कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने रणनीति में बदलाव कर रहे राहुल गांधी . . .

सदन में वाकआऊट के आसान रास्ते के बजाए व्यापक चर्चा की रणनीति बना रहे राहुल गांधी!, विपक्ष की कवायद से भाजपा असमंजस में!
(लिमटी खरे)
इक्कसवीं सदी के दूसरे दशक में रसातल में लगातार ही रसातल में जाती कांग्रेस को संजीवनी प्रदान करने अब राहुल गांधी नए प्रयोग करते दिख रहे हैं। पुराने नेताओं को साधने और तरूणाई को आगे लाने के मूल मंत्र के साथ राहुल गांधी अब सधे कदमों से आगे बढ़ते दिख रहे हैं। लगने लगा है कि देश भर से राहुल गांधी को मिले फीडबेक के बाद अब उन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव करने का मन बनाया है।
राहुल गांधी के निवास 10, जनपथ के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि भारत जोड़ो यात्रा में जी तोड़ मेहनत के बाद भी अपेक्षाकृत परिणाम न आ पाने और लोकसभा में चारों खाने चित्त हो जाने के बाद राहुल गांधी के द्वारा अपने गुप्तचरों से जनता का मानस टटोला है। जनता के द्वारा कांग्रेस के नेताओं के द्वारा स्थानीय स्तर पर सत्ताधारी दलों के साथ जुगलबंदी को सबसे बड़ी समस्या बताने पर ही उनके द्वारा प्रदेश भर के कांग्रेस के जिलाध्यक्षों को दिल्ली तलब किया था।
सूत्रों का कहना था कि इसके अलावा उन्हें यह फीडबैक भी मिला था कि देशहित के जरूरी मुद्दों पर लोकसभा, राज्य सभा या विधान सभाओं में विपक्ष में बैठी कांग्रेस के द्वारा कार्यवाही में व्यवधान पैदा करना या वाक आऊट का आसान रास्ता अपनाया जाता रहा है जिसे जनता पसंद नहीं कर रही है। जनता का मानना है कि जो बातें कांग्रेस के नेता सदन के बाद जनता के बीच करते हैं उन बातों को सदन के अंदर करने के बजाए वाक आऊट कर दिया जाता है। इस तरह तो यह सत्ताधारी दल की एक तरह से मदद ही मानी जाएगी।
वहीं भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समवेशी संगठन (इंडिया ब्लाक) के अंदर चल रही चर्चाओं के अनुसार इंडिया ब्लाक के सहयोगी दलों से राहुल गांधी के द्वारा एक पखवाड़े पहले जब चर्चा की गई तो इंडिया ब्लाक के सदस्यों ने भी राहुल गांधी की इस बात से पूरा इत्तेफाक जताते हुए सदन में अपनी रणनीति बदलने की पुरजोर आवाज उठाई। संभवतः यही कारण था कि संदन के सत्रों के द्वारा राहुल गांधी के द्वारा वाक आऊट के बजाए सार्थक चर्चा और बहस का विकल्प चुना गया।
चर्चाओं के अनुसार कुछ दिन पूर्व विपक्ष के नेताओं के द्वारा कार्य सलाहकार समिति की बैठक में हंगामा किया था जिसमें वक्फ बिल पर बहस के लिए सभी सर जोड़कर बैठे थे। इस सबके बाद भी राहुल गांधी और कांग्रेस के नेता यह समझाने में कामयाब हो गए थे कि इस विधेयक पर मुस्लिम वर्ग के इससे होने वाले नफा नुकसान, आपत्तियों, आशंकाओं की बातें रखना बहुत जरूरी था।
इंडिया ब्लाक के एक नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि राहुल गांधी के द्वारा यह कहा गया कि सदन में व्यवधान उत्पन्न करने से सत्ताधारियों को ही फायदा होगा, और वाक आऊट से भी कमोबेश भाजपा को फायदा होने वाला है। इसलिए इस बारे में व्यापक चर्चा होना चाहिए।
वहीं, भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान यह बात भी कही कि भाजपा ने वक्फ बिल भले ही पारित करवा लिया हो पर, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस बात पर हैरान है इस बार पहले की तरह हंगामा करने के बजाए कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने अपना पक्ष वजनदारी से और सकारात्मक तरीके से रखा। इतना ही नहीं इस बात सदन में बहस का स्तर बहुत सधा हुआ था। सालों बाद यह पहली दफा हुआ होगा जब विपक्ष ने पूरे विषय को पटरी से उतरने नहीं दिया।
सूत्रों का कहना था कि राहुल गांधी के द्वारा अगर नपे तुल सधे कदमों से सदन में जनता की आवाज को शोर शराबे में समय गंवाए बिना वजनदारी, सकारात्मक और वजनदार तरीके से अगर रखा जाता रहा तो कांग्रेस का खोया वैभव वापस आने में देर नहीं लगने वाली और अगर ऐसा हुआ तो भाजपा की बिदाई की डुगडुगी बजने में समय नहीं लगने वाला . . .

लिमटी खरे

43 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. दिल्ली, मुंबई, नागपुर, सिवनी, भोपाल, रायपुर, इंदौर, जबलपुर, रीवा आदि विभिन्न शहरों में विभिन्न मीडिया संस्थानों में लम्बे समय तक काम करने का अनुभव, वर्तमान में 2008 से लगातार "समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया" के 'संस्थापक संपादक' हैं. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.