इस स्तंभ के माध्यम से मैं जिला प्रशासन को सुझाव देना चाहता हूँ कि उसके द्वारा अतिक्रमण हटाने की जोरदार मुहिम बिना किसी भेदभाव के चलायी जाये।
दरअसल नगर पालिका सिवनी से कोई उम्मीद शेष नहीं बची है। नगर पालिका के द्वारा अतिक्रमणकारियों को तो जैसे शह ही दी जा रही है। नगर पालिका के लिये इस बात के कोई मायने नहीं रह गये हैं कि शहर में अतिक्रमणों के कारण कितनी अव्यवस्थाएं फैल चुकी हैं।
कायदे से यह नागरिकों का भी कर्त्तव्य बनता है कि वे ऐसे दुकानदारों से कोई सामान न खरीदें जिन्होंने अतिक्रमण कर रखा हो। लेकिन सवाल यह उठता है कि सामान लिया भी कहाँ से जायेगा क्योंकि अतिक्रमण तो लगभग-लगभग सभी दुकानदारों ने कर रखा है शहर में! इन अतिक्रमणकारियों की ताकत इतनी बढ़ चुकी है कि जिला प्रशासन भी इनके सामने नत मस्तक नजर आ रहा है। जिला प्रशासन के नत मस्तक होने से लोगों का विश्वास भी सरकारी तंत्र से उठने सा लगा है जिसे अच्छा संकेत कतई नहीं माना जा सकता है।
देखने वाली बात यह है कि इनमें से अधिकांश अतिक्रमणकारी यह शिकायत करते हुए नहीं थकते हैं कि शहर में ये नहीं हो रहा…. वो नहीं हो रहा…. ये ऐसे हो रहा है…. वो ठेकेदार ऐसे काम कर रहा है…. आदि-आदि लेकिन वे यह नहीं बताते हैं कि उनके स्वयं के द्वारा व्यवस्था में कितना सहयोग दिया जा रहा है। यदि उन्हें बेलगाम हो चुके यातायात से शिकायत है तो इस शिकायत का उन्हें कोई अधिकार नहीं बनता है क्योंकि अतिक्रमण करके वे स्वयं भी यातायात में बाधक बने हुए हैं।
शहर की स्थिति अपने आप में यह बयां करने के लिये काफी होती है कि उस शहर के नागरिक कितने जागरूक हैं। सिवनी में इस संबंध में अच्छा संदेश तो कतई ही नहीं जा रहा है खासकर गणेश चौक से लेकर बुधवारी वाले क्षेत्र में। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सिवनी में लोगों के अंदर जागरूकता लाने के लिये गंभीरता के साथ कोई मुहिम चलाया जाना आवश्यक हो गया है। निश्चित रूप से इसके लिये किसी संस्था को ही आगे आना होगा क्योंकि सिवनी में नगर पालिका जैसी संस्थाएं मनमानी करने के लिये बदनाम हो चुकी हैं और जो ईमानदारी के साथ काम न करके पूरी बेशर्मी के साथ अपने किसी अन्जाने मिशन में लगी हुई हैं।
जिला प्रशासन यदि सिर्फ अतिक्रमण हटाने की मुहिम ही चला देता है तो इससे शहर की सुंदरता में स्वतरू ही चार चाँद लग जायेंगे। स्वच्छता भी स्पष्ट नजर आने लगेगी और इन दोनों के लिये अलग से कोई मुहिम चलाये जाने की विशेष जरूरत ही नहीं पड़ेगी। अतिक्रमण हटाने के लिये बाहर से भी आवश्यक मशीनें बुलानी पड़ें या सुरक्षा बल बुलाये जाना पड़ें तो उन्हें बुलाया जाना चाहिये ताकि एक ही दिन में लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाये और कोई भी शख्स माननीय न्यायालय से स्टे लाने के लिये समय न पा सके। वैसे इसके लिये दमदार प्रशासक की आवश्यकता होगी जो वर्तमान में सिवनी के पास नहीं दिखायी दे रहा है।
निसार खान
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