कोचिंग संस्थाओं के आसपास शोहदों का मजमा

 

सिवनी में ज्यादातर कोचिंग संस्थाओं के आसपास मजनूनुमा शोहदों की भीड़ शहर का वातावरण प्रभावित करती दिख रही है। इन शोहदों की हरकतें लोगों की परेशानी का सबब बनती जा रही हैं।

दरअसल सिवनी में चल रहे कोचिंग संस्थानों से मुझे शिकायत है। शहर के लगभग हर क्षेत्र में ऐसी संस्थाएं संचालित हैं लेकिन इनमें से ज्यादातर संचालकों के द्वारा इस बात का कतई ध्यान नहीं रखा जाता है कि उनकी संस्थाओं के आसपास किस तरह की हरकतें उन शोहदों के द्वारा की जा रही हैं जो इस संस्थाओं में पढ़ने के लिये आने वालों के मित्र भी कहे जा सकते हैं।

होता यह है कि कोचिंग पढ़ने आने वाले कुछ विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो उनके साथ वहाँ पहुँचते हैं जो संबंधित संस्था से कोई सरोकार नहीं रखते हैं। जितनी देर विद्यार्थी क्लास में रहता है उतनी देर बाहर खड़े उनके साथी टाईमपास करने के लिये विभिन्न हरकतें करते रहते हैं। ऐसी हरकतें उनके लिये मस्ती का कारण होती होंगी लेकिन उसके कारण वहाँ से गुजरने वाले लोग परेशान हो जाते हैं जिनमें महिलाएं ज्यादा होती हैं।

यही नहीं बल्कि इन संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के द्वारा उनके साईकिल आदि वाहन सड़क किनारे ही बेतरतीब ढंग से खड़े कर दिये जाते हैं। इसके चलते पहले से ही अव्यवस्थित यातायात जमकर प्रभावित हुए बिना नहीं रहता है। कोचिंग संस्थानों के संचालकों को चाहिये कि वे अपने यहां आने वाले विद्यार्थियों को यातायात व्यवस्था में सहयोगी बनने के बारे में भी कुछ शिक्षा दें। इसके लिये वे कम से कम यह तो कर ही सकते हैं कि उनके यहाँ आने वाला जो भी विद्यार्थी अपना वाहन अव्यवस्थित तरीके से खड़ा करता है उसे ऐसा न करने के लिये सख्त हिदायत दें। ऐसा किये जाने पर वह विद्यार्थी अपने व्यवहारिक जीवन में भी वाहन को उचित तरीके से पार्क करने की शिक्षा ले सकेगा।

वास्तव में अभी ऐसा हो नहीं रहा है। कोचिंग संस्थानों के संचालक सिर्फ और सिर्फ अपनी क्लास में ही ध्यान दे रहे हैं। उन्हें इस बात की जानकारी शायद नहीं ही होती है कि जो विद्यार्थी उनके यहाँ आया हुआ है उसके द्वारा शायद यातायात में बाधा पहुँचाने वाला कार्य किया गया है।

कुछ कोचिंग संस्थान शहर के सघन इलाके में स्थित हैं। इसके बाद भी वहाँ उपलब्ध कम जगह का सदुपयोग करने की सलाह कोचिंग संस्थान के संचालकों के द्वारा अपने विद्यार्थियों को दी जा सकती है। अभी होता यह है कि एक भी साईकिल यदि अव्यवस्थित तरीके से पार्क कर दी जाये तो जाम की स्थिति तक निर्मित होने लगती है।

अरविंद सनोडिया

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