माघ पूर्णिमा पर स्नान, दान, व्रत, पूजन आदि सब कुछ के बारे में जानिए विस्तार से . . .

जानिए कब है आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माघ पूर्णिमा . . .
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माघ पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो माघ महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। माघ पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का अत्याधित धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इस दिन बैकुंठ लोक से स्वामी भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि इस तिथि पर व्रत रखने वाले जातक को मृत्यु पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है।
अगर आप जगत को रोशन करने वाले भगवान भास्कर, भगवान विष्णु जी एवं भगवान श्री कृष्ण जी की अराधना करते हैं और अगर आप विष्णु जी एवं भगवान कृष्ण जी के भक्त हैं तो कमेंट बाक्स में जय सूर्य देवा, जय विष्णु देवा, जय श्री कृष्ण, हरिओम तत सत, ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः लिखना न भूलिए।
इस दिन व्रत के साथ सत्यनारायण पूजा का भी विधान है। इस साल होने वाले महाकुंभ की वजह से इस स्नान को महास्नान नाम दिया गया है। माना गया है कि इस दिन संगम या पुण्य दायिनी गंगा मैया स्नान करने से जातक के जीवन में सुख-समद्धि आती है।
जानिए माघ पूर्णिमा कब है
माघ पूर्णिमा 12 फरवरी को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 11 फरवरी शाम 6 बजकर 55 मिनट से शुरू होगी। यह 12 फरवरी शाम 7 बजकर 22 मिनट तक होगी। हिंदू धर्म में उदया तिथि महत्वपूर्ण है। इसलिए माघ पूर्णिमा 12 फरवरी को मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 11 फरवरी की शाम को होगा। उदया तिथि के महत्व के कारण, माघ पूर्णिमा का पर्व अगले दिन मनाया जाएगा। पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय, शाम 5 बजकर 59 मिनट पर रहेगा।

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जानिए कौन से बन रहे शुभ योग और कब करना है स्नान-दान?
माघी पूर्णिमा के दिन ब्रम्ह मुहूर्त सुबह 5 बजकर 19 मिनिट पर शुरू होगा और 6 बजकर 10 मिनिट तक रहेगा। अमृत काल 5 बजकर 55 मिनिट से 7 बजकर 35 मिनिट तक रहेगा। वहीं, विजय मुहूर्त की बात करें तो यह 2 बजकर 27 मिनिट से 3 बजकर 11 मिनिट तक रहेगा। ऐसे में जातक अपने शुभ काम इन शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं। पर दान-पुण्य के लिए ब्रम्ह मुहूर्त को सबसे अच्छा माना जाता है, इस कारण कोशिश करें कि स्नान और दान इसी मुहूर्त में कर लें। वैसे सुबह जल्दी उठने वालों के लिए ब्रम्ह मुहूर्त शुभ माना जाता है। शाम के समय गोधूलि बेला होती है। अमृत काल, शाम से रात तक का समय भी स्नान के लिए महत्वपूर्ण है।
अब जानिए माघ पूर्णिमा का महत्व,
माघ पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन पुण्य दायिनी गंगा मैया का स्नान और दान का विशेष महत्व माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन पुण्य दायिनी गंगा मैया का स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन दान करने से भी विशेष फल प्राप्त होता है। माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
माघ पूर्णिमा की कथा जानिए,
माघ पूर्णिमा से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। इनमें से एक प्रमुख कथा के अनुसार, माघ महीने में प्रयागराज में पुण्य दायिनी गंगा मैया, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान करने से विशेष फल प्राप्त होता है। इस कथा के अनुसार, माघ महीने में देवता भी मनुष्य रूप धारण करके प्रयागराज में स्नान करने आते हैं। एक अन्य कथा के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है।
माघ पूर्णिमा की पूजा विधि जानिए,
माघ पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। पूजा में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को फूल, फल, मिठाई और धूप-दीप आदि अर्पित करें।
इस दिन पुण्य दायिनी गंगा मैया का स्नान का विशेष महत्व है। यदि संभव हो तो पुण्य दायिनी गंगा मैया नदी में स्नान करें। यदि पुण्य दायिनी गंगा मैया नदी में स्नान करना संभव न हो तो घर में ही स्नान करते समय पुण्य दायिनी गंगा मैया के जल का उपयोग करें।
स्नान के बाद दान करें। दान में वस्त्र, अन्न, तिल, गुड़, कंबल आदि का दान करें। आप अपनी क्षमता के अनुसार दान कर सकते हैं।
माघ पूर्णिमा की पूजाविधि माघी पूर्णिमा के दिन व्रत रखने और पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है। यह पूर्णिमा स्नान-दान के लिए भी खास मानी जाती है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान पुण्यदायक होता है। पूजा में सबसे पहले विष्णु और लक्ष्मी जी को स्नान कराएं। फिर उन्हें नए वस्त्र पहनाए। पूजा स्थल को फूलों से सजाएं। सुंदर रंगोली बनाएं। पूजा में सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व है। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। विष्णु जी को तुलसी दल जरूर अर्पित करें। दीपक जलाते समय ध्यान रखें कि वह घी का हो। आरती के बाद व्रत कथा सुनें या पढ़ें। इससे व्रत का पूरा फल मिलता है। भोग लगाने के बाद प्रसाद सभी में बांटें। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने से विशेष पुण्य मिलता है। इस पूजा और व्रत से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
जानिए, स्नान के बाद पुण्य पाने के लिए जपें कौन से मंत्र!
स्नान करने के बाद जातक को कुछ मंत्रों का जप करना चाहिए। माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में इन मंत्रों के जप से धन-धान्य में वृद्धि होगी। आइए जानते हैं ये मंत्र
ओम नमो भगवते वासुदेवाय।
ओम श्रीं हीं क्लीं महालक्ष्मी नमः
ओम श्रीं हीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
ओम श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ओम।
ओम श्रीं ह्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा।
अब जानिए माघ पूर्णिमा के दिन क्या करें
माघ पूर्णिमा के दिन पुण्य दायिनी गंगा मैया स्नान करें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। दान करें। गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करें। इस दिन व्रत रखें। माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। इस दिन पितरों का तर्पण करें। इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा सुनें।
जानिए, माघ पूर्णिमा के दिन क्या न करें,
माघ पूर्णिमा के दिन किसी भी प्रकार का नशा न करें। इस दिन मांस और मदिरा का सेवन न करें। इस दिन किसी भी प्रकार का गलत काम न करें। इस दिन किसी को भी अपशब्द न कहें।
माघ पूर्णिमा का वैज्ञानिक महत्व जानिए,
माघ पूर्णिमा का वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्व है। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है। चंद्रमा के पृथ्वी के निकट होने से चंद्रमा की ऊर्जा का प्रभाव पृथ्वी पर अधिक पड़ता है। इस ऊर्जा के प्रभाव से मनुष्य के मन और मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन पुण्य दायिनी गंगा मैया स्नान करने से शरीर के विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और शरीर शुद्ध होता है।
माघ पूर्णिमा का आध्यात्मिक महत्व जानिए,
माघ पूर्णिमा एक आध्यात्मिक महत्व का त्योहार है। इस दिन पुण्य दायिनी गंगा मैया स्नान और दान करने से मनुष्य के पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। यह त्योहार मनुष्य को धार्मिक और आध्यात्मिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। यह त्योहार मनुष्य को ईश्वर के प्रति अपनी भक्ति और आस्था को बढ़ाने की प्रेरणा देता है।
जानिए माघ पूर्णिमा का सामाजिक महत्व,
माघ पूर्णिमा एक सामाजिक महत्व का त्योहार भी है। इस दिन दान करने से समाज में समरसता और भाईचारा बढ़ता है। यह त्योहार गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करने की प्रेरणा देता है। माघ पूर्णिमा के दिन लोग एक दूसरे के साथ मिलकर पुण्य दायिनी गंगा मैया स्नान करते हैं और दान करते हैं। इससे समाज में एकता और सद्भावना बढ़ती है।
माघ पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। माघ पूर्णिमा के दिन पुण्य दायिनी गंगा मैया स्नान, दान और भगवान विष्णु की पूजा करने से मनुष्य को पुण्य की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। यह त्योहार मनुष्य को धार्मिक और आध्यात्मिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है और समाज में समरसता और भाईचारा बढ़ाता है। हरि ओम,
अगर आप भगवान विष्णु जी एवं भगवान श्री कृष्ण जी की अराधना करते हैं और अगर आप विष्णु जी एवं भगवान कृष्ण जी के भक्त हैं तो कमेंट बाक्स में जय विष्णु देवा, जय श्री कृष्ण, हरिओम तत सत, ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः लिखना न भूलिए।
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शरद खरे

लगभग 18 वर्षों से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। दैनिक हिन्द गजट के संपादक हैं, एवं समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के लिए लेखन का कार्य करते हैं . . . समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.