सब्जी की मुख्य चिल्ल्हर मण्डी से लगा हुआ मछली बाजार सिवनी के बुधवारी क्षेत्र में स्थित है। मांसाहार से दूर रहने वाला शाकाहारी व्यक्ति जब बुधवारी बाजार सब्जी लेने जाता है तो उसे मछलियों की गंध बहुत परेशान करती है। इसलिये बेहतर होगा कि मछली बाजार को शीघ्र अतिशीघ्र नये स्थान पर भेज दिया जाये।
यहाँ यह भी देखना होगा कि हिंदु धर्म के प्रमुख त्यौहार आरंभ हो चुके हैं और दुर्गोत्सव जैसे अन्य प्रमुख त्यौहार शीघ्र ही आने वाले हैं। इन त्यौहारों में अनेंक लोग व्रत रखते हैं। ये लोग जब फलाहार से संबंधित सामग्री लेने बुधवारी पहुँचते हैं तब उन्हें मछलियों की गंध बहुत परेशान करती है। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि मछली बाजार के चारों ओर सब्जियों की दुकान लगायी जाती हैं। इसलिये मछली बाजार की गंध से बचना सभी के लिये कतई संभव नहीं हो पाता है।
प्रशासन यदि ईमानदारी से चाहे तो मछली बाजार को ज्यादा दूर नहीं तो बुधवारी तालाब की उस दिशा में स्थानांतरित कर सकता है जहाँ पहले से ही मुर्गी या बकरे इत्यादि काटे जाते हैं। वास्तव में मांसाहारी और शाकाहारी दुकानें पर्याप्त दूरी पर स्थित होना चाहिये जिससे किसी को कोई परेशानी न हो लेकिन सिवनी में स्थिति एकदम अलग है। यहाँ सब्जी बाजार के बिल्कुल बीचों-बीच मछली बाजार का स्थित होना आश्चर्यजनक है।
यह संभव हो सकता है कि सिवनी शहर के ज्यादातर कर्णधार मांसाहारी होंगे इसलिये वे शाकाहारी लोगों की इस परेशानी को नहीं समझ पा रहे होंगे अन्यथा मछली बाजार बहुत पहले ही कहीं और शिफ्ट हो चुका होता। बताया तो यह भी जाता है कि नया मछली बाज़ार बनकर तैयार भी है लेकिन वर्तमान बाजार को वहाँ शिफ्ट नहीं किया गया है। मछली बाजार को अन्य स्थानों पर स्थापित किये जाने की महती आवश्यकता है।
चंद्रकांत श्रीवास्तव