हेल्दी सीजन का उठायें लाभ

 

 

सर्दी, जाड़ा या फिर हेमंत-शिशिर के साझे दिनों वाला मौसम फिर से आ पहुंचा है। आयुर्वेद में इसे सेहत बनाने की ऋतु कहा गया है। पर्व-त्योहारों का दौर बीत चुका है अब मेले-उत्सव-शादियों की शुरूआत के दिन हैं। इस समय प्रकृति का रंग बदलने लगता है। फूलों की किस्में, फलों का स्वाद। खाने की आदतें और शरीर की जरूरतें सब कुछ तो बदल जाता है, सर्दी के आ जाने से।

स्वास्थ्य के लिये बेहतरीन

सर्दी के मौसम को सेहत के लिये वरदान माना जाता है। माना जाता है कि सर्दी के मौसम में शरीर को गर्मी देने वाले खाद्य पदार्थ खाए जाने चाहिये। खासतौर पर सूखे मेवे। लड्डू और मेवे किसी और मौसम अच्छे नहीं लगते पर सर्दी के मौसम में इस तरह का खाना बड़े शौक से खाया जाता है। ये सब चीजें शरीर को गर्मी देने वाली होती हैं जिससे ठंड का असर तन पर नहीं पड़ता और स्वास्थ्य चुस्त-दुरुस्त बना रहता है। इस मौसम में मालिश और व्यायाम का फायदा भी कई गुना मिलता है। यह स्वास्थ्य के लिये सबसे उपयुक्त मौसम है। इस मौसम में डायजेशन सिस्टम पूरी क्षमता के साथ करता है। इसलिये अच्छा खाने और सेहत संवारने का असर तन ही नहीं मन पर भी पड़ता है।

तोहफा धूप का

गर्मियों में जहां धूप परेशान करती है, वही सर्दियों में यही धूप कितनी भली लगती है। धूप न सिर्फ शरीर के लिये बल्कि मन के लिये भी अच्छा टॉनिक है। यह प्राकृतिक तरीके से शरीर को विटामिन डी का भरपूर डोज देती है, जो बहुत-सी बीमारियों से यूं ही निजात दिला देता है।

खाने के शौकीनों के लिये वरदान

सर्दी का मौसम खाने-पीने के शौकीनों के लिये वरदान होता है। एक तो इस मौसम में फल-सब्जियों की बहार होती है, दूसरे इस मौसम में किसी भी तरह का खाना आसानी से पचाया जा सकता है। सर्दी के मौसम में अनार, अमरूद, केले, सेब, पपीता, आंवला जैसे फल आते हैं, तो दूसरी तरफ मटर, गाजर, चुकंदर, टमाटर, गोभी, गराडू जैसी सब्जियां आती हैं। खाना आसानी से पचाया जा सकता है इसलिये तला और घी वाला गरिष्ठ खाना भी खाया जा सकता है।

गुड़ को तो प्राकृतिक मिठाई के रूप में जाना जाता है जो ना केवल मैग्नीशियम, कैल्शियम और फारस्फोरस का अच्छा स्त्रोत है बल्कि इसमें भरपूर मात्रा में आयरन भी होता है। गुड़ शरीर को गर्मी भी देता है।

स्टाईलिश होने का समय

सर्दी के मौसम में कपड़ों के साथ बहुत सारे प्रयोग किये जा सकते हैं। चटख रंग और हर तरह के फैब्रिक पहने जा सकते हैं। चाहे सिल्क हो, कॉटन हो या वुलन। सर्दी से बचाव के लिये वुलन पहना जाता है। आजकल तो वुलन्स में कई तरह की वैरायटी, पैटर्न और ट्रेंडी डिजाइंस मार्केट में देखने को मिलते हैं। गर्म कपड़ों का अपना एक स्टाइल स्टेटमेंट है जो पूरा व्यक्तित्व ही बदल देता है। ठंड से बचाव के साथ-साथ स्टाइलिश लुक भी साथ-साथ आजमा लें।

अपनों के साथ का आनंद

सुबह देर तक धुंध छाई रहना और शाम को जल्दी ही अंधेरा हो जाना। रात होते ही सर्दी बढ़ने से आमतौर पर लोग घरों में ही रहना पसंद करते हैं। दिनचर्या बदली-बदली हो जाती है। सुबह देर से घर से निकलना और शाम जल्दी घर लौट आना। इससे अपनों के साथ का वक्त मिलता है। सुबह की गुनगुनी धूप में अपने साथी के साथ टहलने से भी रिश्तों में सकारात्मकता आती है, साथ ही सुबह की ताजी हवा आपको दिनभर तरोताजा रखती है। सुबह की गुनगुनी धूप में अपनों के साथ चाय बैठकी करने और रात को अलाव जलाकर घंटों साथ बैठकर बतियाने वाला यह मौसम अपनों को और करीब लाता है।

कुछ पल चुराकर सब साथ मिल बैठते हैं। यह साथ मिलता है तभी तो रिश्तों को पोषण मिलता है। जो हमारे उन संबंधों को सींचता है जो जीवन की आपाधापी में कहीं खो से गये हैं। अपनों के साथ अलाव के पास घेरा बनाकर बैठे हर तन को ताप और मन को सुकून भरी ठंडक मिलती है। तो फिर इस मौसम में ठिठुरने की बजाये सर्दी का आनंद लें, सेहत के लिये व्यायाम करें, मजेदार खायें, दोस्तों और परिवार के साथ वक्त बितायें। अपनों को अपने और करीब लायें।

(साई फीचर्स)