सच ही साबित होती दिख रही है भारतीय ज्योतिषियों की भविष्यवाणियां!

आने वाले दो महीने दुनिया भर में रह सकते हैं भारी उथल पुथल भरे हुए . . .
(लिमटी खरे)

भारतीय ज्योतिष का डंका समूचे विश्व में बजता है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। भारतीय ज्योतिषियों की भविष्यवाणियां सटीक और सत्य ही साबित होती आई हैं। पिछले कुछ निों में देश के कई नामचीन ज्योतिषियों और आचार्यों ने अगले 50 दिनों के लिए दुनिया भर में बड़ी उथल-पुथल और उठापटक की भविष्यवाणी की है। इन ज्योतिषियों का मानना है कि यह समय बेहद विस्फोटककारी होगा, जिसका प्रभाव वैश्विक स्तर पर देखा जा सकेगा।
इंटरनेट पर इन भविष्यवाणियों को खंगालने पर यही निश्कर्ष निकाला जा सकता है कि इस उथल-पुथल की मुख्य वजह ग्रहों की विशेष स्थिति को बताया जा रहा है। मंगल ग्रह अपनी मित्र राशि सिंह में प्रवेश कर चुका है, और केतु, जो एक अग्नि तत्व का ग्रह माना जाता है, वह 29 मई से पहले ही सिंह राशि में विराजमान है। अनेक ज्योतिषाचार्यों और आचार्य के अनुसार, मंगल और केतु का सिंह राशि में यह योग बेहद विनाशकारी है। ऐसा योग 36 साल बाद बना है, इससे पहले यह 1989 में देखा गया था, जब दुनिया में बड़े बदलाव हुए थे।
इस आधार पर यही माना जा सकता है कि ज्योतिषियों की भविष्यवाणियां कई क्षेत्रों में बड़े बदलावों की ओर इशारा कर रही हैं। इनमें उथल पुथल, दुर्घटनाएं और अवांछित परिणाम वाली घटनाएं घटने की आशंकाएं भी हैं।
इसके अनुसार आने वाले 50 दिनों में विमान दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहेगी। इसके अलावा पूरी दुनिया को आग से बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, कई देशों के बीच तनाव बढ़ेगा, जिससे युद्ध जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। जिन देशों में पहले से युद्ध चल रहा है, वहां लड़ाई और तेज हो सकती है, जिसमें बड़े और घातक बमों का इस्तेमाल भी संभव है।
इतना ही नहीं यह संभावना भी जताई जा रही है कि कई सुप्त ज्वालामुखी फिर से सक्रिय हो सकते हैं, और सुनामी आने की भी आशंका जताई जा रही है। दुनिया के कई बड़े नेताओं का करियर अचानक ढलान पर आ सकता है। दक्षिणी गोलार्ध के देशों, विशेष रूप से, राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर सकते हैं, जहां सरकारें अपदस्थ भी हो सकती हैं। यूरोप के कई देशों तक भी इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है।
वहीं, सूर्य की सतह पर होने वाली तीव्र उथल-पुथल के कारण हमारी सैटेलाइट सेवाओं और संचार माध्यमों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। सेना के बड़े अधिकारियों पर संकट आ सकता है, और दुनिया भर में आतंकवाद की घटनाओं में तेजी आ सकती है। भारत में धार्मिक उन्माद बढ़ सकता है, जबकि चीन में भी हालात काफी हद तक बिगड़ सकते हैं।
इस सबके पीछे ज्योतिषियों ने 36 साल पहले के ऐसे ही योग का उदाहरण दिया है। जब पिछली बार ऐसा योग बना था, तब सोवियत संघ का विघटन हो गया था और पोलैंड में पहली बार कोई गैर-वामपंथी प्रधानमंत्री बना था। इस बार भी आर्थिक बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जहां शीर्ष पर बैठे कई लोग अर्श से फर्श पर आ सकते हैं, वहीं कई सामान्य व्यक्ति भी राजा बनने की दौड़ में शामिल हो सकते हैं। यह समय दुनिया के लिए कई अनिश्चितताएं और चुनौतियां लेकर आ सकता है।
आने वाले 50 दिन कैसे बीत जाएंगे यह पता भी नहीं चलेगा, और उसके बीतने के साथ ही अगर वैसा ही हुआ जैसा कि देश के ज्योतिषाचार्यों व आचार्यों के द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है तो आने वाले समय में भारत के ज्योतिष शास्त्र का डंका एक बार फिर विश्व भर में बजने से कोई रोक नहीं पाएगा . . .
(साई फीचर्स)

लिमटी खरे

43 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. दिल्ली, मुंबई, नागपुर, सिवनी, भोपाल, रायपुर, इंदौर, जबलपुर, रीवा आदि विभिन्न शहरों में विभिन्न मीडिया संस्थानों में लम्बे समय तक काम करने का अनुभव, वर्तमान में 2008 से लगातार "समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया" के 'संस्थापक संपादक' हैं. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.