सावन का सोमवार है भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम

किस तरह किया जाए सावन सोमवार का व्रत, क्या है विधि, लाभ और सावधानियां!
श्रावण का महीना भगवान भोलेनाथ का प्रिय माह माना जाता है। इस माहीने में अगर आप देवाधिदेव महादेव ब्रम्हाण्ड के राजा भगवान शिव की अराधना करते हैं तो भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। अगर आप भोलेनाथ के भक्त हैं तो कमेंट बाक्स में हर हर महादेव जरूर लिखिए।
हर साल सभी शिव भक्तों को सावन के महीने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि सावन में भगवान शिव की पूजा करने से अमिट पुण्य की प्राप्ति होती है। इस पवित्र महीने में ब्रम्हाण्ड के राजा भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में शांति और समृद्धि आती है। इस वर्ष श्रावण महीना सोमवार 22 जुलाई से प्रारम्भ होकर सोमवार 19 अगस्त 2024 तक रहेगा, जो विशेष शुभ माना जाता है, क्योंकि यह 29 दिनों तक चलेगा। भगवान शिव को समर्पित श्रावण व्रत बेहद ही शुभकारी होता है। इस दिन सावन व्रत कथा का श्रवण और पाठ पूजा को सफ़ल बनाती है।
सभी जानते हैं कि सावन का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस पवित्र महीना में आने वाले सोमवारों को अत्यंत शुभ माना जाता है। इन दिनों भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। सावन सोमवार का व्रत रखने और कथा सुनने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस व्रत को विधि विधान से करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
हिंदू धर्म में श्रावण महीना का विशेष महत्व है। यह महीना भगवान शिव की उपासना के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रत्येक सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की उपासना करने से और व्रत का पालन करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य का आशीर्वाद मिलता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, अब 12 अगस्त 2024 के दिन चतुर्थ सावन सोमवार व्रत का पालन किया जाएगा। इस विशेष दिन पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जिन्हें पूजा पाठ के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
चतुर्थ सावन सोमवार व्रत 2024 तिथि के बारे में अगर विचार किया जाए तो वैदिक पंचांग के अनुसार, चतुर्थ श्रावण सोमवार व्रत के दिन सप्तमी तिथि का निर्माण हो रहा है, जो सुबह 7 बजकर 55 तक रहेगा। साथ ही इस विशेष दिन पर स्वाति नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है, जो सुबह 8 बजकर 23 तक रहेगा और इसके बाद विशाखा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। सावन सोमवार व्रत के दिन शुक्ल योग और ब्रम्हा योग का भी निर्माण हो रहा है। शुक्ल युग शाम 4 बजकर 26 तक रहेगा और इसके बाद ब्रम्हा योग शुरू हो जाएगा।
आईए जानते हैं सावन सोमवार व्रत का महत्व, सावन महीना में भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सौ गुना फल की प्राप्ति होती है। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन व्रत रखने और कथा सुनने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।
श्रावण महीना में सोमवार व्रत का पालन करने से व्यक्ति को जीवन में सुख समृद्धि, धन, ऐश्वर्य और आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति नियमित सावन सोमवार व्रत का पालन करता है, उन पर महादेव की कृपा निरंतर बनी रहती है और जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि भगवान शिव की उपासना करने से व्यक्ति को रोग, दोष इत्यादि से भी छुटकारा मिल जाता है।
आईए अब जानते हैं कि सावन सोमवार व्रत की कथा के बारे में, सावन सोमवार व्रत की कई कथाएं प्रचलित हैं। इनमें से एक प्रमुख कथा इस प्रकार है कि एक नगर में एक धनी व्यापारी रहता था। उसके पास धन दौलत की कोई कमी नहीं थी, लेकिन उसे संतान सुख प्राप्त नहीं था। इस कारण वह बहुत दुखी रहता था। पुत्र प्राप्ति की इच्छा से वह हर सोमवार व्रत भी रखता था और पूरी श्रद्धा से शिव मंदिर जाकर भगवान शिव और पार्वती जी की अराधना करता था।
व्यापारी की भक्ति से प्रसन्न होकर माता पार्वती ने भगवान शिव से उसकी मनोकामना पूर्ण करने का आग्रह किया। भगवान शिव ने कहा कि इस संसार में हर प्राणी को उसके कर्मों का फल मिलता है और जिसके भाग्य में जो है उसे भोगना पड़ता है।
कुछ समय बाद व्यापारी को एक पुत्र की प्राप्ति हुई। लेकिन दुर्भाग्यवश, बालक केवल 12 वर्ष का ही हो पाया था कि उसका देहांत हो गया। इस दुखद घटना से व्यापारी और उसकी पत्नी का रो रोकर बुरा हाल हो गया।
माता पार्वती ने अपने पुत्र के दुख को देखकर भगवान शिव से बालक को जीवन दान देने की प्रार्थना की। भगवान शिव ने माता पार्वती की प्रार्थना सुनकर बालक को पुनर्जीवित कर दिया।
इसके बाद बालक ने शिक्षा ग्रहण की और विवाह किया। वह अपने माता पिता का अच्छे से पालन पोषण किया और सुखी जीवन व्यतीत किया।
यह कथा हमें बताती है कि भगवान शिव की भक्ति कितनी शक्तिशाली होती है। जो व्यक्ति सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
अब आपको बताते हैं कि क्या है सावन सोमवार व्रत का विधान, सावन सोमवार के व्रत को विधि विधान से करना चाहिए। व्रती को इस दिन ब्रम्हा मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद भगवान शिव की पूजा अर्चना करनी चाहिए। पूजा में बेल पत्र, धतूरा, चंदन, जल, दूध, शहद आदि का प्रयोग किया जाता है।
सावन सोमवार व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और भगवान शिव को प्रणाम करें। इसके बाद पूजा स्थल पर महादेव को गंध, पुष्प, धूप, दीप इत्यादि अर्पित करें और शिवालय में शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करें। इसके साथ बेलपत्र और भांग धतूरा इत्यादि भी महादेव को चढ़ाएं। सुबह के समय या प्रदोष काल में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें और पंचामृत अर्थात दूध, दही, शक्कर, घी और शहद से भगवान शिव का अभिषेक करें। पूजा के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का निरंतर जाप करते रहें और अभिषेक के साथ शिव चालीसा व शिव तांडव स्तोत्र का भी पाठ करें। पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती के साथ पूजा संपन्न करें। व्रती को इस दिन फलाहार या जल का सेवन करना चाहिए। सात्विक भोजन करना चाहिए और मन वचन से शुद्ध रहना चाहिए।
अब जानते हैं कि आखिर सावन सोमवार व्रत के लाभ क्या क्या हैं, सावन सोमवार व्रत के कई लाभ हैं। इनमें से कुछ प्रमुख लाभों में, मनोकामनाओं की पूर्ति, सुख-समृद्धि की प्राप्तिए संतान प्राप्ति, पति की लंबी आयु, संतान की सुख समृद्धि, शत्रुओं पर विजय, रोगों से मुक्ति, मन की शांति आदि हैं।
सावन सोमवार व्रत की सावधानियां कुछ सावधानियों का रखा जाना भी आवश्यक है। इनमें से कुछ प्रमुख सावधानियों में व्रत के दौरान मन में किसी प्रकार की नकारात्मकता नहीं रखनी चाहिए। व्रत के दौरान शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने का ध्यान रखना चाहिए। व्रत के दौरान किसी भी प्रकार के विवाद से बचना चाहिए। व्रत के दौरान नियमित रूप से जल का सेवन करना चाहिए।
सावन सोमवार व्रत एक पवित्र व्रत है। इसे विधि विधान से करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है। इस व्रत को करने से मन में शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
इस माह में अगर आप देवाधिदेव महादेव ब्रम्हाण्ड के राजा भगवान शिव की अराधना करते हैं तो भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। अगर आप भोलेनाथ के भक्त हैं तो कमेंट बाक्स में हर हर महादेव लिखना न भूलिए।
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