ठण्डे फर्श पर उपचार किया जाना अमानवीय!

 

 

जिला चिकित्सालय प्रबंधन से मुझे शिकायत है जिसकी नाक के नीचे मरीज़ों एवं उनके परिजनों को होने वाली परेशानियों का कतई ध्यान नहीं रखा जा रहा है।

इन दिनों सिवनी जिला भीषण ठण्ड के दौर से गुजर रहा है। तापमान, आये दिन दहाई के अंक के नीचे जा रहा है। ऐसे मौसम में जिला चिकित्सालय में भर्त्ती कई मरीज़ों को बिस्तर उपलब्ध नहीं करवाया जाता है और उनका उपचार जमीन पर ही किया जा रहा है। गौरतलब होगा कि ठण्ड के इन दिनों में फर्श वैसे ही बहुत ठण्डा होता है जिसके कारण नीचे बिछाये जाने वाले बिस्तर भी शीघ्र ही ठण्डे हो जाते हैं।

सर्दी जुखाम से पीड़ित मरीज़ों के लिये इस तरह की व्यवस्था अत्यंत दुःखदायी होती है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले भोले भाले ग्रामीण अपनी व्यथा किसी से नहीं कह पाते हैं और जिला चिकित्सालय प्रबंधन भी उनको होने वाली परेशानी की ओर ध्यान देता नहीं दिखता है। इस तरह की व्यवस्था अमानवीय ही कही जायेगी।

मरीज को जिला चिकित्सालय में भर्ती तो कर लिया जाता है लेकिन उसे बिस्तर प्रदाय न किया जाकर जमीन पर लेटने को विवश कर दिया जाता है। आश्चर्यजनक रूप से सिवनी जिला चिकित्सालय में मरीज़ों को जमीन पर ही लिटाकर उपचार करने की तो जैसे परंपरा ही बन गयी है। न तो किसी अधिकारी और न ही किसी जनप्रतिनिधि के द्वारा यह देखने की जहमत उठायी जाती है कि इतने बड़े जिला चिकित्सालय में जितने पलंग हैं, कई मर्तबा उससे दोगुने-तीनगुने मरीज़ जमीन पर लेटे मिल जाते हैं।

जमीन पर लिटाये गये मरीज का परेशान होना तो स्वाभाविक ही है लेकिन उसके साथ ही साथ बिस्तर पर लेटे हुए मरीज को भी आसपास रिक्त स्थान न होने के कारण विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिला चिकित्सालय सिवनी ही शायद प्रदेश का एक ऐसा चिकित्सालय होगा जहाँ एक ही बिस्तर पर दो विभिन्न रोगों से ग्रस्त मरीज़ों का उपचार किया जाता होगा। जिला चिकित्सालय प्रबंधन से उम्मीद ही की जा सकती है कि उसके द्वारा शीघ्र ही व्यवस्थाओं में सुधार किया जायेगा।

बाबा रजक