ग्रह दोषों से मुक्ति दिलाता ज्येष्ठ

ज्योतिष शास्त्र में भी ज्येष्ठ माह को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। इस पवित्र महीने में पूजा। पाठ और दान। धर्म करने से कई प्रकार के ग्रह दोष से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। साथ ही इस महीने में निर्जला एकादशी और गंगा दशहरा जैसे महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार मनाए जाते हैं।
धार्मिक मान्यता है कि ज्येष्ठ माह में ही हनुमान जी की मुलाकात भगवान श्रीराम से हुई थी, इसलिए इस महीने में मंगलवार का व्रत रखने से साधक को विशेष लाभ मिलता है।साथ ही बजरंगबली की विशेष पूजा अर्चना करने से कई प्रकार के कष्टों का नाश हो जाता है।
जल का महत्व
जल संरक्षण और पेड़। पौधों को जल देने से कई कष्टों का नाश होता है, साथ ही पितर प्रसन्न होते हैं। इस महीने में कुछ महत्वपूर्ण ग्रह राशि परिवर्तन भी करेंगे, जिसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। शास्त्रों में बताया गया है कि ज्येष्ठ माह में दान। धर्म करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। साथ ही इस माह में किसी जरूरतमंद और पशु। पक्षियों को पानी पिलाने से विशेष लाभ मिलता है।
पूजा करना फलदायी
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, जेठ माह में सूर्य देव, वरुण देव, शनि देव और हनुमान जी की पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है।
ज्येष्ठ माह का महत्व और इसकी महिमा के बारे में जानिए विस्तार से
ज्येष्ठ माह का धार्मिक महत्व
ज्येष्ठ महीने का महत्व
ज्येष्ठ माह में सूर्य की स्थिति के कारण गर्मी अपने उच्चतम स्तर पर होती है। इस समय लोग जलवायु के प्रभाव से बचने के लिए विशेष धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। इसके अलावा, इस महीने का धार्मिक महत्व इस बात से भी जुड़ा है कि इसमें भगवान विष्णु और शिव के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। विशेष रूप से ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाली ज्येष्ठ अमावस्या और गंगा दशहरे का विशेष महत्व है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ माह में बजरंगबली की भेट राम जी से हुई थी। इसी वजह से इस माह में पड़ने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है। बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी और राम जी विशेष पूजा। अर्चना जरूर करनी चाहिए।
हिन्दू पंचाग के अनुसार ज्येष्ठ मास हिन्दू वर्ष का तीसरा माह है। हिन्दी माह में हर माह की एक विशेषता रही है। सभी की कोई न कोई खासियत होती ही है। जीवन में आने वाले उतार। चढा़वों में ये सभी माह कोई न कोई महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते ही हैं। मौसम में होने वाले जबरदस्त बदलाव को भी इन सभी 12 माह के दौरान देखा जा सकता है।
ज्येष्ठ माह को सबसे गर्म माह की श्रेणी में रखा जाता है। इसे सामान्य बोल। चाल की भाषा में जेठ का महीना भी कहा जाता है, क्योंकि ये सबसे गर्म महीना होता है। इसी माह में सबसे अधिक घ्सी वस्तुओं के दान की बात कही जाती है जो ठंडक और छाया देने वाली होती हैं जैसे कि । छाता, पंखा, पानी इत्यादि वस्तुओं का दान देने की जरुरत होती ही है।
ज्येष्ठ माह में विशेष रुप से गंगा नदी में स्नान और पूजन करने का विधि। विधान है। इस माह में आने वाले पर्वों में गंगा दशहरा और इस माह में आने वाली ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी और निर्जला एकादशी प्रमुख पर्व है। गंगा नदी का एक अन्य नाम ज्येष्ठा भी है। गंगा को गुणों के आधार पर सभी नदियों में सबसे उच्च स्थान दिया गया है।
ज्येष्ठ माह के व्रत व त्यौहार
त्योहारों से भरा है ज्येष्ठ
इस महीने में उत्तर भारत समेत तमाम क्षेत्रों में अधिक गर्मी पड़ती है और इस माह में कई तीज। त्योहार और पर्व आते हैं। इस माह में हर महीने में पड़ने वाली एकादशी प्रदोष, पूर्णिमा, नारद जयंती, शीतलाष्टमी, वट सावित्री व्रत, गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी जैसे प्रमुख व्रत और त्योहार पड़ते हैं।
ज्येष्ठ मास के त्यौहारों में गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, वटसावित्री व्रत, ज्येष्ठ पूर्णिमा, योगिनी एकादशी जैसे त्यौहार मनाए जाते हैं। इन त्यौहारों का महत्व ही हमारे जीवन में एक नई चेतना और विकास देने वाला होता है। इस माह के दौरान तीर्थ स्थलों पर जाकर नदियों में स्नान करने और लोगों को ठंडा पानी इत्यादि बांटा जाता है। जग। जगह पर लोगों को पानी पिलाने के लिए मटकों इत्यादि की व्यवस्था भी की जाती है।
इस माह के दौरान मौसम का प्रकोप इतना अधिक प्रचंड रहता है कि मनुष्य तो क्या जीव जन्तु भी इस समय में गर्मी की अधिकता से व्याकुल हो जाते हैं। घ्से में इस तपन को शांत करने के लिए ही पशु। पक्षिओं के लिए पानी इत्यादि की व्यवस्था की जाती है। लोग मीठा पानी इत्यादि चीजों को सभी में बांटते हैं।
गंगा दशहरा
गंगा दशहरा पृथ्वी पर पवित्र नदी गंगा के आगमन होने के उपलक्ष पर मनाया जाता है। इस त्यौहार के समय गंगा पूजन और व्रत इत्यादि करने का विशेष महत्व रहा है। साथ ही गंगा नदी में स्नान का विशेष महत्व माना जाता है। इस के साथ ही इस दिन जप । तप । दान का भी बहुत महत्व माना गया है। ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है।
गंगा नदी को भारत में एक बहुत ही पवित्र नदी के रुप में पूजा जाता है। जन्म से मृत्य तक के सभी कर्मों में गंगा की महत्ता सभी के समक्ष उल्लेखनीय भी रही है। जब माँ गंगा धरती पर आती हैं तो वो दिन ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी का था इसलिए गंगा के पृथ्वी पर अवतरण के दिन को ही गंगा दशहरा के नाम से मनाया जाता है।
निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ मास का एक अन्य महत्वपूर्ण त्यौहार निर्जला एकादशी है। यह त्यौहार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन संपन्न होता है। निर्जला एकादशी के दिन व्रत एवं पूजा पाठ करने का नियम भी रहता है। इस दिन देश भर में लोगों को, राहगीरों को मीठा पानी पिलाया जाता है जिसे कुछ स्थानों पर छबील भी कहा जाता है। इस एकादशी के दिन भी तीर्थ स्थलों पर स्नान करने का विशेष महत्व रहा है। इस दिन भगवान श्री विष्णु की पूजा कि जाती है। इस दिन किए गए जप। तप और दान का कई गुना फल मिलता है।
वटसावित्री व्रत
ज्येष्ठ माह की अमावस्या को वट सावित्री व्रत रुप में मनाया जाता है। ये व्रत सौभाग्य की वृद्धि करने वाला होता है। वट के वृक्ष को हिंदू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। इस वृक्ष पर ब्रम्हा, विष्णु व महेश तीनों का वास माना गया है। इसी के समक्ष सावित्री और सत्यवान की कथा का श्रवण किया जाता है और पूजन, व्रत कथा श्रवण आदि के पश्चात व्रत संपन्न होता है।
चांद व्रत
ज्येष्ठ माह में महिलाएं विशेष रूप से चांद के लिए व्रत करती हैं। इस व्रत का उद्देश्य परिवार में सुख। समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करना है। महिलाएं इस दिन चांद को अर्घ्य देकर व्रत का पालन करती हैं।
ज्येष्ठ पूर्णिमा
ज्येष्ठ माह कि पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। इस दिन प्रातरूकाल समय पर पवित्र नदी या घर पर ही स्नान करने के पश्चात पूजा। पाठ किया जाता है। ब्राम्हण को भोजन कराना, गरीबों को दान करना और सत्यनारायण कथा श्रवण करना मुख्य कार्य होते हैं ये सभी इस पूर्णिमा के दिन किए जाने पर व्यक्ति के शुभ कर्मों में वृद्धि होती है। पौराणिक मान्यताओं अनुसार भी यह माह बहुत गर्म माह होता है ऐसे में इस माह में पूर्णिमा के दिन जल का दान अत्यंत उत्तम फल प्रदान करने वाला होता है। इस दान के अलावा गरीबों को खाना खिलाने और वस्त्र इत्यादि वस्तुओं का दान देने का भी अक्षय फल मिलता है। ज्येष्ठ पूर्णमा के दिन संत कबीर का भी जन्म दिवस मनाया जाता है।
ज्येष्ठ मास व्यक्ति स्वभाव
ज्येष्ठ माह में जन्मे जातक के विषय में ज्योतिष ग्रंथों में बहुत सी बातें कहीं गई हैं। जैसे कि जिस व्यक्ति का जन्म ज्येष्ठ मास में हुआ हो, उस व्यक्ति को परदेश में रहना पडता है। उसे विदेश से लाभ मिल सकता है। अपने घर से दूर रहने की प्रवृत्ति भी देखी जा सकती है। घ्सा व्यक्ति शुद्ध विचार युक्त होता है। उसके मन में किसी के लिए किसी प्रकार का कोई बैर। भाव नहीं रहता है। इस योग से युक्त व्यक्ति धन से समृद्ध होता है। उसकी आयु दीर्घ होती है। बुद्धि को उतम कार्यों में लगाने की प्रवृति उसमें होती है।
जातक में गंभीरता होती है। वह क्रोध और कुछ जिद अधिक करने वाला हो सकता है। मेहनत से भाग्य का निर्माण करने वाला और जीवन के संघर्षों के प्रति जागरुक भी होता है। वह कोशिश करता है की अपने प्रयासों से दूसरों के लिए और खुद के लिए कुछ बेहतर कर सके।
ज्येष्ठ माह की कथा
ज्येष्ठ माह से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा है जो धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस महीने में भगवान विष्णु ने असुरों से संघर्ष करते हुए धर्म की रक्षा की। एक समय की बात है, जब असुरों ने देवताओं को हराकर स्वर्ग पर कब्जा कर लिया था। सभी देवता भयभीत हो गए थे और उन्होंने भगवान विष्णु से सहायता मांगी। भगवान विष्णु ने अपने रूपों को बदलकर असुरों से युद्ध किया और उन्हें पराजित कर देवताओं को उनका स्वर्ग लौटाया। इस कथा के माध्यम से यह सिखाया जाता है कि भगवान विष्णु ने सदैव धर्म की रक्षा की है और इस महीने में पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार की बाधाओं को समाप्त किया जा सकता है।

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(साई फीचर्स)

आकाश कुमार

आकाश कुमार ने नई दिल्ली में एक ख्यातिलब्ध मास कम्यूनिकेशन इंस्टीट्यूट से मास्टर्स की डिग्री लेने के बाद देश की आर्थिक राजधानी में हाथ आजमाने की सोची. लगभग 15 सालों से आकाश पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं और समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के मुंबई ब्यूरो के रूप में लगातार काम कर रहे हैं.समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.