विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली से परेशान हैं ग्रामीण!

 

विद्युत विभाग से मुझे शिकायत है जिसके द्वारा मेंटेनेंस के नाम पर ग्रामीण अंचलों में बेतहाशा बिजली की कटौति की जा रही है। बारिश के बाद ठण्ड के इन आरंभिक दिनों में जबकि लोड उतना ज्यादा नहीं होता है तब भी ट्रान्सफॉर्मर आये दिन जल रहे हैं।

ट्रान्सफॉर्मरों की स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में बेहद खस्ताहाल है। ये ट्रान्सफॉर्मर जरा सा भी अतिरिक्त भार सहन करने में पूरी तरह अक्षम ही हैं। कुछ स्थानों पर अवश्य ही नये ट्रान्सफॉर्मर लगा दिये गये हैं लेकिन वे भी लोड बढ़ने पर दम तोड़ देते हैं। अधिकांश ग्रामीण इलाकों में पुराने ही ट्रान्सफॉर्मर लगाकर रखे गये हैं। कभी इस क्षेत्र के तो कभी उस क्षेत्र के ट्रान्सफॉर्मर उड़ना सामान्य बात मानी जाने लगी है। इन ट्रान्सफॉर्मर्स को सुधार तो दिया जाता है लेकिन सुधरने के बाद वे शीघ्र ही फिर से दम तोड़ देते हैं। आवश्यकता इन ट्रान्सफॉर्मर्स को बार-बार सुधारने की नहीं बल्कि उनके बदलने की ही है लेकिन विद्युत विभाग के द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है।

गौरतलब होगा कि आज लगभग हर चीज ही विद्युत पर आश्रित हो चुकी है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे-लंबे समय तक विद्युत आपूर्ति के ठप्प रहने के कारण मूलभूत सुविधाओं पर असर पड़ना स्वाभाविक ही है। ऐसे तो विद्युत विभाग के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में चौबीस घण्टे ही बिजली उपलब्ध कराने की बात पिछले लगभग 3-4 सालों से की ही जा रही है लेकिन जिला मुख्यालय से दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में एक भी दिन ऐसा नहीं आया जब 24 घण्टे ही बिजली की आपूर्ति जारी रही हो। इस तरह कहा जा सकता है कि सिवनी में विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारी मध्य प्रदेश सरकार की अटल ज्योति योजना का माखौल आरंभ से ही उड़ाते आ रहे हैं।

विद्युत आपूर्ति सतत रूप से जारी रखने के लिये जब विद्युत विभाग के अधिकारियों से बात की जाती है तो वे एक ही रोना रोते हैं कि क्षेत्र में विद्युत की खपत ज्यादा है और उसके अनुपात में आपूर्ति नहीं हो पा रही है। सवाल यह उठता है कि यदि आपूर्ति नहीं हो पा रही है तो इसके लिये कौन जिम्मेदार माना जायेगा।

इसके साथ ही समय पर ट्रान्सफॉर्मर आदि न सुधारे के जाने के संबंध में विद्युत विभाग के अधिकारियों के द्वारा पुराना दुखड़ा बताना आरंभ कर दिया जाता है कि विभाग कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। लाईन में खराबी आने पर सुधार कार्य के लिये स्टाफ नहीं होने के कारण समय पर सुचारू रूप से विद्युत की आपूर्ति बहाल करने के बारे में अधिकारियों के द्वारा अपने हाथ खड़े कर दिये जाते हैं।

हमारे सुनवारा जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बहाल होने के बाद भी इस बात का कोई भरोसा नहीं रहता है कि वह पुनः कब ठप्प हो जायेगी। इस तरह की विद्युत व्यवस्था के कारण कृषि का कार्य जमकर प्रभावित होता है। विद्युत विभाग के अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे सुनवारा के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत की आपूर्ति सुचारू रूप से जारी रहे, इसके लिये कोई कदम शीघ्र अतिशीघ्र अवश्य उठायेंगे।

पी.एल.भलावी

SAMACHAR AGENCY OF INDIA समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.