होली का त्यौहार हो और बात गुलाल के साथ भाँग की न की जाये, तो मानो कुछ अधूरा सा रह गया है।
अपने त्यौहार का मजा दोगुना करने के लिये इस दिन कुछ लोग गुझिया के साथ ठण्डई में भाँग मिलाकर भी पीते हैं। ऐसे में अगर भाँग का नशा ज्यादा हो जाये तो उस स्थिति में अस्पताल में भर्त्ती भी होना पड़ सकता है। इस परेशानी से बचाने के लिये आज हम आपको बतायेंगे कुछ ऐसे उपाय जिनकी मदद से आप भाँग का नशा झट से उतार सकेंगे।
भाँग का नशा ज्यादा हो जाये तो उस स्थिति में इन लक्षणों को बिल्कुल न करें नजर अंदाज : भाँग खाने के बाद व्यक्ति का अपने नर्वस सिस्टम पर कंट्रोल नहीं रहता है। यही वजह है कि लोग भाँग पीने के बाद अपनी किसी भी गतिविधि को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं। इसकी वजह से उनमें बहुत अधिक हंसना, रोना, सोना जैसे कई लक्षण देखे जा सकते हैं।
कई बार हो सकता है कि ज्यादा भाँग खाने की वजह से कुछ समय के लिये व्यक्ति कुछ भी पहचानने या याद रखने की स्थिति में न रहे। ध्यान दें, यदि कोई व्यक्ति भाँग का नशा करने के बाद अपनी आँखें खोलकर सो रहा है तो इसे गंभीरता से लेते हुए उसे तुरंत अस्पताल ले जायें, वरना व्यक्ति कोमा तक में जा सकता है।
भाँग का नशा उतारने घरेलू उपाय : भाँग का नशा उतारने के लिये सबसे कारगर उपाय है घी। जी हाँ, अगर लगे कि नशा ज्यादा हो गया है तो 500 मिलीलीटर तक की मात्रा में घी का सेवन करें। भाँग का नशा उतारने के लिये आप सफेद मक्खन का भी सेवन कर सकते हैं। ऐसा करने से भी आपको तुरंत आराम मिल जायेगा।
भाँग का नशा उतारने के लिये खटाई का सेवन करना सबसे बेहतर तरीका है। नशा ज्यादा होने पर दही या दही से बनी चीजें खायें। भाँग के नशे के बाद कभी भी मीठी चीजें या हेवी डाईट न लें। नशा उतारने के लिये बिना शक्कर या नमक डालें नींबू पानी 04 से 05 बार पीने पर भी भाँग का नशा उतर जायेगा।
अगर भाँग पीने के बाद व्यक्ति बेहोशी में हो, तो सरसों का तेल हल्का गुनगुना करके उस व्यक्ति के कान में डाल दें। एक-दो बूंद सरसों का तेल दोनों कानों में डालें।
आयुर्वेदिक दवाएं : भाँग का नशा उतारने के लिये आप इन आयुर्वेदिक दवाओं का भी सेवन कर सकते हैं। इन आयुर्वेदिक दवाओं के नाम हैं.. पंचद्रव्य घृत, पंचत्रिक घृत, ब्राह्मी सिपर और अश्व गंधारिष्ट, लेकिन याद रखें ऐसा करते समय अपने डॉक्टर से एक बार सलाह अवश्य लें।
(साई फीचर्स)