बड़बोले नेताओं की मश्कें कसने की तैयारी में भाजपा आलाकमान . . .

एमपी के तीन नेताओं के बयानों से जमकर किरकिरी हुई है भाजपा की, इसलिए पचमढ़ी में हो रहा समागम . . .
(लिमटी खरे)

कहा जाता है कि किसी व्यक्ति की चाल, चरित्र, संयम, धैर्य, औकात अगर पता करना हो तो उसे बहुत सारा धन दे दिया जाए और बहुत सारा पावर। इसके बाद भी अगर वह संयमित व्यवहार करता है तो यह माना जा सकता है कि वह वास्तव में उसका असली हकदार है, किन्तु अगर वह पैसा और रूतबा पाकर अपना आचरण बदल दे, ऊल जलूल हरकतों पर अमादा हो जाए तो समझ जाना चाहिए कि वह ताकत और धन को पचा नहीं पा रहा है।
कमोबेश इसी तरह की स्थिति मध्य प्रदेश में हाल की कुछ दिनों में देखने को मिली है। देश के हृदय प्रदेश के कुछ नेताओं के बयानों ने पार्टी को इस कदर शर्मिंदा किया है कि अब पार्टी के द्वारा अपने नेताओं को सार्वजनिक रूप से वक्तव्य देने, भाषणबाजी करते समय परिवक्वता, धेर्य और संयम का आचरण कैसा हो, इसको सिखाने के लिए समूची प्रदेश इकाई हेतु तीन दिनों के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करने पर मजबूर हो गई है।
पिछले दिनों देश के हृदय प्रदेश के नेताओं के द्वारा मनमाने वक्तव्य देने की प्रवृत्ति पूरी तरह चरम पर ही नजर आ रही थी। प्रदेश के मंत्री विजय शाह जिनकी गिनती वरिष्ठों में होती है, के द्वारा आपरेशन सिंदूर के संदर्भ में कर्नल सोफिया को लेकर जिस तरह की टिप्पणी की थी, उसके बाद पार्टी बैकफुट पर नजर आई तो विपक्ष पूरी तरह हमलावर ही दिखाई दिया।
नेताओं के मनमाने बयान यहीं नहीं थमे। विजय शाह के बाद मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के भारतीय सेना को लेकर एक बयान दिया जो मीडिया और सोशल मीडिया पर छाया रहा। वहीं प्रदेश सरकार के एक अन्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के द्वारा महिलाओं के संबंध में एक बयान देकर मीडिया की सुर्खियां बटोरी गईं।
इस तरह से एक के बाद एक बयानों से मध्य प्रदेश की सियासी फिजा गरमाती दिखी और विपक्ष पूरी तरह हमलावर। फिर क्या था, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की पेशानी पर इस मामले को लेकर पसीने की बूंदें साफ दिखाई देने लगीं। इधर भाजपा के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि संघ की भकुटियां इस तरह की बयानबाजी पर तनती दिखीं तो भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने आनन फानन डैमेज कंट्रोल के साथ ही साथ नेताओं को दायरे में रखने की कवायद आरंभ कर दी गई।
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इसके बाद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के द्वारा इस मामले को गंभीरता से लेते पहाड़ों की रानी पचमढ़ी में संगठन, सांसदों और विधायकों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करने का फरमान जारी कर दिया गया। इस शिविर में भाजपा के नेशनल प्रेजीडेंट जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कुछ सत्रों में व्यक्तिगत निगरानी भी की जाएगी।
पचमढी में 16 जून तक प्रदेश के सभी मंत्रियों, विधायकों और सांसदों को चुनाव मैनेजमेंट से लेकर स्पीच स्किल और मोबाइल मैनर भी सिखाया जाएगा। प्रदेश के इन नेताओं के विवादित बयानों से प्रदेश में जिस तरह से पार्टी की किरकिरी हुई थी, उसके बाद अब पार्टी की सबसे बड़ी चिंता ये है कि सत्ता के साथ आ रहे इन साइड इफेक्ट्स से कैसे निपटा जाए और जनप्रतिनिधियो को कैसे फिर अनुशासन के दायरे में लाया जाए।
तब भी पचमढ़ी बना रहता था गर्मियों की राजधानी
अंग्रेजों के दौर में 1887 के आस पास पचमढ़ी अंग्रेजों की ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करता था। इसके बाद भी देश के आजाद होने के साथ ये सिलसिला चलता रहा और गर्मियो में राजधानी पचमढ़ी स्थानांतरित हो जाया करती थी। दस दौर में तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह की सरकार में आखिरी बार राजधानी गर्मियों में पचमढ़ी स्थानांतरित हुई, उसके बाद यह सिलसिला बंद हो गया। कांग्रेस के शासनकाल में राजा दिग्विजय सिंह भी अक्सर ही पचमढ़ी पहुंचा करते थे और वे देनवा रेस्टहाऊस को अपना आशियाना बनाया करते थे।
(साई फीचर्स)

लिमटी खरे

43 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. दिल्ली, मुंबई, नागपुर, सिवनी, भोपाल, रायपुर, इंदौर, जबलपुर, रीवा आदि विभिन्न शहरों में विभिन्न मीडिया संस्थानों में लम्बे समय तक काम करने का अनुभव, वर्तमान में 2008 से लगातार "समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया" के 'संस्थापक संपादक' हैं. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.