वर्चस्व की जंग के बीच करवट लेती दिख रही सिवनी जिले में सियासत . . .

भाजपा में ‘सिंडीकेट‘ या ‘जी 20‘ ने एक बार फिर हासिल की बड़ी फतह . . .
(अखिलेश दुबे)


सिवनी में विपक्ष भले ही अपनी भूमिका का निर्वहन पूरी ईमानदारी से नहीं कर पा रहा हो, पर सत्तारूढ़ भाजपा के अंदर ही अंदर बर्तन बजने की आवाजें साफ सुनाई देती रहीं हैं। वर्चस्व की अघोषित जंग का अखाड़ा कांग्रेस शासित नगर पालिका परिषद बना दिखाई दे रहा था। कांग्रेस की नगर पालिका में भ्रष्टाचार की सड़ांध सड़कों तक महसूस की जा रही थी, पर विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने इस मामले में पूरी तरह मौन रहना ही उचित समझा। वहीं दूसरी ओर भाजपा के हाथों से फिसली नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी को अपने पाले में लाने की कोशिश भी जिम्मेदारों के द्वारा नहीं की गई।
कांग्रेस की नगर पालिका परिषद के द्वारा जुलाई 2022 में संपन्न हुए स्थानीय निकाय चुनावों में परचम लहराया और उसके बाद पांच बार के पार्षद शफीक खान के नाम पर सहमति जताई गई। शुरूआती दौर में लग रहा था कि जब केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है, सिवनी के विधायक भाजपा के हैं और बालाघाट के सांसद भी भाजपा के, तब शफीक खान को नगर पालिका चलाने में बहुत कठिनाई का अनुभव होगा, किन्तु उनके द्वारा तीन साल तक जिस तरह से नगर पालिका परिषद को चलाया उससे सभी चकित थे कि भाजपा के सामने अनगिनत मौके आने के बाद भी शफीक खान की कुर्सी पर कोई संकट नहीं मण्डराया।


सिवनी में विकास के नाम पर सिवनी के भाजपा विधायक दिनेश राय के द्वारा भी कांग्रेस की नगर पालिका परिषद को जमकर सहयोग किया गया। चूंकि मामला विकास का था इसलिए भाजपा का दूसरा धड़ा चाहकर भी इस बात का विरोध नहीं कर पा रहा था कि कांग्रेस शासित नगर पालिका परिषद को गिरा दिया जाए।
कहा जाता है कि इसी बीच नगर पालिका में चिरपरिचित भ्रष्टाचार के बेलगाम घोड़े फर्राटे भरते रहे, जो शहर के निवासियों के बीच तो चर्चा का विषय बने रहे, पर भाजपा के पार्षदों के द्वारा परिषद में किए जाने वाला विरोध रस्म अदायगी की श्रेणी में ही शामिल होकर रह गया।
इसी बीच ऐतिहासिक दलसागर तालाब का पानी बहा दिया गया और वहां बीच में टापू पर राजा दलपतशाह की प्रतिमा और वहां तक जाने के लिए पुल के निर्माण का काम आरंभ कराया गया। दो साल तक दलसागर तालाब पूरी तरह खाली रहा जो शहर की सुंदरता में मखमल में टाट के पैबंद की तरह ही प्रतीत हो रहा था। वेट लैण्ड में की गई छेड़छाड़ को लेकर अधिवक्ता नवेंदु मिश्रा ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर रूख किया तो एनजीटी के द्वारा काम रोकने के आदेश जारी कर दिए गए, पर तब तक ठेकेदार को नगर पालिका परिषद के द्वारा लगभग पूरा भुगतान कर दिया गया था।
गर्मी के मौसम में पानी का हाहाकार मचा तब भी पालिका के दोष को छिपाने का प्रयास किया गया। भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों एवं संगठन के कुछ नेताओं के द्वारा जलसंकट के लिए कांग्रेस शासित नगर पालिका परिषद को दोषी बताकर धरने का आयोजन किया गया, पर इस धरने में भाजपा की जिलाध्यक्ष श्रीमति मीना बिसेन नहीं पहुंचीं, जिसे लेकर तरह तरह की चर्चाएं चलती रहीं।
वहीं, भाजपा के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों के अनुसार यह सब चलता रहा और दूसरी ओर सिवनी की भाजपा में दो तीन सालों से दो धड़े आमने सामने ही नजर आते रहे। एक धड़े के द्वारा दूसरे धड़े को ‘सिंडीकेट‘ का नाम दिया गया, जो अब ‘जी 20‘ में तब्दील हो चुका है। सिंडीकेट या जी 20 के द्वारा कांग्रेस की नगर पालिका के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के मामले उजागर करना आरंभ किया गया तो वहीं दूसरा धड़ा अपनी पूरी ताकत कांग्रेस शसित नगर पालिका के अध्यक्ष शफीक खान को बचाने में लगाता हुआ दिखा।


भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि प्रदेश स्तर जी 20 के द्वारा कांग्रेस के अध्यक्ष के खिलाफ स्लेट पर जो भी लिखा जाता, वह दूसरे धड़े के द्वारा मिटाया जाकर स्लेट को पूरी तरह साफ कर दिया जाता, इस तरह कांग्रेस के नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी पर मण्डराने वाला खतरा कांग्रेस के प्रयास किए बिना ही अपने आप टल जाता रहा है।
इसी बीच भाजपा के सिवनी विधायक दिनेश राय के द्वारा एक यूट्यूब चैनल को दिए गए साक्षात्कार में कहा गया कि जब वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कप प्लेट और मटका चुनाव चिन्ह से चुनाव लड़े थे, तब उनका साथ किस किस ने दिया इस बात को वे बेहतर जानते हैं। उन्होंने साफ कहा कि जिन्होंने उनका साथ उस वक्त दिया था वे व्यक्तिगत तौर पर साथ देने के लिए तो स्वतंत्र थे, पर उन्होंने अपनी मॉ अर्थात अपनी ही पार्टी के साथ गद्दारी की थी . . ., इसके बाद सियासी पारा एकदम गिर गया और सब कुछ शांत ही नजर आने लगा।
वहीं नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इसी बीच कांग्रेस शासित नगर पालिका परिषद के भ्रष्टाचारों के पुलिंदों सहित एक शिकायत भोपाल भेजी गई और उसकी जांच के लिए जी 20 के द्वारा दबाव बनाया गया। इस दबाव से ज्यादा दबाव दूसरे धड़े का महसूस हुआ और जांच ठण्डे बस्ते के हवाले कर दी गई।
भाजपा में चल रही चर्चाओं पर अगर यकीन किया जाए तो इसके बाद जी 20 के सदस्यों के द्वारा मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपाध्यक्ष से भेंट कर कांग्रेस की नगर पालिका परिषद के खिलाफ जांच करवाने की बात बहुत ज्यादा वजनदारी से रखी, और जांच आरंभ हो गई। इस जांच की रिपोर्ट आई, इसके बाद 02 अप्रैल को नगरीय विकास एवं आवास विभाग के द्वारा 40 पेज का एक आदेश जारी किया जिसमें शफीक खान को भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी पाया जाकर उनसे एवं इसमें संलिप्त अधिकारियों से इसकी वसूली के आदेश जारी किए गए।
चर्चाओं के अनुसार 02 अप्रैल 2025 को भोपाल से जारी इस आदेश को भोपाल से सिवनी पहुंचने में पूरे 30 दिन लग गए वह भी संचार क्रांति के इस युग में। मजे की बात तो यह है कि 02 अप्रैल का यह आदेश ईमेल के जरिए 02 मई को सिवनी पहुंचा, और शफीक खान को पद से हटा दिया गया।


चर्चाओं के अनुसार यह जी 20 की पहली जीत मानी जा रही थी अपने विपक्षी धड़े के खिलाफ। इसके बाद नगर पालिका के नए अध्यक्ष के चुने जाने तक कार्यवाहक अध्यक्ष कौन बनेगा इसकी जोड़तोड़ आरंभ हो गई। इसमें भी दोनों धड़ों के बीच शह और मात के खेल आरंभ हुए। ज्ञानचंद सनोडिया को अध्यक्ष न बनने दिए जाए इसको लेकर भी दूसरा धड़ा लामबंद दिखाई दिया।
अंत में 08 मई को राज्य शासन के नगरीय विकास और आवास विभाग के द्वारा एक आदेश जारी कर ज्ञानचंद सनोडिया को नगर पालिका का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त करने के आदेश जारी कर दिए गए। इसे महज संयोग माना जाए या कुछ और कि इस आदेश को जारी किए गए उसी दिन भाजपा की जिलाध्यक्ष श्रीमति मीना बिसेन के सोशल मीडिया हेण्डल पर एक फोटो उनके द्वारा पोस्ट की गई। इसकी इबारत कुछ इस प्रकार थी कि ‘आज मुख्यमंत्री निवास, भोपाल में यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय डॉ. मोहन यादव जी, प्रदेश अध्यक्ष माननीय श्री वी.डी. शर्मा जी एवं संगठन महामंत्री माननीय श्री हितानंद शर्मा जी से सौजन्य भेंट कर विभिन्न विषयों पर सकारात्मक चर्चा हुई।‘
‘इस अवसर पर जिला प्रभारी श्री अरुण द्विवेदी जी, बरघाट विधायक श्री कमल मर्सकोले जी तथा सिवनी भाजपा प्रतिनिधिमंडल की गरिमामयी उपस्थिति रही।‘
इधर, जैसे ही आदेश आया वैसे ही ज्ञान चंद सनोडिया ने नगर पालिका सिवनी के कार्यवाहक अध्यक्ष का पदभार ग्रहण कर लिया है। उधर, जिला मुख्यालय में सियासी पारा एक बार फिर उबलता ही प्रतीत हो रहा है। लोग दबी जुबान से जी 20 की लगातार सफलता और दूसरे धड़े को बार बार मात दिए जाने की चर्चाएं भी करते नजर आ रहे हैं।
सियासी बियावान में हवाओं का रूख भांपने वाले सियासी जानकारों के अनुसार जिस तरह सिवनी में वर्चस्व की जंग के बीच अब सियासत करवट लेती दिख रही है, उससे आने वाले दिनों में लोगों के सामने कुछ नया प्रस्तुत कर दिया जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए . . .
(साई फीचर्स)

अखिलेश दुबे

लगभग 15 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के सिवनी ब्यूरो के रूप में लगभग 12 सालों से कार्यरत हैं. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.