सिवनी जिले में, विशेषकर जिला मुख्यालय में स्वीमिंग पूल की आवश्यकता वर्तमान में शिद्दत से महसूस की जाने लगी है। इस स्तंभ के माध्यम से मैं जन प्रतिनिधियों के साथ ही साथ माननीयों का ध्यान इस ओर आकृष्ट करना चाहता हूँ।
सिवनी में तैराकी के खेल में रूचि रखने वाले तैराकों की कमी नहीं है लेकिन उन्हें अपना यह शौक कभी क्षेत्रीय कुंए में तो कभी तालाब में और या फिर बैनगंगा नदी में जाकर पूरा करना पड़ता है। देखने वाली बात यह है कि जिन क्षेत्रों से होकर बैनगंगा नदी नहीं गुजरती है, उन क्षेत्रों में तैराकों के लिये विकल्प, अत्यंत सीमित होकर रह जाते हैं।
गौर करने वाली बात यह है कि जिले में स्वीमिंग पूल की सुविधा न होने के बाद भी कई तैराकों ने राज्य ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनायी है। तैराकी की विधा में रूचि रखने वाले तैराक, वर्तमान में ज्यादा संख्या में नहीं होंगे लेकिन यदि स्वीमिंग पूल की सुविधा ऐसे खिलाड़ियों को मिल जाती है तो अवश्य ही वे सिवनी के नाम को अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर भी रौशन करने की क्षमता रखते हैं। इसके साथ ही तैराकी की इस विधा की ओर अन्य भी आकर्षित होंगे।
देखने वाली बात यह भी है कि एक अदद स्वीमिंग पूल के लिये सिवनी में कभी भी कोई सार्थक प्रयास, धरातल पर नहीं किये गये। इस जिले के तैराकों ने अपने-अपने स्तर पर जनप्रतिनिधियों के समक्ष स्वीमिंग पूल की माँग समय-समय पर अवश्य रखी लेकिन सिवाय निराशा के उनके हाथ अब तक कुछ भी नहीं लग सका है। ऐसी स्थिति में तैराकी का गुर सीखने के लिये यहाँ की प्रतिभाओं को मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसा भी संभव है कि स्वीमिंग पूल के साईज़ और स्थल के चयन को लेकर यह मामला अटकता रहा हो जिसके कारण जिम्मेदार जनप्रतिनिधि संभव है कि बजट में भी इसके लिये आवंटन न करवा पाये हों। वैसे देखा जाये तो सिवनी कई सुविधाओं का अभाव ही झेलता आ रहा है। यहाँ एक अदद अच्छा पार्क तक जनप्रतिनिधियों की उदासीनता या निष्क्रियता के चलते नहीं बन पाया है। आज की स्थिति मेें सिवनी शहर के अंदर ऐसा कोई स्थान शायद शेष नहीं रह गया है जहाँ पर सार्वजनिक पार्क का निर्माण करवाया जा सके, फिर ऐसे में स्वीमिंग पूल की माँग पूरी होना दूर की कौड़ी ही नज़र आती है।
सिवनी में तैराकी संघ है या नहीं, इसकी जानकारी शायद किसी को नहीं है। यदि तैराकी संघ नहीं है तो इसका गठन शीघ्र किया जाना चाहिये ताकि जिले के तैराकों को अपनी बात रखने के लिये उचित मंच मिल सके। इसके साथ ही किसी ऐसे स्थल का चयन कर लिया जाना चाहिये जहाँ स्वीमिंग पूल बनवाया जा सके और उसका उपयोग जिले के तैराक कर सकें।
सौरभ श्रीवास्तव

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