इस दिन से शुरू होगा ज्येष्ठ माह, इन चीजों के दान से शुभ फल की होगी प्राप्ति

ज्येष्ठ माह में क्या करें, क्या न करें, जानिए सब कुछ विस्तार से . . .
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वैसे तो हिन्दू महीनों में हर महीने के आखिरी में पूर्णिमा मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा। अर्चना करने का विधान है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार वैशाख पूर्णिमा का पर्व 12 मई को मनाया जाएगा। इसके अगले दिन यानी 13 मई से ज्येष्ठ माह की शुरुआत होगी। सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह को महत्वपूर्ण माना जाता है।
अगर आप जगत को रोशन करने वाले भगवान भास्कर, भगवान विष्णु जी देवाधिदेव महादेव ब्रम्हाण्ड के राजा भगवान शिव एवं भगवान श्री कृष्ण जी की अराधना करते हैं और अगर आप विष्णु जी एवं भगवान कृष्ण जी के भक्त हैं तो कमेंट बाक्स में जय सूर्य देवा, जय विष्णु देवा, ओम नमः शिवाय, जय श्री कृष्ण, हरिओम तत सत, ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः लिखना न भूलिए।
ज्येष्ठ माह में बहुत गर्मी होती है। यह हिंदू पंचांग का तीसरा महीना है। इसमें गर्मी अपने चरम पर होती है। इस महीने में प्यासे लोगों को शर्बत पिलाने का खास महत्व शास्त्रों में बताया गया है। ज्येष्ठ माह को तपस्या, संयम और सेवा का महीना मानते हैं। इस महीने में गर्मी बहुत होती है। इसलिए जल दान, व्रत और पूजा करना अच्छा माना जाता है। ज्येष्ठ महीने को जेठ माह भी कहते हैं। इस महीने में सूर्य देव और वरुण देव की पूजा करने से लाभ मिलता है।
इस माह में कई व्रत और पर्व मनाए जाते हैं। इसके अलावा पूजा, अर्चना और विशेष चीजों चीजों का दान भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ माह में पूजा और दान करने से साधक को जीवन में शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं। साथ ही सुख, समृद्धि में वृद्धि होती है।
ज्येष्ठ माह हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का तीसरा महीना होता है। यह महीना विशेष रूप से धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसमें कई प्रमुख व्रत, त्योहार और पूजा। अर्चना की जाती है। इस महीने की विशेषता उसकी आस्था और धार्मिक महत्व में है, जो मानव जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए योगदान देता है।
जानिए किस दिन से शुरू होगा ज्येष्ठ माह 2025,
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की शुरुआत 13 मई से होगी। वहीं, अगले महीने यानी 11 जून को ज्येष्ठ माह का समापन होगा। इस साल ज्येष्ठ का महीना 13 मई, मंगलवार से शुरू हो रहा है। यह महीना 11 जून, बुधवार को खत्म होगा। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 12 मई दिन सोमवार को रात 10 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी। यह तिथि 13 मई की देर रात तक रहेगी। इस तिथि का समापन 13 मई दिन मंगलवार को देर रात 12 बजकर 35 मिनट पर होगा। इस तरह से ज्येष्ठ माह 13 मई से आरंभ होगा।
जानिए जेठ माह में किन चीजों का दान करना चाहिए,
ज्येष्ठ माह में दान करने का खास महत्व है। इस माह में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा, अर्चना करने के बाद जल, अन्न, धन और कपड़े समेत आदि चीजों का दान गरीब लोगों में करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ माह में इन दान चीजों का दान करने से साधक को सभी समस्या से छुटकारा मिलता है। साथ ही सुख, समृद्धि में वृद्धि होती है।
अब जानिए ज्येष्ठ माह में कब – कब है बड़ा मंगल?
जयेष्ठ माह में मंगल देव के पूजन का अपना अलग और विशेष महत्व है। इस माह में मंगलवार को पूजन का विधान बताया गया है। मंगलवार को पवन पुत्र हनुमान जी की पूजा अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस माह में पहला बड़ा मंगल 13 मई को है। दूसरा बड़ा मंगल 20 मई को है। तीसरा बड़ा मंगल 27 मई को है। चौथा बड़ा मंगल 2 जून को है। पांचवां बड़ा मंगल 10 जून को है।
हनुमान जी की पूजा के दौरान करें इस मंत्र का जप
आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम,
लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम!
श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे,
रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः!
ज्येष्ठ माह में क्या करें यह जानिए,
ज्येष्ठ महीने में दान। पुण्य करना बहुत अच्छा माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में दान करने से भगवान हनुमान और सूर्य देव खुश होते हैं। लोग इस महीने में पानी से भरे घड़े, पंखे, जूते, चप्पल और कई चीजें दान करते हैं। इस महीने में कुछ खास चीजें दान करने से बहुत फायदा होता है, जैसे कि पानी से भरा घड़ा दान करना अच्छा माना जाता है।
अब जानिए कि इस महीने में क्या नहीं करना चाहिए,
जेठ महीने में दिन में नहीं सोना चाहिए। ऐसा करने वाले व्यक्ति को तमाम तरह के रोग घेरते हैं।
ज्येष्ठ के महीने मसालेदार चीज का सेवन नहीं करना चाहिए और दिन में एक बार भोजन करने का प्रयास करना चाहिए।
लहसुन, राई के अलावा गर्म चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि इस माह में सबसे अधिक गर्मी होती है।
इस माह में बैंगन का सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि इसका सेवन करने से संतान के लिए शुभ नहीं माना जाता है।
जेठ के महीने में कभी किसी प्यासे व्यक्ति को बगैर पानी पिलाए नहीं भेजना चाहिए।
हिंदू मान्यता के अनुसार जेठ के महीने में परिवार में बड़े पुत्र या फिर पुत्री का विवाह नहीं करना चाहिए।
ज्येष्ठ माह में गर्मी पड़ती है और शरीर में जल स्तर गिरने लगता है। इस माह जल का सही इस्तेमाल करना चाहिए और बेकार में जल का व्यर्थ करने से बचना चाहिए।
इस महीने के नियमों के बारे में जानिए,
सबसे पहला नियम ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ज्येष्ठ के महीने में अपने बड़े पुत्र या फिर पुत्री का विवाह नहीं करना चाहिए। इसे शुभ नहीं माना गया है।
दूसरे नियम के बारे में बात करें तो धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ के इस पावन महीने में लहसुन, बैंगन और राई का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस महीने में इन चीजों को जो कोई भी व्यक्ति खाता है तो उसको स्वास्थ्य से संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं इस महीने इन चीजों का सेवन करने से ग्रह दोष लगता है।
वहीं आपको बता दें कि ज्येष्ठ माह में जल के देवता वरुण देव की पूजा की जाती है। ऐसे में इस महीने में भूलकर भी पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए। वहीं इस महीने में गर्मी की वजह से नदी और तालाब का पानी सूख कर कम हो जाता है। जिसके चलते इस दौरान लोगों को पानी की कमी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर आप इस महीने में पानी की बर्बादी करते हैं तो इससे आपको जीवन में कई कष्ट झेलने पड़ते हैं। इतना ही नहीं ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि पानी की बर्बादी से धन की हानि होती है। ऐसे में यदि आप भी जल की बर्बादी करते हैं खासतौर पर इस माह में तो गरीबी को घर में प्रवेश करने से कोई भी रोक नहीं पाता है।
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले प्रत्येक मंगलवार का विशेष महत्व होता है। इसे बड़ा मंगल के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं कि इस महीने के प्रत्येक मंगलवार को किसी को भी पैसे उधार देने से बचना चाहिए क्योंकि माना जाता है कि इस दिन उधार दिए गए पैसों के वापिस मिलने की संभावना कम होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह में अगर कोई व्यक्ति आपके घर के द्वार पर आकर जल और अन्न की मांग करता है तो उसे निराश न करें।
यदि आप जीवन में तमाम सुख चाहते हैं तो ज्येष्ठ के महीने में ये सभी कार्य करने से बचें।
ज्येष्ठ महीने में कुछ खास चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। ज्येष्ठ के महीने में मसालेदार चीज का सेवन नहीं करना चाहिए। दिन में एक बार भोजन करने का प्रयास करना चाहिए। लहसुन और राई जैसी गर्म चीजों से भी दूर रहना चाहिए। बैंगन और मूली का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसका सेवन करना संतान के लिए अच्घ्छा नहीं होता है। इन बातों का ध्यान रखकर आप ज्येष्ठ महीने को अच्छे से बिता सकते है। हरि ओम,
अगर आप जगत को रोशन करने वाले भगवान भास्कर, भगवान विष्णु जी देवाधिदेव महादेव ब्रम्हाण्ड के राजा भगवान शिव एवं भगवान श्री कृष्ण जी की अराधना करते हैं और अगर आप विष्णु जी एवं भगवान कृष्ण जी के भक्त हैं तो कमेंट बाक्स में जय सूर्य देवा, जय विष्णु देवा, ओम नमः शिवाय, जय श्री कृष्ण, हरिओम तत सत, ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः लिखना न भूलिए।
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अखिलेश दुबे

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