. . . मतलब लंबे समय बाद कांग्रेस अध्यक्ष होना नेहरू गांधी परिवार से इतर!

अशोक गहलोत एवं शशि थरूर के बीच मुकाबला होने की संभावनाएं!
(लिमटी खरे)


पितृ पक्ष के उपरांत नवरात्र में कांग्रेस के अध्यक्ष का चुनाव होने जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की जाएगी। नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 08 अक्टूबर है। एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा जिसके नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
यहां आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष के लिए अगर चुनाव होता है तो यह 22 साल बाद होगा। इसके पहले सन 2000 में सोनिया गांधी और जितेंद्र प्रसाद के बीच मुकाबला हुआ था जिसमें प्रसाद को करारी हार झेलनी पड़ी थी। उससे पहले सन 1997 में सीताराम केसरी, शरद पवार और राजेश पायलट के बीच अध्यक्ष पद को लेकर मुकाबला हुआ था जिसमें सीताराम केसरी ने परचम लहराया था।
कांग्रेस के अंदर इस बात को लेकर जिज्ञासा चरम पर दिखाई दे रही है कि पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा! अब तक सभी को इस बात का यकीन था कि या तो सोनिया गांधी अथवा राहुल गांधी इस पद के लिए मनोनीत किए जा सकते हैं, पर जिस तरह की परिस्थितियां दिखाई दे रही हैं उसे देखकर इस बात की संभावनाएं बहुत ही कम हैं कि दोनों में से कोई पार्टी की कमान संभाले।
एआईसीसी मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस बात की संभावना बहुत अधिक है कि राहुल गांधी फिलहाल भारत जोड़ो यात्रा को छोड़कर दिल्ली वापस लौटें। अभी यह यात्रा केरल पहुंची है और 29 सितंबर को यह कर्नाटक पहुंचने वाली है। वहीं कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 30 सितंबर निर्धारित है। वैसे भी राहुल गांधी के द्वारा कई बार अध्यक्ष बनने की बात से दो टूक इंकार किया जा चुका है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि बीते सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राजनयिक शशि थरूर के द्वारा पार्टी की वर्तमान अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी से भेंट कर अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल करने की बात पर चर्चा की। इस बात की भनक लगते ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अब चुनाव हेतु लंगोट कस ली है।
उधर, प्रदेश कांग्रेस समितियां राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव को पारित कर रही हैं, पर राहुल गांधी शायद इसके लिए तैयार नजर नहीं आ रहे हैं। उल्लेखनीय होगा कि 09 सितंबर को ही राहुल गांधी ने कन्याकुमारी में इस बात के संकेत दे दिए थे कि अपने फैसले पर अडिग ही हैं।
उधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का फैसला शायद कर लिया है। उनके द्वारा मंगलवार की रात 10 बजे कांग्रेस के विधायकों की बैठक मुख्यमंत्री निवास में आहूत की है। इसके पहले उपराष्ट्रपति जयदीप धनकड़ के लिए उनके निवास पर रात्रिभोज का आयोजन किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि देर रात अशोक गहलोत के द्वारा विधायकों से विचार विमर्श के उपरांत कुछ ठोस निर्णय लिया जाकर बुधवार की सुबह वे दिल्ली रवाना हो सकते हैं। सूत्रों ने इस बात के संकेत भी दिए हैं कि अशोक गहलोत 25 सितंबर से 28 सितंबर तक दिल्ली प्रवास पर रह सकते हैं।
सूत्रों ने इस बात के संकेत भी दिए हैं कि अशोक गहलोत बुधवार 21 सितंबर को सुबह 10 बजे दिल्ली के लिए उड़ान भर सकते हैं। इसके बाद वे भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने केरल के लिए भी कूच कर सकते हैं। इसके बाद वे 24 सितंबर को केरल से दिल्ली लौट सकते हैं और वहां वे 28 सितंबर तक रह सकते हैं। इसी दौरान दिल्ली में वे नामांकन भी दाखिल कर सकते हैं।
इधर, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी के निवास 10 जनपथ के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि शशि थरूर के द्वारा श्रीमति सोनिया गांधी से उनका सहयोग मांगा था किन्तु सोनिया गांधी ने साफ तौर पर कह दिया था कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव निष्पक्ष तरीके से ही होगा। कांग्रेस अपना कोई अधिकृत उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारेगी।
इधर, राहुल गांधी के द्वारा सोशल मीडिया पर डाली गई एक पोस्ट ने भी काफी सनसनी मचा रखी है। राहुल गांधी के द्वारा सोमवार की शाम एक पोस्ट डाली गई थी जिसमें वे नाम में बैठे पतवार लिए नजर आ रहे थे। इसमें कैप्शन लिखा था ‘जब नाव बीच मंझधार में फंस जाए, तब पतवार अपने हाथ में लेनी ही पड़ती है। न रुकेंगे, न झुकेंगे, भारत जोड़ेंगे।‘
पतवार वाली पोस्ट को देखकर कांग्रेस के अंदरखाने में भी खदबदाहट बढ़ती दिख रही है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बड़े नेता ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि इस पोस्ट से तो एक संदेश यह भी जा रहा है कि अध्यक्ष चाहे जो भी बने, पर सारे नियंत्रण उनके हाथ में ही रहेंगे!
(साई फीचर्स)