वृद्धाश्रम को किया जाये और भी बेहतर

 

 

इस स्तंभ के माध्यम से मैं सभी संबंधितों का ध्यान वृद्धाश्रम की ओर आकृष्ट करवाना चाहता हूँ।

सिवनी के बारापत्थर क्षेत्र में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के समीप भी एक वृद्धाश्रम स्थित है। वैसे तो यहाँ की व्यवस्थाएं संतोषजनक ही कही जा सकती होंगी लेकिन एक विशेष आवश्यकता जो यहाँ पर महसूस होती है वह है सीढ़ियों की ऊँचाई के कारण वृद्धों को होने वाली परेशानी के संबंध में।

यहाँ कुछ बुजुर्ग ऐसे निवासरत हैं जो चलने फिरने में तो सक्षम हैं लेकिन शारीरिक दोष के चलते उन्हें अब इस उम्र में सीढ़ियां चढ़ने या उतरने में परेशानी ही महसूस होती है। यहाँ की सीढ़ियों पर साईड बार भी नहीं है जिसका सहारा लेकर वृद्धावस्था गुजार रहे लोग सीढ़ियां चढ़ या उतर सकें।

विशेषकर जब यहाँ निवासरत वृद्ध भोजन की थाली लेकर सीढ़ियों से उतरते हैं तब वे बेहद सम्हलकर तो चलते हैं लेकिन उस दौरान होने वाली लड़खड़ाहट को देखकर उनकी परेशानियों को सहज ही महसूस किया जा सकता है। वृद्धगण अपनी यह समस्या किसी से साझा नहीं कर पाते हैं जिसके कारण उनकी यह समस्या लगातार ही बनी हुई है।

इसी तरह यहाँ महिलाओं वाला जो भाग है उसके कमरों के स्लेब की ऊँचाई अत्यंत कम है। स्लेब की ऊँचाई कम होने के कारण ठण्ड के दिनों में तो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन गर्मी के दिनों में इन कमरों का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ महसूस होता है। इसलिये आवश्यकता इस बात की है कि इन कमरों का पुर्ननिर्माण यदि करवा दिया जाता है तो गर्मी के दिनों में भी वृद्धजन असहज महसूस नहीं करेंगे। इसके साथ ही वेन्टीलेशन में भी आसानी होगी।

एक अदद पार्क की कमी यहाँ शिद्दत से महसूस की जा रही है। वृद्धों के पास समय व्यतीत करने के लिये दैनिक दिनचर्या के अलावा और कोई जरिया न होने के कारण उनमें उकताहट के कारण चिड़चिड़ाहट भी घर करने लगती है। यदि एक पार्क या छोटा सा गार्डन ही यहाँ विकसित करवा दिया जाता है तो यह कई दृष्टि से अत्यंत हितकर ही साबित होगा। उम्मीद है सभी संबंधित, जो इस दिशा में हमेशा बेहतर ही करने का प्रयास करते हैं वे सीढ़ियों और गार्डन जैसे विकल्पों पर भी अवश्य ही विचार करेंगे।

आशीष नागोत्रा