ऐक महीने से ज्यादा हो गया घर तो चलाना पडेंगा ना . . .

आज सुबह सब्जी लेने गया तो सब्जी वाले ने बडी

बारीकी से सब्जी तोल कर दी।

मुझ से रहा नहीं गया तो सब्जी वाले से कहा

कमाल है भाई, तुम तो सब्जी ऐसे तोल रहे हो जैसे कि सुनार हो।

सब्जी वाला बोला भाई अब रूलायेगा क्या ? मैं सुनार ही हूं

ऐक महीने से ज्यादा हो गया घर तो चलाना पडेंगा ना . . .

(साई फीचर्स)