बेपरवाह आवारा घूमने वालों पर नजर रखने की आवश्यकता

 

इस स्तंभ के माध्यम से मैं जिला प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट करना चाहता हूँ कि इन दिनों सिवनी में भीख माँगकर गुजारा करने वालों की तादाद में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। इनमें से अधिकांश अंजान चेहरे ही होते हैं तो इनमें से कई मानसिक रूप से विक्षिप्त भी दिखायी देते हैं।

वर्तमान में तो एक महिला एक बच्चे के साथ सिवनी की सड़कों पर देर रात तक देखी जा रही है। ये महिला कौन है, ऐसे लोग कहाँ से सिवनी में आ रहे हैं, इस विषय पर ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। सिवनी आकर ऐसे लोग यहाँ से वहाँ भटकते रहते हैं और कई बार तो इनके कारण यातायात भी बाधित हो जाता है। एक अच्छी बात ये है कि इनमें से ज्यादातर लोग किसी को परेशान नहीं करते हैं।

सिवनी में भीख माँगकर गुजारा करने वालों के पास अपना कोई स्थायी ठिकाना नहीं होता है। देखने वाली बात यह है कि ऐसे लोगों की आड़ में कुछ ऐसे तत्व भी मौके का फायदा उठा सकते हैं जो पहले से ही अपराधिक गतिविधियों में संलग्न रहे हैं। शहर में चोरियों की वारदात भी आये दिन घटित हो रहीं हैं ऐसे में संभव है कि भिखारियों के भेष में अज्ञात चोर भी भीख माँगने के बहाने मौके की रैकी किया करते हों। इसलिये पुलिस को भी इस मामले में सचेत रहने की आवश्यकता है।

सिवनी में ऐसे लोग जो भीख माँगकर ही अपना जीवन यापन करते हैं उनमें से अधिकांश स्वास्थ्यगत समस्याओं से जूझ रहे दिखते हैं। अभी कुछ महीने पहले कुछ लोगों के द्वारा जागरूकता का परिचय देते हुए ऐसे लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की सराहनीय पहल की गयी थी लेकिन अब वे लोग भी शांत बैठ गये लगते हैं। संबंधित विभाग से इस ओर ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है ताकि ऐसे बेसहारा लोगों की सुध ली जाकर उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायीं जायें ताकि वे भी स्वस्थ्य जीवन जी सकें।

इसके साथ ही नगर पालिका प्रशासन से अपेक्षा तो की ही जा सकती है कि वह ऐसे लोगों के लिये शहर के किसी बाहरी हिस्से में ही सही लेकिन सराय जैसी कोई व्यवस्था मुहैया कराये। अभी होता यह है कि ठिकाने के अभाव में भिक्षुक लोग, गर्मी और बारिश के साथ ही साथ कड़कड़ाती ठण्ड में भी किसी पेड़ के नीचे या ऐसे ही किसी अन्य स्थान पर, अपने आप को मौसम की मार से सुरक्षित रखने का असफल प्रयास करते हैं। मानवता के नाते संबंधित विभाग को तो सक्रियता दिखाना ही चाहिये साथ ही सामाजिक संगठनों से भी अपेक्षा है कि वे ऐसे लोगों की भलाई के लिये कुछ अतिरिक्त प्रयास करें जो स्वयं के अधिकार के लिये भी लड़ने में सक्षम नहीं होते हैं।

कमर सिद्दिकी