मुझे शिकायत सिवनी में उस व्यवस्था से है जिसके तहत इस शहर के चौराहों पर आये दिन प्रयोग किये जाते हैं लेकिन वे ज्यादा लंबे समय तक टिक नहीं पाते हैं।
वर्तमान में बाहुबली चौराहा के साथ ही साथ सर्किट हाउस जैसे चौराहे पर गड्ढे खोद दिये गये हैं। इस बार ये गड्ढे क्यों खोदे गये, इसके बारे में शायद किसी को पुख्ता जानकारी नहीं हैं। बताया जाता है कि इन स्थानों पर प्रकाश व्यवस्था सुधारी जा रही है।
यदि ऐसा है तो ये एक स्वागत योग्य कदम है जिसे काफी पहले ही उठा लिया जाना चाहिये था, बहरहाल देर आयद दुरूस्त आयद। फिर भी एक सवाल जहन में उठना स्वाभाविक है कि यहाँ पर प्रकाश व्यवस्था के लिये चौराहे के बीचों बीच गड्ढा करके वहाँ खंबा लगाया जाना क्या यातायात की दृष्टि से उचित माना जा सकता है? क्या इन गड्ढों को खुदवाने के पहले विशेषज्ञों की सलाह ले ली गयी थी या नहीं।
इस तरह के सवाल इसलिये क्योंकि जब ट्रैफिक सिग्नल के तहत ये चौराहे यातायात को नियंत्रित करेंगे तब बीच चौराहे पर खड़े ये खंबे, वाहन चालकों के लिये बाधा बन सकते हैं। अक्सर देखा गया है कि जहाँ पर यातायात सिग्नल्स स्थापित किये जाते हैं वहाँ चौराहे के बीच में किसी तरह का कोई निर्माण नहीं किया जाता है ताकि यातायात को क्लियर होने में पर्याप्त समय मिल सके।
सिवनी में यदि बीच चौराहे पर खंबा लगाया जा रहा है तो उम्मीद की जाना चाहिये कि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य ली गयी होगी। और यदि ऐसा है तो ये खंबे भविष्य में भी बीच चौराहे पर ही खड़े दिखायी देंगे। यदि हमेशा की तरह मनमानी करते हुए इन खंबों को लगाया जा रहा होगा तो यह निश्चित है कि भविष्य में प्रकाश के इन खंबों को वर्तमान स्थल के समीप ही कहीं शिफ्ट किया जायेगा। बाहुबली चौराहे पर बनाया गया फव्वारा लोग अभी भूले नहीं हैं जिसको लंबे समय तक अनुपयोगी रखा गया और सदुपयोग होने से पहले ही उसे तुड़वा दिया गया।
योगेश मेश्राम

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