परिवर्तन विरोधी लोगों की बातों को ज्यादा तवज्जो न दी जाये!

 

 

चिल्लहर सब्जी मण्डी को विस्थापित किये जाने की खबरें आ रही हैं। इसी विषय पर मैं भी अपनी बात रखना चाहता हूँ।

संपूर्ण सिवनी शहर में सबसे अव्यवस्थित यातायात कहीं है तो वह है प्रमुख रोड मानी जाने वाली जी.एन. रोड के बुधवारी वाले क्षेत्र मेें। बारापत्थर से यदि छिंदवाड़ा चौराहा जाया जाये तो जितना वक्त नगर पालिका से दादू धर्मशाला के मध्य लगता है उतना किसी अन्य हिस्से में नहीं लगता है। स्पष्ट है कि जिस स्थान पर चिल्लहर सब्जी मण्डी का क्षेत्र आता है वहाँ यातायात बेहद अव्यवस्थित हो जाता है।

कारण साफ है कि वर्तमान सब्जी मण्डी को पुराने समय के हिसाब से उचित माना जा सकता था लेकिन अब वह स्थान बेहद संकुचित प्रतीत होने लगा है और कई वर्षों से इस क्षेत्र में लोग लगभग रेंगते हुए ही चलते हैं। यहाँ दुकानें लगाने के लिये अन्य व्यापारियों के लिये स्थान ही उपलब्ध नहीं है जिसके कारण चंद लोग मुनाफे में हैं तो दूसरी तफर कई व्यापारी यहाँ-वहाँ दुकानें लगाकर अपनी रोजी रोटी की व्यवस्था कर रहे हैं। अकेले बुधवारी में ही दो सब्जी मण्डी मानी जा सकती हैं, एक पुरानी सब्जी मण्डी और दूसरी वह जहाँ स्थान कम होने के कारण लोग अपनी दुकानें लगाते हैं यानि खटीकी मोहल्ला में।

गंज क्षेत्र में चिल्लहर सब्जी मण्डी को ले जाने वाले निर्णय का स्वागत किया जाना चाहिये। शुरूआत में लोगों को परेशानी हो सकती है लेकिन शीघ्र ही एक नयी व्यवस्था के कारण, व्यापारियों के साथ ही साथ शहर के लोगों को राहत अवश्य मिलेगी। दरअसल कई लोगों की आदत होती है कि वे आवश्यकता होने के बाद भी परिवर्तन को स्वीकार नहीं कर पाते हैं लेकिन एक व्यवस्थित शहर के लिये यदि कड़े कदम उठाने भी पड़ें तो उठाये जाना चाहिये। थोक सब्जी मण्डी के पुराने स्थान से हटने के बाद व्यवस्थाओं में सुधार महसूस किया गया। इसमें जो कमी रह गयी वह चिल्लहर सब्जी मण्डी के विस्थापित होने के बाद पूरी हो सकती है।

ज्यादा दूर न जाकर जबलपुर शहर का ही उदाहरण ले लिया जाये तो वहाँ भी जब पुराने बस स्टैण्ड को विस्थापित किया गया तब उसका भी विरोध हुआ था लेकिन उस बस स्टैण्ड के हटने के बाद अराजक स्थिति में काफी हद तक सुधार देखा गया। सिवनी में ही जब जिला चिकित्सालय को बस स्टैण्ड से बारापत्थर ले जाया गया था तब भी, परिवर्तन विरोधी लोगों की यही प्रतिक्रिया थी कि वहाँ जाने में लोगों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ेगा लेकिन वैसा कुछ नहीं हुआ। बेहतर होगा कि प्रशासन के द्वारा परिवर्तन विरोधी लोगों की बातों को ज्यादा तवज्जो न दी जाये। ऐसे ही लोगों के कारण गणेश चौक से कटंगी नाका की दिशा में घसियारी मोहल्ला तक की सड़क के हाल, पुर्ननिर्माण के बाद भी नहीं बदल सके हैं।

नरेश श्रीवास्तव