शहर के सबसे संकरे मार्ग पर भारी यातायात!

 

 

सिवनी में इन दिनों अतिक्रमण विरोधी अभियान की धमक जारी है। इसके साथ ही सड़कों के चौड़ीकरण की बात भी जहाँ-तहाँ से सुनने को मिल रहीं हैं। इस स्तंभ के माध्यम से मैं यही ध्यान दिलाना चाहता हूँ कि एक ठेकेदार की मनमानी के कारण भारी वाहनों को भी अत्यंत संकरे मार्ग से होकर गुजरना पड़ रहा है।

पिछले कई वर्षों से सिवनी के नागरिक ही नहीं बल्कि बाहर से यहाँ आने वाले भी, शहर की सड़कों पर लगभग रेंगते हुए चल रहे हैं लेकिन जनता की इस आवश्यकता की ओर ध्यान देने की जरूरत किसी भी जन प्रतिनिधि ने नहीं समझी। वर्तमान में कटंगी रोड को चौड़ा कर ही दिया गया है लेकिन उसके बाद भी वाहनों को 6-7 फीट की सड़क पर चलने को मजबूर कर दिये गये हैं।

कटंगी नाका पर आवागमन को रेलवे के ठेकेदार के द्वारा परिवर्तित करके एक बेहद ही संकरे मार्ग पर डाल दिया गया है। इस संकरे मार्ग को स्थानीय भाषा में छेणी भी कहा जा सकता है। इस संकरे मार्ग से चार पहिया वाहन ही क्या डंपर जैसे भारी वाहन भी गुजर रहे हैं लेकिन किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है।

हो सकता है कि रेलवे के ठेकेदार की सहायतार्थ इस ओर ध्यान न दिया जा रहा हो लेकिन जनता की परेशानी को फिर कौन समझेगा? पूरी बारिश और भारी बारिश का दौर गुजर गया लेकिन रेलवे के ठेकेदार के द्वारा इस डायवर्टेड मार्ग पर डामर की परत तक चढ़ाने की जहमत नहीं उठायी गयी जिसके कारण उस दौरान कीचड़ से होकर लोग आना – जाना करते रहे लेकिन जन प्रतिनिधि ही नहीं जिला प्रशासन भी सब तमाशा देखता रहा।

अब बारिश खत्म हो चुकी है तब इस क्षेत्र में धूल के गुबार चौबीसों घण्टे उठते हुए देखे जा सकते हैं। कच्चे डायवर्टेड मार्ग के साथ ही ठेकेदार की कार्यप्रणाली के कारण अत्यंत संकरे मार्ग से वाहन गुजर रहे हैं लेकिन कोई उफ भी जब नहीं कर रहा है तो सड़कें चौड़ी और पक्की करके राशि को बरबाद करने का कारण समझ से परे है जबकि काम, ऐसे ही चल जाता है।

कहने का मतलब यही है कि शासन-प्रशासन यदि ठेकेदार के माध्यम से किसी महत्वपूर्ण कार्य को करवा ही रहे हैं तो उसमें सिर्फ ठेकेदार को ही मदद न की जाये बल्कि यह भी देखा जाये कि ठेकेदार के द्वारा नियमानुसार कार्य करवा भी जा रहा है अथवा नहीं। यदि करवाया जा रहा है तो डायवर्टेड रोड पर लोगों को कीचड़ या धूल का सामना शुरू से अभी तक क्यों करना पड़ रहा है। आखिर रेलवे के ठेकेदार को इतनी मनमानी करने पर क्यों छोड़ दिया गया है कि यातायात, शहर के सबसे संकरे मार्ग से होकर गुजर रहा है और कोई इसकी खबर तक नहीं ले रहा है।

प्रमोद लखेरा