मुझे शिकायत विद्युत विभाग से है जिसकी कार्यप्रणाली के कारण शहर की जनता ही नहीं बल्कि संपूर्ण जिले में अघोषित कटौति से लोगों को जूझना पड़ रहा है।
सिवनी में विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली का आलम यह है कि सरकार की अटल ज्योति योजना को पूरी तरह से अटक ज्योति में तब्दील करके रख दिया गया है। ऐसा लगता है कि यहाँ विद्युत विभाग में काम सिर्फ कागजों पर ही हो रहा है और मैदानी तौर पर उसकी भूमिका लगभग शून्य ही है। विद्युत विभाग के लापरवाह अधिकारियों की मनमानी कार्यप्रणाली के कारण इस विभाग के मैदानी कर्मचारियों को देर रात तक फाल्ट ढूंढते देखा जा सकता है और उस बीच जब तक फाल्ट ही नहीं मिलता है तब तक संबंधित क्षेत्र के नागरिकों को विद्युत प्रवाह अवरूद्ध होने की स्थिति से जूझना पड़ता रहता है।
इन दिनों बीच-बीच में बारिश हो रही है और जरा सी बारिश तो दूर की बात है तेज हवाएं चलने पर ही विद्युत प्रवाह अवरूद्ध होकर रह जाता है। इसका दोष इस विभाग के अधिकारी, मौसम को देने में कोई चूक नहीं करते हैं लेकिन वे यह बताने की जहमत नहीं उठाते हैं कि शीतकाल के दौरान भी तो यही स्थिति थी जब बिना हवा या आँधी के ही अघोषित रूप से कई-कई घण्टों के लिये विद्युत प्रवाह अवरूद्ध हो जाता था।
शीतकाल गुजरने के बाद अब ग्रीष्म काल भी समाप्ति की ओर है लेकिन विद्युत प्रवाह अवरूद्ध होने का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। इसके बाद बारिश का मौसम आ जायेगा तब विद्युत व्यवस्था की क्या स्थिति रहती है यह तो समय ही बतायेगा। प्रत्येक मौसम में यदि विद्युत प्रवाह अवरूद्ध हो रहा है तो क्या इसका दोष सिवनी के विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली को नहीं दिया जाना चाहिये?
विद्युत प्रवाह अवरूद्ध होने की स्थिति में सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है जब इस विभाग के द्वारा अपने उपभोक्ताओं के लिये शिकायत हेतु उपलब्ध कराया गया नंबर 220280 लगता ही नहीं है। काफी देर तक वेटिंग में आने के बाद यह नंबर स्वतः ही आउट ऑफ ऑर्डर हो जाता है और उसके कुछ ही देर बाद अपने आप ठीक भी हो जाता है। क्या इसे यह नहीं माना जायेगा कि उस नंबर पर सेवाएं देने वाले कर्मचारी के द्वारा जान-बूझकर रिसीवर उठाकर क्रेडिल से अलग रख दिया जाता होगा! ये कैसी कार्यप्रणाली है जिसके माध्यम से विद्युत विभाग के अधिकारियों के द्वारा इस तरह के कामचोर कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जिनके द्वारा फोन पर उपभोक्ताओं की शिकायत सुनना ही आवश्यक नहीं समझा जाता है।
आश्चर्य की बात तो यह है कि जब कभी विद्युत प्रवाह अवरूद्ध होने की स्थिति में दिये गये नंबर 220280 पर शिकायत ले भी ली जाती है तो उसके काफी देर तक विद्युत प्रवाह पुनः आरंभ नहीं हो पाता है। ऐसी स्थिति में जब पुनः 220280 नंबर पर संपर्क करते हुए वस्तुस्थिति जानने की कोशिश की जाती है तो संबंधित कर्मचारी के द्वारा एक ही रटा-रटाया जवाब दिया जाता है कि कर्मचारी निकल गये हैं। यह बात समझ से परे ही है कि सिवनी शहर का ऐसा कौन सा क्षेत्र है जहाँ इस विभाग के कार्यालय से कर्मचारी को, मौके पर पहुँचने में एक-एक, दो-दो घण्टे तक का समय सहज रूप में ही लग जाता हैं? विद्युत विभाग को अपनी कार्यप्रणाली पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि इस महत्वपूर्ण विभाग के कारण जनता नाहक ही परेशान न हो।
सुहैल खान