भूकंप : अब सर्वे नहीं जियो प्रोफाईलिंग होगी सिवनी में

लिमटी की लालटेन 139
भूकंप की संवेदनशीलता को देख विधायक मुनमुन ने की पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में बात, 15 को आएंगे विभाग के प्रदेश प्रभारी वेद प्रकाश
(लिमटी खरे)


21 सितंबर, 01 अक्टूबर के बाद 04 अक्टूबर को एक के बाद धमाकों और कंपन से लोग दल उठे। सुबह आठ बजे से ही सोशल मीडिया पर संदेशों की बरसात आरंभ हो गई। लोग यह कहते भी पाए गए कि कोरोना के बाद अब सिवनी के निवासियों को धरा डोलने की आदत सी पड़ चुकी है।


देखा जाए तो इस साल का पहला झटका 21 सितंबर के सिवनी के लोगों ने महसूस किया था। 21 सितंबर को सुबह 06 बजकर 05 मिनिट पर 2.1 तीव्रता का, 01 अक्टूबर को 11 बजकर 49 मिनिट पर 3.6 तीव्रता का, 04 अक्टूबर को सुबह 07.49 मिनिट पर 3.7 एवं 08.12 पर 2.9 तीव्रता का भूकंप का झटका रिएक्टर स्केल पर मापा गया। इसके अलावा सुबह से 12 बजे के बीच लगभग एक दर्जन बार धरा डोलती हुई लोगों ने न केवल महसूस की वरन इसे सोशल मीडिया पर साझा किया गया।


हटा लिया गया सिस्मोमीटर!

इधर, लोक निर्माण विभाग के आधिपत्य वाले रेस्ट हाऊस में पिछले साल आए भूकंप के झटकों के चलते लगाया गया सिस्मोमीटर वहां से लगभग दो माह पूर्व ही हटा दिया गया है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि इसे हटाने के पूर्व मंत्रालय के द्वारा क्षेत्रीय सांसद की सहमति भी चाही गई थी। इसका तातपर्य ही है कि सिवनी में आने वाले झटकों से केंद्र सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को भी ज्यादा सरोकार नहीं रह गया है।


छिंदवाड़ा में लगाया शक्तिशाली सिस्मोमीटर!

सूत्रों का यह भी कहना था कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। बालाघाट के सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन एवं मण्डला के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते भी भाजपा से हैं, पर दोनों ही के द्वारा अपने अपने संसदीय क्षेत्र के सिवनी जिले के हिस्से में सिस्मोमीटर लगाए रखने के लिए किसी तरह के प्रयास नहीं किए गए हैं, जो अनुचित ही है।


सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि उधर, छिंदवाड़ा के कांग्रेस के सांसद नकुल नाथ ने मंत्रालय में छिंदवाड़ा का पक्ष वजनदारी से रखकर वहां एक शक्तिशाली सिस्मोमीटर स्थापित करवा लिया है। कांग्रेस के सांसद के संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा जिले में लगा सिस्मोमीटर भाजपा के सांसदों के संसदीय क्षेत्र मण्डला और बालाघाट जिलों सहित इनके संसदीय क्षेत्र के सिवनी जिले के हिस्से में भी निगरानी रख रहा है। सिवनी में लगे अस्थाई सिस्मोग्राफ यंत्रों को निकालकर छिंदवाड़ा में स्थायी सिस्मोग्राफ यंत्र लगा दिया गया है।

जिला प्रशासन, सांसदों, सरकार को सरोकार नहीं!

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान यह भी बताया कि सिवनी में भूगर्भीय हलचल महसूस किए जाने का यह तीसरा साल है। लगातार तीन सालों में बारिश के जाते जाते इस तरह के झटके महसूस होना वाकई बहुत गंभीर बात मानी जा सकती है। सूत्रों का कहना है तीन सालों में सिवनी के सांसदों और जिला प्रशासन के साथ ही साथ राजय सरकार को चाहिए था कि वे जियो प्रोफाईलिंग की मांग मंत्रालय से करते, पर जनप्रतिनिधियों या प्रशासन के द्वारा मांग नहीं किए जाने के बाद भी अब सिवनी की जियो प्रोफाईलिंग का काम जल्द ही आरंभ कराया जाएगा।


मुनमुन ने की अधिकारियों से बात, 15 को आएंगे प्रदेश प्रभारी वेद प्रकाश

इधर, भूकंप विज्ञान केंद्र के प्रदेश कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि सिवनी के भाजपा विधायक दिनेश राय के द्वारा सोमवार 04 अक्टूबर को लगातार हुई भूगर्भीय हलचल के उपरांत पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधिकारियों सहित प्रदेश के प्रभारी वेद प्रकाश से इस मामले की चर्चा की। सूत्रों का कहना था कि दिनेश राय के द्वारा जनता के बीच भूगर्भीय हलचलों को लेकर बनी स्थिति को देखते हुए वेद प्रकाश से सिवनी आकर जांच करने एवं सिवनी में सर्वे के बजाए अब जियो प्रोफाईलिंग की बात कही है। इसके बाद प्रदेश प्रभारी वेद प्रकाश के द्वारा जांच दल के साथ 15 अक्टूबर को सिवनी पहुंचकर जांच करने की बात विधायक दिनेश राय से कही।

सिवनी सहित जबलपुर संभाग की होगी जियो प्रोफाईलिंग : वेद प्रकाश

मध्य प्रदेश में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का प्रतिनिधित्व करने वाले वेद प्रकाश ने समाचार एजेंसी ऑॅफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि लगभग दो दशक पहले जबलपुर संभाग की जियो प्रोफाईलिंग की गई थी। दो दशकों में काफी कुछ बदल भी गया होगा। इसलिए जल्द ही सिवनी सहित जबलपुर संभाग की जियो प्रोफाईलिंग जल्द ही कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस काम में छः माह से एक साल तक का समय लगता है।


उन्होेंने बताया कि तीन सालों में जिला प्रशासन सिवनी अथवा किसी भी जनप्रतिनिधि के द्वारा जियो प्रोफाईलिंग की बात नहीं कही गई है। अलबत्ता इस संबंध में दिनेश राय के द्वारा उनसे चर्चा की बात उन्होंने बताई। उनका कहना था कि चट्टानी दरारों में पानी भरने के साथ ही साथ मानव जनित कारण भी इसके मूल में हो सकते हैं। पत्थर खदानों में ब्लास्टिंग के कारण आने की संभावनाओं पर उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को यह देखना चाहिए कि निर्धारित मापदण्ड का पालन क्रशर्स संचालक कर पा रहे हैं अथवा नहीं।

सिवनी में लगातार हो रही भूगर्भीय हलचल से लोगों में दहशत तो लग रही है। इसके लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधिकारियों विशेेषकर प्रदेश के प्रभारी वेद प्रकाश से चर्चा की है। उन्होंने 15 अक्टूबर को अपने दल के साथ सिवनी आने की बात कही है। भूगर्भीय हलचलों के संबंध में जियो प्रोफाईलिंग के लिए भी आग्रह किया है ताकि इस मामले में विस्तार से पता चल सके और कारण पता चलने के बाद उसका निराकरण कराया जा सके।
दिनेश राय मुनमुन
विधायक, सिवनी.