चुनाव से पहले प्रस्ताव पर प्रस्ताव, सोनिया से मिले थरूर…

(ब्यूरो कार्यालय)
नई दिल्ली (साई)। लोग इस परिवार पर, सोनिया गांधी पर, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी पर विश्वास करते हैं। यदि लोगों से पूछा जाएगा तो उनकी पहली राय राहुल गांधी के अध्यक्ष के तौर पर होगी। देश का एक एक कांग्रेस कार्यकर्ता चाहता है कि राहुल गांधी ही पार्टी अध्यक्ष बनें। पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, लगता है कि राहुल गांधी (पार्टी प्रमुख बनने के लिए) राजी हो जाएंगे।
इस तरह के बयान वे लोग दे रहे हैं जो चाहते हैं कि कांग्रेस के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी राहुल ही संभाले। कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी होने में कुछ ही दिन शेष रह जाने के बीच गांधी परिवार के प्रति निष्ठा रखने वालों और (कांग्रेस की) प्रदेश इकाइयों ने पार्टी की बागडोर संभालने के लिए राहुल गांधी पर दबाव बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। जी-23 से लेकर पार्टी के दूसरे धड़े के नेता भी सोनिया गांधी से मुलाकात कर रहे हैं। वहीं, राहुल गांधी के मन में क्या है यह कोई नहीं जानता है।
गुजरात से लेकर राजस्थान तक प्रस्ताव पारित
हालांकि, राहुल गांधी कथित तौर पर यह संकेत देते रहे हैं कि वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का प्रमुख नहीं बनने के अपने रुख में बदलाव नहीं करना चाहते। दूसरी तरफ गुजरात से लेकर राजस्थान, छत्तीसगढ से लेकर तमिलनाडु ने राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर प्रस्ताव पर प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं। कुछ दिन पहले पार्टी ने कहा था कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस के आगामी अध्यक्ष को प्रदेश प्रमुखों और एआईसीसी प्रतिनिधियों को नियुक्त करने के लिए अधिकृत करेंगे। इस खबर के बाद पार्टी की तरफ से अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर सवाल खड़े हो गए थे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना था कि यदि ऐसा ही करना था तो अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर इतनी कवायद करने की क्या जरूरत थी।
राहुल के मन में क्या है?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने इस महीने की शुरूआत में कहा था कि उन्होंने फैसला कर लिया है, लेकिन अपनी योजनाओं का खुलासा नहीं करेंगे। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यदि पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए वह आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे तो वह इसके कारण बता देंगे। राहुल की टिप्पणी को पार्टी में इस संकेत के तौर पर देखा गया है कि वह पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने को इच्छुक नहीं है। उन्होंने हाल में कन्याकुमारी में इस संबंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा था, ‘मैं अध्यक्ष बनूंगा या नहीं, यह कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने के समय पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगा।’ उन्होंने कहा था, ‘तब तक इंतजार करिए और जब वह समय आएगा, आपको पता चल जाएगा।’ राहुल ने कहा था कि वह जो कुछ करने जा रहे हैं उस बारे में उन्होंने बहुत स्पष्ट रूप से फैसला कर लिया है। उन्होंने कहा था,’मेरे मन में कहीं से भी भ्रम नहीं है।’
2017 में इसी तरह के प्रस्ताव किए गए थे पारित
कुछ राजनीतिक विश्लेषक इन प्रस्तावों को पारित किये जाने संबंधी गहलोत और बघेल की पहल को गांधी परिवार के प्रति उनके द्वारा अपनी निष्ठा जताये जाने के तौर पर देखते हैं। वहीं, अन्य इसे पार्टी की बागडोर संभालने के लिए राहुल को मनाने की वास्तविक कोशिश मानते हैं। इसी तरह के प्रस्ताव 2017 में पारित किये गये थे जिसके बाद राहुल को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था। हालांकि, उन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी को शिकस्त मिलने के बाद 2019 में पद से इस्तीफा दे दिया था।
अध्यक्ष पद के लिए चुनाव या आम सहमति?
कांग्रेस में नए अध्यक्ष पद के लिए नाम आम सहमति से चुना जाएगा या चुनाव से यह 30 सितंबर या फिर 8 अक्टूबर के बाद ही पता चल पाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की जाएगी। नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है। जरूरत पड़ने पर चुनाव 17 अक्टूबर को कराया जाएगा। नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और जयराम रमेश सहित कई वरिष्ठ नेता नए अध्यक्ष का चुनाव आम सहमति से किए जाने का समर्थन कर रहे हैं। रमेश ने नए अध्यक्ष के चयन में आम सहमति बनाने की हिमायत की। साथ ही किसी भी तरह की स्थिति उभरने पर संगठनात्मक विषयों में नेहरू-गांधी परिवार की प्रमुखता बनाए रखने की मांग की।
सोनिया गांधी से मिल रहे नेता
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव प्रक्रिया से पहले शशि थरूर ने सोमवार को सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की। उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि उनकी मुलाकात किस परिप्रेक्ष्य में हुई है। लोकसभा सदस्य थरूर ने सोनिया गांधी से मुलाकात ऐसे समय की है जब हाल ही में उन्होंने ऐसे संकेत दिए हैं कि वह अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं। थरूर से जब पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वह जी-23 नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने पार्टी में सुधार की मांग की थी। थरूर उन पांच सांसदों में से एक है, जिन्होंने पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (सीईए) को प्रतिनिधियों की सूची सार्वजनिक करने के बारे में लिखा था, जिसके बाद मधुसूदन मिस्त्री ने स्पष्टीकरण दिया था। दूसरी तरफ, मध्यप्रदेश प्रभारी जे.पी. अग्रवाल, बॉक्सर विजेंद्र सिंह और झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने भी सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की।