एक बार फिर मोदी मंत्रीमण्डल में फेरबदल की सुगबुगाहटें तेज . . .

खराब परफार्मेंस वालों को बिठाया जाएगा घर, एक दर्जन नए चेहरों को मिल सकता है मौका . . .
(लिमटी खरे)

सोमवार 09 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा कर लेगी। इसी के चलते केंद्रीय मंत्रीमण्डल में फेरबदल की सुगबुगाहटें भी तेज होती दिख रही हैं। पुराने घिसे पिटे चेहरों के साथ ही नए चेहरों की सांसे भी तेज होती जा रही हैं। किसकी लाटरी लगेगी, किसके सर से ताज उतारा जाएगा? यह कयास भी सियासी बियावान में तेजी से लगाए जाने लगे हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा लगभग पांच छः माह पूर्व से ही मंत्रियों के कामकाज पर नजर रखना आरंभ कर दिया गया था। मंत्रियों के परफार्मेंस को देखते हुए उनका रिपोर्ट कार्ड में गुपचुप तरीके से बनवाया जा रहा था। मंत्रियों का परफार्मेंस, उनके निर्णय लेने की क्षमता, ब्यूरोक्रेट्स के साथ तालमेल के अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं को उपलब्धता और जनता के साथ मेलजोल आदि का फीडबैक इस रिपोर्ट कार्ड का आधार माना जर रहा है।
सूत्रों ने इस बात के संकेत भी दिए हैं कि रिपोर्ट कार्ड के आधार पर कम से कम दस से ग्यारह मंत्रियों की नौकरी पर गाज गिरने की संभावना है, उन्हें घर बिठाया जा सकता है, वहीं दूसरी ओर लगभग एक दर्जन नए चेहरों को मंत्रीपद से नवाजा जा सकता है। आने वाले समय में विदेश, वित्त, कानून, पेट्रोलियम, शहरी विकास, कोयला एवं खान, सूचना प्रसारण आदि जैसे अहम मंत्रालयों में नए चेहरों की आमद अगर हो जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि तेलगू देशम पार्टी और जनता दल यूनाईटेड के कदमतालों से आज़िज आकर नरेंद्र मोदी सरकार ने अब उन पर निर्भरता कम करने की गरज से अजीत पंवार और शरद पंवार से भी पींगे बढ़ाना आरंभ कर दिया है। उधर, सरकार के नवरत्नों में से एक उद्योगपति भी शिवसेना के सुप्रीमो उद्धव ठाकरे का मन टोटलते नजर आ रहे हैं। पंवार बंधुओं और ठाकरे ब्रदर्स के बिना भाजपा मुंबई नगर पालिका निगम के चुनावों की वैतरणी में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज नहीं करा सकती, इसलिए एक तीर से अनेक निशाने लगाए जा रहे हैं।
उक्त नेता का कहना था कि अल्पसंख्यक समुदाय को साधने की गरज से मोदी सरकार में जल्द ही अल्पसंख्यक चेहरा शामिल किया जा सकता है। नरेंद्र मोदी की भाव भंगिमाएं इस ओर इशारा करती दिख रहीं हैं कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले साल के पूरे होने के उपरांत पहला फेरबदल जुलाई माह के अंत तक किया जा सकता है।
भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में चल रही चर्चाओं पर अगर यकीन किया जाए तो मोदी सरकार में आने वाले समय में एनसीपी से सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल, जितेंद्र आवड़, आदित्य ठाकरे के अलावा भाजपा के रविशंकर प्रसाद को भी स्थान मिल सकता है। इसके अलावा कांग्रेस के शशि थरूर को राज्य सभा के जरिए सदन में भेजकर उन्हें देश के नए विदेश मंत्री का प्रभार सौंपा जा सकता है। अब सबकी निगाहें नरेंद्र मोदी के कदम तालों पर ही टिकी नजर आ रही है।
(साई फीचर्स)

लिमटी खरे

43 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. दिल्ली, मुंबई, नागपुर, सिवनी, भोपाल, रायपुर, इंदौर, जबलपुर, रीवा आदि विभिन्न शहरों में विभिन्न मीडिया संस्थानों में लम्बे समय तक काम करने का अनुभव, वर्तमान में 2008 से लगातार "समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया" के 'संस्थापक संपादक' हैं. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.