स्टॉपर्स का दुरूपयोग हो रहा सिवनी में!

 

 

सिवनी की सड़कों आदि स्थानों पर जहाँ-तहाँ आड़े-तिरछे पड़े स्टॉपर्स से मुझे शिकायत शिकायत है। कई बार तो बेकार पड़े ये स्टॉपर्स दुर्घटनाओं का कारण बनते भी दिखते हैं।

दरअसल समझ में ये नहीं आता है कि इन स्टॉपर्स का उपयोग आखिर है क्या, किनके लिये और किस प्रयोजन के लिये इन्हें सिवनी में उपयोग में लाया जाता है। सिवनी में जिस तरह से पुलिस के स्टॉपर्स या बैरिकेट्स का उपयोग किया जा रहा है उसके चलते इन स्टॉपर्स ने अपनी गंभीरता को लगभग पूरी तरह से खो दिया है। यदि कहीं किसी स्थान पर पुलिस के स्टॉपर्स लगे दिख जायें तो कोई भी इन्हें गंभीरता से नहीं लेता है। यदि मौके पर कोई पुलिस वाला उपस्थित है तभी नागरिकों के द्वारा स्टॉपर्स को गंभीरता से लिया जाता है।

जहाँ-तहाँ पड़े स्टॉपर्स की ओर पुलिस प्रशासन का ध्यान ही नहीं जाता है। अभी हो ये रहा है कि यदि शहर के किसी सार्वजनिक स्थल पर कोई कार्य प्रगति पर है तब अदने से ठेकेदार तो छोड़िये मजदूरों के द्वारा भी इन स्टॉपर्स का उपयोग किया जाकर यातायात को जमकर प्रभावित करने की कोशिश की जाती है। हालांकि पुलिस के सिपाही की अनुपस्थिति में यातायात पर तो अपेक्षित प्रभाव नहीं पड़ता अलबत्ता जाम की स्थिति अवश्य निर्मित होती रहती है।

सार्वजनिक स्थल पर निर्माण कार्य की बात तो अलग है लोग, अपने घरेलू कार्य में भी इन स्टॉपर्स का उपयोग खुलकर और बेखौफ होकर करते दिख जाते हैं। यदि किसी का घर संकरे मार्ग पर स्थित है या बनने जा रहा है तो उसके निर्माण कार्य को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिये लोगों के द्वारा इन स्टॉपर्स को उस संकरे मार्ग के एक मुहाने पर रखकर उस मार्ग को पूरी तरह से बंद ही कर दिया जाता है। इसके लिये अधिकांश लोगों के द्वारा अनुमति लेने की जहमत तक नहीं उठायी जाती है।

कोतवाली के सामने होमगार्ड के सैनिकों के द्वारा भी जब-तब स्टॉपर्स रखकर चालानी कार्यवाही को अंजाम देते हुए देखा जा सकता है। चालानी कार्यवाही जब समाप्त हो चुकी होती है तब ये स्टॉपर्स उसके बाद भी उसी स्थान पर रखे रहते हैं। इस तरह बेतरतीब रखे गये तीन-चार स्टॉपर्स के बीच से कई युवा बाईक चालक लगभग स्टंट करते हुए अपने वाहनों का चालन करते हुए देखे जा सकते हैं। जिला प्रशासन के साथ ही साथ प्रमुख रूप से पुलिस के आला अधिकारियों से भी अपेक्षा है कि वे संबंधित स्टाफ को इस बात से अवगत करायें कि स्टॉपर्स का उपयोग पूरी गंभीरता के साथ किया जाये और उसका कोई दुरूपयोग न कर सके।

जवाहर

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