आटो रिक्शा चालकों की कसी गई मश्कें, किराया हुआ निर्धारित

बस संचालकों के मनमाने किराए पर कब होंगी नजरें इनायत! शालाओं में विद्यार्थियों के लिए लागू होगी यह किराया सूची!
(अखिलेश दुबे)


सिवनी (साई)। आजादी के बाद के इतिहास में संभवतः यह पहला मौका होगा जब सिवनी शहर में आटो रिक्शा के किराए का निर्धारण किया गया हो। सिवनी में आटो किराए में लूट मची हुई थी, पर अब किराया निर्धारित होने के बाद यात्री ने कितने किलोमीटर यात्रा की है इस बात पर तकरार जारी रह सकती है।
27 जुलाई को जारी सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सिवनी द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि संभागीय उप परिवहन आयुक्त संभाग जबलपुर द्वारा जिले अंतर्गत संचालित ऑटो रिक्शा का किराया निर्धारित किया गया है, जिसके अनुसार प्रातः 06 बजे से रात्रि 10 बजे तक प्रथम 01 अर्थात पहले किलोमीटर के लिए न्यूनतम 22 रूपए किराया निर्धारित किया गया है। इसके उपरांत प्रत्येक किलो मीटर के लिए 15 रूपए निर्धारित किया गया है। रात्रि 10 बजे से प्रातः 06 बजे तक उपरोक्त किराये में 20 प्रतिशत की वृद्धि के साथ किराये की दर निर्धारित की गई है।
संभागीय परिवहन उप आयुक्त के द्वारा किराया निर्धारित तो कर दिया गया है, किन्तु सिवनी में चलने वाले शत प्रतिशत आटो रिक्शा में न तो मीटर लगा हुआ है न ही उनके माईलोमीटर ही ठीक रहते हैं। इन परिस्थितियों में अगर कोई यात्री जिला चिकित्सालय से बस स्टेण्ड जाना चाहे तो उसे लगभग सवा किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा, इस लिहाज से उससे आटो चालक के द्वारा प्रथम किलोमीटर के लिए 22 एवं उसके बाद के किलोमीटर के लिए 15 इस तरह कुल 37 रूपए की राशि वसूलना होगा। पर क्या ऐसा हो पाएगा!
इसी तरह अगर कोई यात्री रेल्वे स्टेशन से बारापत्थर तक जाना चाहे तो उसे लगभग ढाई या तीन किलोमीटर का सफर तय करना होगा। इस लिहाज से पहले किलोमीटर के लिए 22 एवं उसके बाद के दो किलोमीटर के लिए 30 रूपए इस तरह कुल 52 रूपए का भुगतान करना होगा, पर वर्तमान में दो से तीन सौ रूपए वसूले जा रहे हैं।
कुल मिलाकर यात्री किराया तय तो कर दिया गया है, पर इसकी मानिटरिंग कौन करेगा? परिवहन विभाग करेगा या यातायात पुलिस। यात्री और आटो रिक्शा चालक के बीच होने वाले विवाद का फैसला किस पंचाट में किया जाएगा! इससे बेहतर होता कि आटो रिक्शा में नियमानुसार मीटर ही लगवा दिए जाते।
पता नहीं सिवनी में नियमों को शिथिल कर नई राह पर चलने का मानो शगल चल पड़ा है दो तीन दशकों से। अब माडल रोड को ही ले लिया जाए। माडल रोड का निर्माण एक दशक से अधिक समय से हो रहा है। अभी यह पूरी नहीं हो पाई है, और इस सड़क को अब नए सिरे से बनाने का ताना बाना बुना जा रहा है।
इसी तरह एसपी बंगले से कलेक्टर बंगले तक की सड़क के दिन भी सुना है फिरने वाले हैं। इस सड़क पर डामरीकरण हुआ, सड़कों के किनारे पेवर ब्लाक अभी ही लगे हैं। सौंदर्यीकरण में लाखों फूंक दिए गए हैं, पर अब एक बार फिर इस सड़क का निर्माण कराने की बात सामने आ रही है। इसके अलावा गणेश चौक से बरघाट नाके वाली सड़क पर भी कुछ काम कराए जाने की चर्चाएं हैं।
सिवनी की जलावर्धन योजना की टांग पूरी तरह टूटी पड़ी है। इसके बाद भी ठेकेदार को लगातार ही निर्बाध रूप से भुगतान (पालिका में सत्तारूढ़ चाहे कांग्रेस हो या भाजपा) किया जा रहा है। जलावर्धन योजना में तीन चार साल पहले हर घर में पानी को नापने के लिए मीटर किस सबब से लगाए गए थे, यह बात कौन पूछेगा नगर पालिका के कर्णधारों से! क्या मीटर शोभा की सुपारी के लिए लगाए गए थे! अगर इनका उपयोग ही नहीं किया जाना था तो इनकी संस्थापना में जनता के गाढ़े पसीने की कमाई खर्च करने का क्या औचित्य था।
इसी तरह शहर में एक दशक पहले आधा दर्जन स्थानों पर लगाए गए यातायात सिग्नल्स ठूंठ के मानिंद ही खड़े हुए हैं। आज तक शायद ही इनका उपयोग हो पाया हो। आखिर इन्हें लगाया क्यों गया! जिन भी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों के कार्यकाल में इन समस्त कार्यों का भुगतान किया गया हो, उनके वेतन भत्तों और अगर वे सेवा निवृत हो चुके हैं तो उनकी पैंशन से इस राशि को वसूला जाना चाहिए।

शालाओं में विद्यार्थियों के लिए लागू होगी यह किराया सूची!

यक्ष प्रश्न यही बना हुआ है कि क्या परिवहन विभाग के द्वारा प्रति किलोमीटर किराया सूची जारी कर दी गई है। इस लिहाज से शालाओं में विद्यार्थियों को लाने ले जाने में लगे आटो पर भी यह लागू होना चाहिए और प्रति विद्यार्थी मासिक कितना किराया वसूल किया जाना चाहिए यह भी निर्धारित किया जाना चाहिए।

यात्री बस में कब चस्पा होगी किराया सूची!

सिवनी में यात्री बस संचालक मनमाना किराया वसूल कर रहे हैं। नागपुर में जो बस संचालक बस स्टैण्ड के आसपास फटक भी नहीं पाते हैं, वे सीना ठोंककर सिवनी के बस स्टैण्ड में सवारी भरते दिखते हैं। ऑन लाईन अगर आप देखेंगे तो पाएंगे कि सिवनी में एक ही स्थान का बस का किराया अलग अलग है, आखिर ऐसा क्यों! देखा जाए तो सिवनी बस स्टैण्ड से गुजरने वाली हर यात्री बस में किराया सूची चस्पा होना चाहिए, पर ऐसा नहीं है!
बहरहाल, वर्तमान में आटो रिक्शा में मीटर लगाया नहीं गया है और प्रतिकिलोमीटर किराया तय कर दिया गया है। मीटर लगवाने की जवाबदेही परिवहन विभाग की है, वह अपनी जवाबदेही से पीछे क्यों हट रहा है! आखिर क्या वजह है कि सत्तारूढ़ दल और विपक्ष दोनों ही जनता से सीधे जुड़े इन मुद्दों पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ पा रहे हैं . . .