उन दुकानदारों से मुझे शिकायत है जिनके द्वारा या तो चिल्ल्हर नहीं ली जाती है या लिये जाते समय अनाप शनाप तर्क दिये जाते हैं।
एक समय सिवनी में चिल्ल्हर का जबर्दस्त संकट रहा करता था और स्थिति यह थी कि कुछ दुकानदार 100 रूपये अदा करके 90 और 85-80 रूपये तक की चिल्ल्हर लिया करते थे। आज स्थिति में परिवर्तन दिख रहा है और बाजार में चिल्ल्हर का संकट दूर ही दिखायी ही दे रहा है। इस स्थिति का स्वागत किया जाना चाहिये कि चिल्ल्हर के बदले में टॉफी आदि थमाये जाने की परंपरा पर लगाम लग चुकी है।
अब स्थिति यह है यह चिल्ल्हर ग्राहकों के लिये तो संकट नहीं बन रही लेकिन शायद अथाह चिल्ल्हर ने कई दुकानदारों को परेशान कर दिया है और वे इसे सौदे की खरीदी-बिक्री के समय लेने से हिचकते ही दिखते हैं। सवाल यह उठता है कि यदि ग्राहक के पास चिल्ल्हर है तो वह इसी चिल्ल्हर के माध्यम से भुगतान क्यों न करे? कायदे से देखा जाये तो दुकानदार चिल्ल्हर लेने से इंकार नहीं कर सकते हैं। दस और कुछ हद तक पाँच रूपये के सिक्के तो दुकानदारों के द्वारा ले लिये जाते हैं लेकिन एक या दो के सिक्के लेने में कई दुकानदारों के द्वारा परेशानी दिखायी जाती है जबकि ये सभी सिक्के पूरी तरह चलन में हैं।
संभव है कि थोक व्यापारी रिटेलर से व्यापार करते समय चिल्ल्हर लेने में परेशानी व्यक्त करते हों। यदि थोक व्यापारी ऐसा करते हैं तो इस बात को थोक व्यापारियों को भी समझना होगा कि उनके पास पहुँचे व्यापारी के पास चिल्ल्हर ग्राहक के माध्यम से ही आयी होगी इसलिये उन्हें चिल्ल्हर के रूप में भुगतान स्वीकार करने में परहेज नहीं करना चाहिये। यह चिल्ल्हर बैंक में सहज ही जमा की जा सकती है। अपेक्षा है कि चिल्ल्हर लेने में आनाकानी करने वाले दुकानदार अपने ग्राहक से चिल्ल्हर लेते समय मना नहीं करेंगे।
देखने वाली बात यह भी है कि हाल ही में एक आदेश जारी हुआ था जिसमें व्यापारियों को चिल्ल्हर स्वीकारने की बात कही गयी थी। यह आदेश सिर्फ व्यापारियों के लिये ही नजर आया, यह समझ से परे है कि बैंक जैसी संस्थाओं को इसी आदेश के माध्यम से आखिर क्यों नहीं चेताया गया कि वे भारतीय मुद्रा को स्वीकार करने से इंकार नहीं करें?
बैंक यदि इस चिल्ल्हर को नहीं स्वीकार करेंगे तो चलन में चिल्ल्हर कैसे बनी रहेगी यह उक्त आदेश को जारी करने वाले संबंधित अधिकारी ही बेहतर बता सकते हैं। वे यह भी बतायें कि जिनके पास थोक की मात्रा में चिल्ल्हर एकत्र हो चुकी है वे उस चिल्ल्हर को लेकर कहाँ जायें या उसे कहाँ जमा करवायें?
रमीज खान