकि वैज्ञानिक कभी भी इस बात से इंकार नहीं करते हैं कि किसी और ग्रह पर जीवन नहीं होगा लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि शायद उन तक अभी हमारी पहुंच नहीं है।

इस आर्टिकल में हम आपको पृथ्वी से जुड़े कुछ ऐसे ही रोचक तथ्यों के बारे में बता रहे हैं। आइये एक नजर डालते हैं इन तथ्यों पर:

पृथ्वी सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाती है और इसे एक चक्कर पूरा करने में 23 घंटे 56 मिनट 4 सेकंड का समय लगता है। इस एक चक्कर को ही हम लोग आम भाषा में एक दिन कहते हैं। पृथ्वी के 70 प्रतिशत हिस्से पर पानी मौजूद है और इसी वजह से अंतरिक्ष से देखने पर पृथ्वी नीले रंग की दिखाई पड़ती है। नीले रंग के कारण ही पृथ्वी को ब्लू प्लेनेट भी कहा जाता है।

पृथ्वी मुख्यत: तीन परतों से मिलकर बनी हुई है और आखिरी निचली परत लोहे और निकिल धातु से निर्मित है। रेडियोधर्मी डेटिंग और कई रिसर्च से यह पता चला है कि पृथ्वी की उम्र लगभग 4.54 बिलियन साल है। पृथ्वी के चारों तरफ ओजोन परत की एक लेयर है जिसके कारण सूर्य से निकलने वाली हानिकारक यूवी किरणें धरती तक नहीं पहुंच पाती हैं।

अभी भी बहुत से लोग पृथ्वी को बिल्कुल गोल आकार का मानते हैं जबकि वास्तव में पृथ्वी अंडाकार शेप में है। सूर्य से पृथ्वी की दूरी इतनी ज्यादा है कि सूर्य से निकले वाली रोशनी को पृथ्वी पर पहुँचने में कम से कम 8 मिनट 20 सेकंड का समय लगता है।

पृथ्वी के एक तिहाई हिस्से में पानी तो है लेकिन उसमें से पीने लायक पानी सिर्फ 3 प्रतिशत ही है। पृथ्वी के मौजूदा गुरुत्वाकर्षण बल के कारण इस पर मौजूद किसी भी पर्वत की ऊंचाई 15 किलोमीटर से ज्यादा नहीं हो सकती है। पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह चन्द्रमा है और अगर चंद्रमा नहीं होता तो धरती का एक दिन लगभग 30 घंटो का होता।

पृथ्वी के वायुमंडल में जैसे ही कोई आकाशीय पिंड प्रवेश करता है तो इतना अधिक घर्षण उत्पन्न होता है कि पिंड जलने लगता है। ग्रामीण इलाकों में इसी जलते हुए पिंड को टूटता तारा कहा जाता है। पूरी दुनिया में 22 अप्रैल को वर्ल्ड अर्थ डे मनाया जाता है।

पूरे सौरमंडल में पृथ्वी इकलौता ऐसा ग्रह है जिसमें पानी तीनो अवस्था (ठोस, द्रव्य और गैस) में मौजूद है। यही कारण है कि यहां पर जीवन का अस्तित्व है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि पूरी दुनिया में जितनी भी खेती होती है या जो जमीन कृषि के लिए उपयोग में लायी जाती है वो सिर्फ पृथ्वी के 11 प्रतिशत हिस्से में है।

कई शताब्दियों पहलें पूरी दुनिया में यह मान्यता थी कि धरती समूचे ब्रम्हांड के केंद्र में स्थित है और सूर्य इसके चारों तरफ चक्कर लगता है। लेकिन महान खगोलविद निकोलस कोपरनिकस ने बाद में यह सिद्ध किया कि धरती नहीं बल्कि सूर्य ही इस सौरमंडल के केंद्र में है और धरती उसका चक्कर लगाती है जिस वजह से यहां दिन और रात होते हैं।

(साई फीचर्स)