नपा के स्वास्थ्य विभाग की भूमिका शून्य!

 

बारिश का मौसम अपने शवाब में होने के बाद भी नगर पालिका के स्वास्थ्य अमले के द्वारा इस बात की सुध नहीं ली जा रही है कि शहर में मच्छरों की फौज आ धमकी है, नागरिक परेशान हैं लेकिन न तो साफ – सफाई की ओर ध्यान दिया जा रहा है और न ही फॉगिंग मशीन का ही उपयोग नगर पालिका के द्वारा किया जा रहा है।

शहर के वातावरण में उमस ने अपने पैर पसार लिये हैं। हालांकि पिछले लगभग दो दिनों से भीषण उमस से तो लोगों को राहत है लेकिन बारिश के थमते ही उमस अपना असर दिखाना आरंभ कर देती है। इसके साथ ही मच्छर भी लोगों पर जैसे टूट ही पड़ते हैं। नगर पालिका की लचर कार्यप्रणाली ने मच्छरों के लिये अनुकूल माहौल उपबल्ध करा दिया है। शाम होते ही मच्छरों की अच्छी खासी फौज लोगों को हलाकान कर रही है लेकिन नागरिकों को इस समस्या से निजात मिलने की कोई उम्मीद निकट भविष्य में भी नज़र नहीं आ रही है क्योंकि नगर पालिका आश्चर्यजनक रूप से बारिश के इन दिनों में भी सिर्फ और सिर्फ निर्माण कार्यों में व्यस्त दिख रही है। उधर जिला प्रशासन भी नगर पालिका के इस रवैये से आँखें मूंदे नज़र आ रहा है।

शहर में कचरा वाहन चलाये जाने आरंभ किये गये थे लेकिन अब इन कचरा वाहनों का शहर के अधिकांश भीतरी क्षेत्रों में पता ही नहीं चलता है अलबत्ता दूर से इन कचरा वाहनों की आवाज अवश्य आ जाया करती है और दूर से ही वह आवाज सुनायी देना भी बंद हो जाती है। शायद कचरा वाहनों को एक निश्चित क्षेत्रों में ही जाने के निर्देश अब दे दिये गये हैं जो आश्चर्यजनक हैं। कचरा वाहनों के न आने के कारण लोगों के द्वारा एक बार फिर से सड़क पर ही अपने घर का कचरा फेंका जाने लगा है जिसके कारण वार्डों में गंदगी का अंबार एक बार फिर लगने लगा है और यही गंदगी मच्छरों की तादाद में इज़ाफा करने के लिये पर्याप्त कारण मानी जा रही है।

रही-सही कसर सड़क किनारे नगर पालिका के स्वयंभू बुद्धिजीवियों के आदेश पर रख दिये गये टीन के मूत्रालयों और इनके आसपास फैली गंदगी पूरी कर रही है। कुल मिलाकर मच्छरों के लिये सिवनी नगर पालिका के अंतर्गत आने वाला क्षेत्र उपर्युक्त माना जा सकता है लेकिन इसी वजह से नगर के वाशिंदों को नारकीय पीड़ा भोगने पर मजबूर होना पड़ रहा है। मजबूर इसलिये क्योंकि जिला प्रशासन ने अपना ध्यान नगर पालिका की ओर से हटाते हुए उसे मनमानी करने के लिये जैसे स्वतंत्र ही छोड़ दिया है।

जिला प्रशासन का ध्यान इन दिनों जिला चिकित्सालय पर लगाया गया प्रतीत हो रहा है हालांकि उसके बाद भी जिला प्रशासन जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाओं को सुधारने में पूरी तरह नाकाम ही साबित हुआ है। बताया जाता है कि नगर पालिका के पास स्वयं का एक स्वास्थ्य विभाग भी है लेकिन इस विभाग का काम क्या है, यह बात शहर की जनता आज तक समझ ही नहीं पायी है।

यदि यह कहा जाये कि नगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग की भूमिका शून्य ही बनी हुई है तो अतिश्योक्तिपूर्ण कतई नहीं होगा। बेहतर होगा कि कलेक्टर के द्वारा नगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग को कम से कम मलेरिया विभाग के ही अधीन कर दिया जाये। यदि ऐसा किया जाता है तो मच्छरों के उन्न्मूलन की दिशा में कोई कार्यवाही की उम्मीद की जा सकती है अन्यथा सिर्फ नगर पालिका के ही भरोसे यदि बैठा गया तो मच्छरजनित कई बीमारियां सिवनी शहर में पैर पसार सकती हैं।

प्रिंस राज