संघ का एक धड़ा चाह रहा है नितिन गड़करी के हाथों में एक बार फिर आए भाजपा की कमान
(लिमटी खरे)
पूरे देश के लोगों की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि विश्व की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी का मुखिया कौन होगा। देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली में शिगूफों और चर्चाओं का न थमने वाला दौर तब तक जारी रहने की उम्मीद है जब तक भाजपा के नए अध्यक्ष की आधिकारिक घोषणा नहीं हो जाती।
यहां यह बताना लाजिमी होगा कि भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष चुने गए थे और उसके बाद 2020 में वे पूर्णकालिक अध्यक्ष चुने गए। उनका कार्यकाल जून 2024 में समाप्त हो गया था, पर वे अब भी भाजपा के सबसे ताकतवर पद पर विराजमान हैं, क्योंकि उनके उत्ताधिकारी पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। वे वर्तमान में केंद्रीय मंत्री का पद भी धारित किए हुए हैं।
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सियासी बियावान में चाहे जो भी नाम चल रहे हों पर जब तक औपचारिक घोषणा नहीं हो जाती तब तक भाजपा के नए अध्यक्ष को लेकर सस्पेंस बरकरार ही रहने वाला है। सूत्रों का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में हुई नागपुर यात्रा के दौरान संघ मुख्यालय में उनकी आला नेताओं के साथ हुई चर्चा के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान जल्द ही हो जाएगा
इधर, संघ मुख्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को इस बात के संकेत दिए हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ के आला नेताओं के बीच भाजपा के नए अध्यक्ष के नामों को लेकर भी विचार विमर्श हुआ है। इस दौरान यह बात भी हुई कि देश भर में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अगर जोड़ लिया जाए तो भाजपा ने अपने प्रदेश अध्यक्षों के लिए तीन दर्जन (36) प्रांत चिन्हित करके रखे हुए हैं, एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के पूर्व इनमें से आधे प्रदेशों को नए अध्यक्ष मिल जाना चाहिए, अब तक 15 राज्यों में नए अध्यक्ष चुने या मनोनीत किए जा चुके हैं जल्द ही कुछ और राज्यों में भी अध्यक्ष चुने जाने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा हो सकेगी। संभवतः यही कारण है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा में थोड़ा विलंब हो रहा है।
सूत्रों का कहना था कि कर्नाटक के बंग्लुरू शहर में 18 अप्रैल से भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने जा रही है। इस सम्मेलन में भी भाजपा के नए राष्ट्रीय मुखिया के नाम की घोषणा की जाएगी। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ के आला नेताओं के बीच हुई चर्चा के बाद अब दो नाम सबसे उपर दिखाई दे रहे हैं। इसमें पहला नाम हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टा का सबसे उपर दिखाई दे रहा है। वहीं, दूसरी ओर संघ का एक धड़ा उस कुर्सी पर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं भूतल परिवहन मंत्री नितिन गड़करी को देखना चाह है।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि चूंकि नितिन गड़करी लंबे समय से भूतल परिवहन मंत्री का दायित्व संभाले हुए हैं, और उनका परफार्मेंस बहुत ही बढ़िया की श्रेणी में है, इसलिए नरेंद्र मोदी उन्हें छोड़ना नहीं चाह रहे हैं। नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के द्वारा जिस तरह से अमली जामा पहनाया जा रहा है, और सड़कों पर चलने वाले जिस तरह भाजपा सरकार की प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं उससे नरेंद्र मोदी खुद भी अंदर ही अंदर नितिन गड़करी के प्रशंसक बने हुए हैं।

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