जानिए खर मास में किस देवता की पूजा करने से मिलता है पुण्य . . .
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यूं तो इस समय साल का आखिरी महीना चल रहा है लेकिन हिंदू पंचांग की बात करें तो कल से साल का दसवां यानी पौष मास शुरू हो गया है। पौष माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को पौष प्रतिपदा कहा जाता है। आपको बता दें कि पौष प्रतिपदा के साथ ही खरमास आरंभ हो जाता है। खरमास में शादी ब्याह, गृह प्रवेश, सगाई और मुंडन जैसे शुभ कामकाज नहीं किए जाते हैं। चलिए जानते हैं कि पौष माह क्यों महत्वपूर्ण हैं और किन राशियों के लिए ये खास रहने वाला है।
अगर आप जगत को रोशनी देने वाले भगवान भास्कर, भगवान विष्णु जी एवं भगवान श्री कृष्ण जी की अराधना करते हैं और अगर आप विष्णु जी एवं भगवान कृष्ण जी के भक्त हैं तो कमेंट बाक्स में जय सूर्य देवा, जय विष्णु देवा, जय श्री कृष्ण, हरिओम तत सत, ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः लिखना न भूलिए।
पौष मास का महत्व जानिए,
पौष माह को खरमास कहते हैं और कई जगह इसे छोटा पितृपक्ष भी कहा जाता है। इस पूरे माह में पितरों की शांति और मुक्ति के लिए पूजा पाठ किया जाता है। इस दौरान दान पुण्य के साथ साथ पितरों के नाम का तर्पण भी किया जाता है। वैदिक ज्योतिष में कहा गया है कि सूर्य जब धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो खरमास आरंभ हो जाता है। पौष माह में सृष्टि को रोशन करने वाले भगवान सूर्यदेव की पूजा की जाती है और उन्हें तिल मिले जल का तर्पण किया जाता है। कहा जाता है कि ये वही महीना है जब सूर्य अपनी ग्यारह हजार रश्मियों से जनता को ऊर्जा प्रदान करते हैं। इस माह में पितरों का श्राद्ध करने पर पितृ दोष से मुक्ति मिलने की बात कही गई है। इस दौरान लोग नदी किनारे स्नान करके दान और ध्यान भी करते हैं।
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पौष महीना हिंदू कैलेंडर का 10वां महीना है। यह मार्गशीर्ष के बाद आता है। पौष को शुभ और अशुभ दोनों ही तरह का महीना माना जाता है। पौष महीने में सूर्य देव की पूजा की जाती है। विक्रम संवत का दसवाँ महीना पौष कहलाता है। हिंदू महीनों के नाम नक्षत्रों के आधार पर रखे गए हैं। हिंदू धर्म में प्रत्येक महीने का नामकरण उस नक्षत्र के आधार पर किया जाता है जिस नक्षत्र में चंद्रमा आकाश में दिखाई देता है। हिंदू धर्म में महीने का परिवर्तन भी चंद्र चक्र के आधार पर होता है। पौष महीने की पूर्णिमा पुष्य नक्षत्र में पड़ती है, इसलिए इस महीने को पौष महीना कहा जाता है।
इन राशियों के लिए शुभ होगा पौष मास
पौष का महीना धार्मिक अनुष्ठान के लिए उपयुक्त माना जाता है। ये माह कुंभ राशि के लिए खास तौर पर लाभदायक रहने वाला है। इस दौरान निजि जीवन में खुशहाली आएगी और संबंधों में प्यार बढ़ेगा। व्यापार के लिहाज से भी ये माह अच्छा है। मकर राशि के लिए भी ये महीना अच्छा रहेगा। करियर में उन्नति होगी, आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को नौकरी मिलेगी।बिजनेस में नई योजनाएं लाभ देंगी। संतान की तरफ से अच्छी खबर मिलेगी। मीन राशि वालों के लिए भी ये माह काफी उत्तम साबित होगा। वैवाहिक जीवन में खुशहाली आएगी। नई दुकान और गाड़ी खरीदने के योग बन रहे हैं। अगर नौकरी करते हैं तो अपना बिजनेस शुरू करने के योग बन रहे हैं। अगर उम्र ज्यादा है तो भी सेहत अच्छी रहेगी।
मकर राशि वालों के लिए शुभ रहने वाला है पौष माह,
मकर राशि के लिए भी ये महीना अच्छा रहेगा।करियर में प्रोग्रेस होगी, आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को नौकरी मिलेगी।बिजनेस में नई योजनाएं लाभ देंगी। संतान की तरफ से अच्छी खबर मिलेगी। ऐसे लोग जिनके काम काफी वक्त से अटके हुए हैं और पूरे नहीं हो पा रहे हैं, उनके रुके हुए काम पूरे होंगे। अविवाहित लोगों के लिए भी ये माह अच्छा है क्योंकि इस दौरान शादी के अच्छे प्रस्ताव सामने आ सकते हैं। पारिवारिक सुख मिलेगा और परिवार में खुशहाली का माहौल बना रहेगा।
मीन राशि वालों के लिए बेहतरीन साबित होगा पौष माह,
मीन राशि वालों के लिए भी ये माह काफी उत्तम साबित होगा। इस राशि के जातकों के वैवाहिक जीवन में मधुरता आएगी। दांपत्य जीवन में खुशनुमा माहौल बना रहेगा। दुकानदारों के लिए ये माह काफी शुभ साबित होने जा रहा है। नई दुकान का सपना देख रहे हैं तो ये माह काफी अच्छा है। इसके साथ साथ नई गाड़ी खरीदने के भी योग बन रहे हैं। जो लोग नौकरी करते आ रहे हैं, अगर वो कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो ये माह उनके लिए अपार नए मौके लेकर आ रहा है क्योंकि बिजनेस शुरू करने के लिए ये अच्छा मौका है। उम्रदराज लोगों के लिए ये माह सेहत के लिहाज से काफी अच्छा है क्योंकि इस दौरान सेहत संबंधी दिक्कतें दूर हो जाएंगी। संतान पक्ष की तरफ से शुभ समाचार मिलने के योग बन रहे हैं।
भगवान सूर्य की पूजा बहुत महत्वपूर्ण
पौष महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में गोचर करता है। इसलिए इसका नाम पौष रखा गया है। वैदिक पंचांग के अनुसार, 16 दिसंबर से पौष महीना शुरू हो रहा है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस महीने में भगवान सूर्य की पूजा बहुत ही महत्वपूर्ण मानी गई है। मान्यता है कि इस महीने भगवान सूर्य 11,000 रश्मियों के साथ तपकर ठंड से राहत प्रदान करते हैं।
पौष में नहीं होते मांगलिक काम,
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, भगवान सूर्य को परब्रह्म का स्वरूप माना जाता है। ऐश्वर्य, धर्म, यश, श्री, ज्ञान और वैराग्य को ही हिंदू धर्म शास्त्रों में भग माना जाता है।पौष में मांगलिक कार्य नहीं करने की मान्यताएं हैं। क्योंकि इस महीने में किए गए मांगलिक कार्यों का कोई पुण्य फल प्राप्त नहीं होता। इसकी एक वजह ये भी है कि इस महीने में सूर्य देव धनु राशि में गोचर कर रहे होते हैं। इसलिए इस महीने को धनुर्मास के नाम से भी जाना जाता है। धनु संक्रांति से खरमास की शुरुआत हो जाती है। ज्योतिष शास्त्र में इसे शुभ नहीं माना जाता है।
पौष महीने में करें इन नियमों का पालन,
हिंदू पुराणों के अनुसार, पौष महीने में पड़ने वाले हर रविवार को भगवान सूर्य को तांबे के बर्तन में लाल चंदन और लाल फूल मिश्रित जल दें।
सूर्य का मंत्र ओम सूर्याय नमः का जप अवश्य करें।
संभव हो तो रविवार के दिन सूर्यदेव का व्रत रखें।
तिल और चावल की खिचड़ी का दान करें। व्रत खोलने के समय मीठा भोजन करें।
इस माह में क्या करें और क्या नहीं?
गरीब और जरूरतमंद लोगों को कंबल, गर्म कपड़े, गुड़ और तिल का दान करें। ऐसा करना बहुत फलदायी होता है।
भगवान सूर्य के अलावा भगवान विष्णु का पूजन करें।
पूरे महीने मांसाहार और शराब से दूर रहें। हरि ओम,
अगर आप भगवान विष्णु जी एवं भगवान श्री कृष्ण जी की अराधना करते हैं और अगर आप विष्णु जी एवं भगवान कृष्ण जी के भक्त हैं तो कमेंट बाक्स में जय विष्णु देवा, जय श्री कृष्ण, हरिओम तत सत, ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः लिखना न भूलिए।
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