बस स्टैण्ड को व्यवस्थित मात्र किया गया तो परेशानियों से निज़ात कैसे मिलेगी!

 

 

इस स्तंभ के माध्यम से मैं सिवनी बस स्टैण्ड को अन्यत्र ले जाया जाये अथवा नहीं, इस संबंध में अपनी राय व्यक्त करना चाहता हूँ।

सिवनी शहर के लगभग मध्य में स्थित बस स्टैण्ड को यदि अन्यत्र स्थानांतरित नहीं किया गया तो फिर शहर का यातायात आगे भी यातायात पुलिस कर्मियों की मेहरबानी पर ही निर्भर रहा करेगा यानि अव्यवस्था जारी ही रहेगी। नो एंट्री के समय भी जैसे भारी वाहन शहर में प्रवेश कर जाते हैं वैसे ही बसों के संचालक शॉर्टकट के लिये शहर के अंदरूनी मार्गों का ही चयन करके यातायात को वर्तमान की तरह ही प्रभावित करते रहेंगे। यातायात कर्मियों को दस-पचास रूपये देकर जब ट्रक जैसे भारी वाहन भी नो एंट्री के समय शहर में प्रवेश कर जाते हैं तो यात्री बसों को रोकने की कल्पना करना बेमानी ही साबित होगा।

वर्तमान बस स्टैण्ड को सिर्फ व्यवस्थित किया जाना ही एकमात्र समस्या का हल नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यहाँ देखने वाली बात यह है कि शहर के अंदर यात्री बसों के द्वारा ही सबसे ज्यादा अराजक स्थिति उत्पन्न की जाती है। यदि बस स्टैण्ड को शहर के बाहर करके, बसों को बाहर के बाहर ही यदि रवाना किया जाता है तो ही शहर के यातायात को राहत मिल सकेगी, अन्यथा की स्थिति में नतीज़ा शून्य ही रहने वाला है।

ऊँची-ऊँची और लंबी-लंबी बसें शहर के अंदर किस तरह से यातायात में विध्न उत्पन्न कर रहीं हैं यह किसी से छुपा नहीं है। इनके चलते वर्तमान बस स्टैण्ड क्षेत्र में दिन में कई मर्तबा जाम लगता है क्योंकि ये विशालकाय बसें जब बस स्टैण्ड में प्रवेश करती हैं या अपने गंतव्य के लिये रवाना होतीं हैं तब ये रेंगते हुए उस क्षेत्र के यातायात को थामकर रख देती हैं।

गौर करने वाली बात यह भी है कि शहर के प्रमुख मार्ग जब वर्तमान यातायात की दृष्टि से बेहद संकरे साबित हो चुके हैं तब इन चौड़ी-चौड़ी बसों को कुछ लोग, उन्हीं संकरे मार्गों पर क्यों दौड़ाना चाहते हैं जिनके कारण यातायात, दिन में बार-बार बाधित होता रहता है। शहर के अंदर, स्थान – स्थान पर यातायात को बाधित करके ये बसें सवारियां लेतीं हैं या उतारतीं हैं, उससे राहत कैसे मिलेगी जबकि स्वार्थी बस संचालकों को सिर्फ और सिर्फ अपने मुनाफे से लेना देना होता है, शहर के यातायात को तो वे ताक पर रखते ही रहे हैं।

इन बसों में शहर का प्रत्येक नागरिक रोजाना सफर नहीं करता है लेकिन बस संचालकों की मनमानी के कारण, उसे विषम परिस्थितियों से रोजाना ही जूझना पड़ता है। बेहतर होगा कि शहरवासियों को बसों के कारण उत्पन्न होने वाली अराजक स्थिति से निज़ात दिलाने के लिये बस संचालकों के द्वारा स्वप्रेरणा से कोई पहल अब तक नहीं की गयी है तो अब बस स्थानक को शहर के बाहर किसी सुगम स्थल पर ले जाया जाना चाहिये। इसका फायदा ऑटो या रिक्शॉ वालों को भी मिलेगा जिनके समक्ष अक्सर ही सवारियों का टोटा बना रहता है। कुल मिलाकर बेहतर शायद यही होगा कि वर्तमान बस स्थानक को शहर के मध्य से हटाकर अन्यत्र ले जाया जाये।

आकाश राज

SAMACHAR AGENCY OF INDIA समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.