प्यास बुझाने कहाँ जायें शहर आये ग्रामीण

 

इस स्तंभ के माध्यम से मैं विभिन्न संस्थाओं से अपील करना चाहता हूँ कि गर्मी का मौसम आरंभ हो चुका है और यह गर्मी तेजी के साथ अपने शवाब की ओर बढ़ती दिख रही है। ऐसे में शहर के विभिन्न स्थलों पर स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था करवायी जाना चाहिये।

सिवनी शहर में अपने व्यापार और अन्य आवश्यक कार्यों को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों से बहुत लोगों का आना होता है। सिवनी आकर उन्हें अपनी प्यास बुझाने के लिये यहाँ-वहाँ भटकते हुए देखा जा सकता है। कई गरीबों को तो दुकानों से, पैसे न होने के कारण अत्यंत अल्प मात्रा में पानी खरीदकर अपनी तृष्णा शांत करना पड़ता है। एक छोटे से छोटा पाउच भी दो रूपये से कम दाम पर उपलब्ध न होने के कारण ऐसे प्यासे गरीबों की तृष्णा तो शांत नहीं हो पाती है अलबत्ता कुछ देर के लिये उनको राहत अवश्य मिल जाती है।

होटलों से खरीदे गये पानी की शुद्धता की कतई गारंटी नहीं दी जा सकती और अधिकांश दुकानों पर भी दूषित पेयजल ही बेचा जा रहा है। इसके चलते अपनी प्यास बुझाने की कोशिश में कई ग्रामीण उदर रोगों से भी ग्रसित हो जाते हैं। ऐसे ग्रामीणों को होने वाली असुविधा की ओर जनहित में कार्य करने वाली संस्थाओं को भीषण गर्मी का इंतजार न करते हुए अभी से यदि अभी से प्याऊ जैसी व्यवस्था यदि आरंभ करवा दी जाती है तो इससे किसी को राहत मिले या न मिले गरीबों को राहत अवश्य मिल जायेगी। आशा है कि संबंधित लोग मानव सेवा के इस कार्य को अतिशीघ्र आरंभ करेंगे।

महफूज अली