जानिए, फाल्गुन माह में किन किन देवी-देवताओं की होती है आराधना . . .

फाल्गुन माह में पड़ने वाले व्रत एवं त्यौहारों के बारे में जानिए विस्तार से . . .
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फाल्गुन माह के दौरान बसंत अपने यौवन पर रहता है। इस माह में प्रकृति में चहुं और उत्साह का संचार नजर आता है वहीं, इस समय लोगों में भी एक नई ऊर्जा का संचार हो रहा होता है। इसी उर्जा और उत्साह से लवरेज लोग फाल्गुन में किन प्रमुख त्यौहारों को मनाते हैं इस बारे में हम आज आपको बताते हैं।
पहले चर्चा करते हैं जानकी जयंती या सीता अष्टमी के बारे में, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को माता सीता की जयंती के रूप मनाया जाता है। इस अष्टमी को जानकी जयंती और सीता अष्टमी के नाम से जाना जाता है।
इसके बाद आता है विजया एकादशी का नंबर, फाल्गुन कृष्ण पक्ष एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकादशी व्रत का अपना विशिष्ट महत्व होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उपवास रखा जाता है।
अगर आप जगत को रोशन करने वाले भगवान भास्कर, भगवान विष्णु जी एवं भगवान श्री कृष्ण जी की अराधना करते हैं और अगर आप विष्णु जी एवं भगवान कृष्ण जी के भक्त हैं तो कमेंट बाक्स में जय सूर्य देवा, जय विष्णु देवा, जय श्री कृष्ण, हरिओम तत सत, ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः लिखना न भूलिए।
देवाधिदेव महादेव ब्रम्हाण्ड के राजा भगवान शिव की महाशिवरात्रि, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान भोलेनाथ की आराधना का यह महापर्व मनाया जाता है।
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फाल्गुनी अमावस्या का भी धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व है। दान पुण्य तर्पण आदि के लिये अमावस्या के दिन को विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।
फाल्गुन शुक्ल एकादशी को आमलकी एकादशी कहा जाता है। इस उपवास करना बहुत ही शुभ माना जाता है। सुख समृद्धि व मोक्ष की कामना हेतु इस दिन उपवास किया जाता है व भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। रात्रि को जागरण करते हुए द्वादशी के दिन व्रत का पारण किया जाता है।
फाल्गुन पूर्णिमा को होली का पर्व मनाया जाता है इस दिन होलिका पूजन कर सांय के समय होलिका दहन किया जाता है। होली दहन के अगले दिन रंग वाली होली खेली जाती है। होली का डंडा मघा पूर्णिमा के दिन गाड़ा जाता है और फाल्गुन पूर्णिमा तक इसके इर्द-गिर्द झाड़ व लकड़ियां इकट्ठी कर होलिका बनाई जाती है। होलिका दहन के समय दहकती हुई होलि से भक्त प्रह्लाद के प्रतीक के रूप में डंडे को जलने से बचाया जाता है आम तौर पर डंडा एरंड या गूलर वृक्ष की टहनी का होता है।
इस दौरान हिंदू धर्मावलंबी फाग महोत्सव भी मनाते हैं। जो इस माह की महिमा और बढ़ा देता है। रंगों का त्योहार होली भी फाल्गुन माह की पूर्णिमा को रंग, उत्साह, मस्ती और उल्लास का त्योहार मनाया जाता है। वसंत की हवा के झोंके, फाल्गुन की मस्ती और रंगों का सुरूर जीवन को उत्साहित कर देता है। ऐसा लगता है कि प्रकृति भी हमारे साथ-साथ फाल्गुन का मजा ले रही हो। फाल्गुन का यही उत्सवी माहौल इसे अन्य महीनों से जुदा बनाता है और खास भी।
सनातन धर्म में फाल्गुन माह का विशेष महत्व है। बता दें कि हिंदू पंचांग का आखिरी महीना फाल्गुन कहलाता है। हिन्दू पंचाग का आखिरी माह यानी कि फाल्गुन माह 13 फरवरी से आरंभ हो गया है। इस माह में कई सारे त्योहार मनाएं जाते हैं, यही वजह है कि इस महीने को आनंद और उल्लास का माह कहा जाता है। इस माह जो पूर्णिमा आती है, उसे फाल्गुनी नक्षत्र कहा जाता है, जिसे काफी खास माना जाता है। इसे बसंत या वसंत ऋतु का महीना भी कहा जाता है। कहते हैं कि इस माह के शुरू होते ही सर्दी कम होने लगती है और हल्की-हल्की गर्मी शुरू हो जाती है।
फाल्गुन माह में भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विशेष विधान है। इस माह भगवान श्री कृष्ण के तीनों रूप बाल, युवा और गुरु कृष्ण की उपासना की जाती है। फाल्गुन कृष्ण पक्ष एकादशी को विजया एकादशी नाम से जाना जाता है। फाल्गुन द्वादशी को यदि श्रवण नक्षत्र युक्त हो तो, इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु का विधि-विधान से पूजन और व्रत करने का विधान है। इस माह में कृष्ण पक्ष अष्टमी को माता सीता की जयंती के रूप मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन माह में ही चंद्रदेव का जन्म हुआ था, इसलिए इस माह चंद्र देव की भी आराधना की जाती है। इस माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव की शंकर की आराधना का महापर्व महाशिवरात्रि बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है।
जानिए, फाल्गुन माह में इन देवी-देवताओं की होती है आराधना,
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है।
फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष अष्टमी को माता सीता की जयंती के रूप मनाया जाता है। इस माह मां सीता की आराधना की जाती है।
फाल्गुन माह में भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विशेष विधान है। इस माह भगवान श्री कृष्ण के तीनों रूप बाल, युवा और गुरु कृष्ण की उपासना की जाती है।
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव शंकर की अराधना की जाती है, यह दिन महाशिवरात्रि कहलाता है।
कहते हैं कि फाल्गुन माह में ही चंद्रदेव का जन्म हुआ था, इसलिए इस माह चंद्र देव की भी आराधना की जाती है।
दक्षिण भारत में उत्तिर नामक मंदिरोत्सव का पर्व भी मनाया जाता है।
फाल्गुन माह में भगवान श्री कृष्ण की पूजा-आरधना की जाती है। मान्यता है कि फाल्गुन माह में श्री कृष्ण के तीनों रूप बाल, युवा और गुरु कृष्ण की उपासना की जाती है। कहते हैं कि इस माह संतान के लिए बाल कृष्ण की, प्रेम के लिए युवा कृष्ण की और ज्ञान और वैराग्य के लिए गुरु कृष्ण की पूजा-आराधना की जाती है।
फाल्गुन माह में जन्म लेने वाले लोगों के गुण जानिए,
कोई भी व्यक्ति जिस महीने में जन्म लेता है, उस महीने की गहरी छाप उसके व्यक्तित्व पर दिखाई देती है। इसी क्रम में फाल्गुन माह में पैदा हुए बच्चों के अंदर भी कई गुण देखने को मिलते हैं। ये लोग शुक्ल वर्ण वाले होते हैं और दूसरों का उपकार करने वाले भी होते हैं। इनके पास धन की कोई कमी नहीं होती है और हमेशा ही सुखी जीवन जीते हैं। इन्हें घूमना फिरना पसंद होता है और ये हमेशा विदेश यात्रा करने वाले होते हैं। फाल्गुन के महीने में जन्म लेने वाले लोग विश्वसनीय, उदार और प्रेमी होते हैं। ये देखने में भी काफी सुंदर और आकर्षित होते हैं, साथ ही लोगों के बीच काफी पसंद किए जाते हैं। ये लोग काफी मिलनसार होते हैं और अपने मित्रों व परिवार के साथ यात्रा करना पसंद करते हैं। इनका यही घुमक्कड़ी शौक इनको प्रकृति और एडवेंचर के काफी करीब ले जाता है। ये अपने लक्ष्य के प्रति बहुत अधिक समर्पित होते हैं और लक्ष्य को पूरा करके ही रहते हैं। ये लोग अपने काम को बेहतर और अनूठे तरह से करना पसंद करते हैं और ये खूबी इनको अपने काम में बहुत अधिक आगे ले जाती है। इस वजह से हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं।
इनके अंदर इंट्यूूशन पॉवर बहुत ज्यादा होती है और आने वाली चुनौतियों और समस्याओं के बारे में जल्द ही निर्णय लेते हैं और उनसे बच निकलते हैं। ये दिखने में जितने भी साधारण हों, लेकिन इनके विचार काफी गहरे होते हैं, यही वजह से कि ये अपने कोई भी फैसले जल्दबाजी में न लेकर बड़े ही सोच समझकर लेते हैं। इनके प्रेम जीवन की बात करें तो ये जल्द ही किसी को पसंद नहीं करते, इसके लिए भी ये समय लेते हैं। ये अपने पार्टनर को हमेशा खुश रखने की कोशिश करते हैं और उनकी परेशानियों में साथ खड़े रहते हैं। यदि इनका रिलेशनशिप सफल भी न हो पाए तो ये पार्टनर के साथ एक मित्र और शुभचिंतक के रूप में संबंध बनाए रखने का प्रयास करते हैं और हमेशा अपने दिल के करीब रखते हैं क्योंकि ये दुश्मनी करने से बचते हैं। ये लोग कमिटमेंट के पक्के होते हैं इसलिए पार्टनर के साथ इनकी खूब जमती है।
जानिए, फाल्गुन माह में दान का महत्व व किन चीज़ों का करना चाहिए दान,
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल का आखिरी महीना यानी फाल्गुन के महीने का विशेष महत्व है और इस दिन दान-पुण्य करना बेहद फायदेमंद माना जाता है। माना जाता है कि इस माह में अपनी क्षमता से गरीब व जरूरतमंदों को दान करना चाहिए और पितरों का तर्पण आदि करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और वे आपको आशीर्वाद देते हैं। नारद पुराण के अनुसार, इस महीने को मन्वादि तिथि भी कहा जाता है, यानी इस दिन दिया गया दान बहुत ही खास माना जाता है।
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना भी फायदेमंद होता है। शास्त्रों के अनुसार, इस माह के दौरान अन्न, जल, स्वर्ण या कपड़े का दान देने की परंपरा है। फाल्गुन माह में शुद्ध घी, तिल, सरसों का तेल, मौसमी फल आदि का दान अत्यंत ही पुण्य फल प्रदान करने वाला माना गया है। मान्यता है कि इस माह में इन चीज़ों के दान से अक्षय पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण भी अवश्य करें। ऐसा करने से जीवन से सभी दोष दूर हो जाते हैं। हरि ओम,
अगर आप भगवान विष्णु जी एवं भगवान श्री कृष्ण जी की अराधना करते हैं और अगर आप विष्णु जी एवं भगवान कृष्ण जी के भक्त हैं तो कमेंट बाक्स में जय विष्णु देवा, जय श्री कृष्ण, हरिओम तत सत, ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः लिखना न भूलिए।
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(साई फीचर्स)

शरद खरे

लगभग 18 वर्षों से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। दैनिक हिन्द गजट के संपादक हैं, एवं समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के लिए लेखन का कार्य करते हैं . . . समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.