बारिश में गायब हैं यातायात कर्मी!

 

स्तंभ के माध्यम से मैं यह जानना चाहता हूँ कि क्या कोर्ट ने हेल्मेट से संबंधित दिये गये अपने फैसले में कोई संशोधन किया है? दरअसल सिवनी में लंबे समय से यातायात विभाग के द्वारा हेल्मेट को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।

ऐसा लगता है जैसे बारिश के इन दिनों में यातायात पुलिस के द्वारा कोर्ट के आदेशों को एक तरफ रखते हुए अपने आप को भीगने से बचाया जा रहा है। चौक चौराहों पर यातायात विभाग के पुलिस कर्मी तो दिखायी नहीं देते थे लेकिन उनके स्थान पर खड़े होने वाले होमगार्ड के सिपाही भी आजकल बारिश के दौरान नज़र नहीं आ रहे हैं। सिवनी में एक समय हेल्मेट को लेकर यातायात विभाग के द्वारा अभियान सा छेड़ दिया गया था लेकिन अब वैसी कोई कार्यवाही न होने के कारण वाहन चालकों ने हेल्मेट पहनना बंद सा कर दिया है। कुछ जागरूक वाहन चालक अवश्य ही स्वप्रेरणा से हेल्मेट का उपयोग करते हुए देखे जा सकते हैं।

मनमाने चैकिंग अभियान के चलते ऐसा प्रतीत होता है जैसे यातायात विभाग के द्वारा जब चालानी कार्यवाही का मन होता है तब कोर्ट का बहाना लेकर हेल्मेट के नाम पर चालानी कार्यवाही आरंभ कर दी जाती है। बाकी समय में कोर्ट के आदेश का क्या हुआ, इस बारे में कोई विचार नहीं करता है। समय-समय पर कोर्ट के आदेश का हवाला देकर चालानी कार्यवाही करना और फिर अचानक उसे लंबे समय तक बंद कर दिया जाना, क्या माना जायेगा।

क्या यातायात विभाग कोर्ट के आदेश को गंभीरता से नहीं लेता है जो वक्त-वक्त पर उसके द्वारा आदेशों का हवाला देकर वाहन चालकों को चालानी शुल्क देने के लिये बाध्य किया जाता है, और फिर यातायात विभाग के द्वारा ही उन आदेशों को कुछ समय के लिये रद्दी की टोकरी के हवाले भी कर दिया जाता है जो चालानी कार्यवाही सतत जारी नहीं रखी जाती है। सामान्य नागरिकों के साथ ही साथ पुलिस विभाग के अधिकांश कर्मचारी भी इन दिनों बिना हेल्मेट के ही वाहन चलाते हुए देखे जाते हैं। हाँ, यातायात विभाग के कर्मचारी अवश्य ही सफेद रंग का हेल्मेट लगाये इधर-उधर वाहन पर घूमते नजर आ जाते हैं।

इसी स्तंभ के माध्यम से यह भी जानना चाहता हूँ कि यातायात विभाग के कर्मचारी यातायात को सम्हालते हुए क्यों नहीं दिखायी देते हैं? चौक-चौराहों पर उनकी ड्यूटी क्यों नहीं लगायी जाती है। सिवनी के यातायात को होमगार्ड के सैनिकों के हवाले किया जाना यह बताता है कि सिवनी के अस्त-व्यस्त हो चुके यातायात को पटरी पर लाने के लिये यातायात विभाग गंभीर कतई नहीं है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे यातायात विभाग को इस विषय में मार्गदर्शित करें कि कैसे सिवनी के बदहाल यातायात को दुरूस्त किया जा सके।

चक्रेश मराठा