इस स्तंभ के माध्यम से मैं नगर पालिका सिवनी की ओर जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ कि नगर पालिका की कार्यप्रणाली के कारण शहर के वाशिंदे बेमतलब की परेशानियों से लगातार जूझ रहे हैं। आश्चर्य जनक बात यह है कि जिला प्रशासन स्व संज्ञान से कोई कार्यवाही करता नहीं दिख रहा है।
सबसे पहले तो मैं यह भी जानना चाहता हूँ कि क्या जिला प्रशासन को हेण्डल कर रहे अधिकारी सिवनी शहर में रहते नहीं हैं या यहाँ से होकर गुजरते नहीं हैं जिसके कारण उन अधिकारियों को शहर की नारकीय स्थिति का जरा भी आभास नहीं है? क्या जिला प्रशासन में बैठे सिर्फ कुर्सी टेबल तोड़ते हुए कागजी घोड़े ही दौड़ाने में व्यस्त हैं?
शहर के नागरिक नगर पालिका की कार्यशैली के कारण मूलभूत सुविधाओं से दो-चार हो रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन अपनी आँखों पर पट्टी बांधे हुए ही बैठा है। कई तरह की योजनाओं को निपटाने वाले ठेकेदार मनमानी करने पर उतारू हैं लेकिन जिला प्रशासन को भनक तक नहीं है। नगर पालिका सिवनी बिना नागरिकों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर अपनी तरीके से ऐसे कार्य किये जा रही है कि उससे आम आदमी जमकर पीड़ित है। जिला प्रशासन को आखिर क्या दिक्कत है नगर पालिका पर अपनी नज़रें इनायत करने में, यदि इस बात का अहसास नागरिकों को हो जाये तो वे जिला प्रशासन से भी उम्मीद छोड़ दें।
इन दिनों बारिश का मौसम चल रहा है और गर्मी के ऐसे दौर से शहर गुजरा है जबकि शहर में पानी की त्राहि त्राहि मची रही। बारिश के दिनों में ये हाल हो गया है कि हर तरफ पानी ही पानी नजर आता है। बारिश ठहर भी जाये, जैसा कि पिछले दो दिनों से हुआ है जबकि पानी नहीं बरसा है, उसके बाद भी शहर के कई हिस्सों में पानी भरा हुआ है जो मच्छरों के लिये उपजाऊ परिस्थितियां निर्मित कर रहा है। शहर में एक तरफ पानी भरा रहे और दूसरी तरफ माह में कभी कभार एकाध बार फॉगिंग मशीन चला भी दी जाये तो क्या उससे मच्छरों का शमन हो जायेगा? इतनी साधारण सी बात भी यदि जिला प्रशासन के संज्ञान में लायी जाये तो फिर क्या कहा जा सकता है जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली के बारे में भी।
बारिश के समय तो शहर का बुधवारी जैसा क्षेत्र जलमग्न जैसी स्थिति से आज नहीं, बल्कि कई वर्षों से गुजर रहा है लेकिन फिर भी कोई ठोस उपाय आज तक नहीं किये गये। बीते दिनों एक पड़ौसी ने अपने बच्चे को तब बाज़ार भेजा जबकि बारिश रूकी हुई थी। वे पड़ौसी तब हतप्रभ रह गये जब उनका बच्चा बाज़ार से लौटा तो वह पानी में भीगा हुआ था। पूछने पर उसने बताया कि बुधवारी में वह साईकिल से स्लिप होकर गिर गया जिसके कारण रूकी बारिश के बाद भी वह भीग गया। ये हाल हैं सिवनी के और जिला प्रशासन इन परिस्थितियों से यदि जान बूझकर अंजान बना हुआ है तो इसे शर्मनाक कार्यप्रणाली ही कहा जायेगा। संबंधित अधिकारियों से अपेक्षा ही करना शेष रह गया है कि उनके द्वारा नगर पालिका की मनमानी पर अविलंब लगाम लगायी जाये।
राम नारायण पाठक