विश्व का सबसे बड़े मेडिटेशन सेंटर स्वर्वेद महामंदिर उद्याटित

राम नगरी अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा अगले माह
नमस्कार, समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की साई न्यूज की समाचार श्रृंखला में इस सप्ताह का धार्मिक खबरों से युक्त औडियो बुलेटिन सुनिए,
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में दुनिया के सबसे मेडीटेशन सेंटर स्वर्वेद महामंदिर का आज उद्घाटन किया। उद्घाटन के बाद, उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उस केंद्र का दौरा किया, जिसमें ध्यान के लिए एक समय में बीस हजार लोग बैठ सकते हैं। सात मंजिला अधिरचना महामंदिर की दीवारों पर स्वर्वेद के छंद उकेरे गए हैं।
मंदिर को बेहद खूबसूरत तरीके से तैयार किया गया है। साथ ही मंदिर को सुंदर नक्काशी से तैयार किया गया है। मंदिर बेहद भव्य बनाया गया है। जानकारों की मानें तो इस मेडीटेशन सेंटर में एक बार में 20,000 लोग शामिल हो सकते हैं। इसलिए, इसे दुनिया का सबसे बड़ा मेडीटेशन सेंटर कहा जा रहा है।
स्वर्वेद महामंदिर के निर्माण कार्य की शुरुआत साल 2004 में हुई थी। सात मंजिला स्वर्वेद महामंदिर 68,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है और यह शिल्प और अत्याधुनिक तकनीक के अद्भुत सामंजस्य का प्रतीक है। यह एक आध्यात्मिक मंदिर है जो स्वर्वेद को समर्पित है, एक आध्यात्मिक पाठ जिसमें सात मंजिलें हैं जो मूल रूप से 7 चक्रों को समर्पित हैं। स्वर्वेद महामंदिर को कमल के फूल जैसा स्वरूप दिया गया है।
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सूर्य का किसी राशि में प्रवेश संक्रांति कहलाता है। जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे धनु संक्रांति कहा जाता है। धनु राशि बृहस्पति की आग्नेय राशि है और इसमें सूर्य का प्रवेश विशेष परिणाम पैदा करता है। लोगों के मन में खूब सारी चंचलता आ जाती है। ज्योतिषीय कारणों से शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं, इसलिए इसे धनु खरमास भी कहते हैं। धनु खरमास 16 दिसंबर से प्रारंभ हो गया है। आईए बताते हैं खरमास में शुभकार्य क्यों रहते हैं वर्जित। किसी भी विवाह का सबसे बड़ा उद्देश्य सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। धनु राशि को सम्पन्नता की राशि माना जाता है। इस समय सूर्य धनु राशि में चला जाता है, जिसको सुख समृद्धि के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इस समय अगर विवाह किया जाए तो सुख मिलने के योग कम होते हैं। खरमास में द्विरागमन, कर्णवेध, और मुंडन जैसे मंगल कार्य भी इस अवधि में वर्जित होते हैं। धनु राशि यानी अग्नि भाव में सूर्य का होना, इस अवधि में स्थितियों को बिगाड़ सकता है। इस दौरान किए गए काम रिश्ते खराब करते हैं।
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देश के हृदय प्रदेश का तापमान लगातार रात में गिरता जा रहा है। जिससे सर्दी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। ऐसे में अब भक्त भगवान को भी ठंड से बचाने में लग गए हैं। अक्सर अपने लोगों को ही ऊनी कपड़े पहनते हुए देखा होगा। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के प्राचीन राधावल्लभ मंदिर में मंदिर पुजारी की ओर से भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी को ऊन के वस्त्र पहनने के साथ उन्हें गर्म सिगड़ी भी लगाईं जा रही है। ताकि भगवान को किसी प्रकार से ठंड नही लगे। सुबह और शाम के समय प्रसाद के रूप में गर्म वस्तुओं का भोग लगाया जाता है।
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चंदौसी नगर के सीता रोड स्थित गीता सत्संग भवन में श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन कथा व्यास पंडित शिव शंकर भारद्वाज ने भगवान कृष्ण की विशेष लीलाओं का वर्णन किया। मित्रता के उदाहरण दिए। भगवान कृष्ण और सुदामा के चरित्र का वर्णन किया। कथा व्यास ने कहा कि भगवान कृष्ण अपनी मित्रता को निभाने के लिए गरीब सुदामा को दौड़कर अपने महल में लाकर सिंहासन पर बैठाते हैं। उसके बाद भगवान श्रीकृष्ण उनके चरणों को अपने हाथों से धोते हैं। प्रेमपूर्वक सुदामा की पत्नी के दिए हुए चावल में से दो मुट्ठी खाकर सुदामा को दो लोकों का वैभव प्रदान किया।
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साल 2024 के जनवरी के महीने में खरमास का समापन होते ही वैवाहिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे। तो आइए जानते हैं हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2024 के पहले महीने जनवरी में विवाह कार्यक्रम कब-कब रहेगा और क्या है इसका शुभ मुहूर्त। मंगलवार 16 जनवरी, बुधवार 17 जनवरी, शनिवार 20 जनवरी, रविवार 21 जनवरी, सोमवार 22 जनवरी, शनिवार 27 जनवरी, सोमवार 29 जनवरी, मंगलवार 30 जनवरी एवं बुधवार 31 जनवरी को विवाह के महूर्त रहेंगे।
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भगवान राम की नगरी अयोध्या कल उत्सव के रंग में रंगी नजर आई। अवधपुरी में बीते दिवस मर्यादा पुरुषोत्तम राम की बारात निकली और यहां के तमाम निवासी नाचते-गाते हुए अपने आराध्य के विवाह समारोह में शरीक हुए। भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए निमंत्रण के तौर पर देशभर के पौन 6 लाख गांवों में अक्षत कलश भिजवाए गए हैं। ये अक्षत कलश जिन-जिन शहरों में पहुंच रहे हैं, वहां उनका भव्य स्वागत किया जा रहा है। अक्षत कलश जब मध्य प्रदेश के जबलपुर पहुंचा तो यहां लोगों का जोश देखते ही बना। कलश के साथ भक्तों ने शहर में भव्य शोभा यात्रा निकाली। यही नहीं नर्मदा नदी के किनारे विधि-विधान के साथ कलश की पूजा-अर्चना भी की गई।
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विंध्य कॉरिडोर का निर्माण कार्य अपने आखिरी चरण में है। ऐसे में मां विंध्यवासिनी के धाम में अब विदेशी सैलानियों के पहुंचने का भी सिलसिला शुरू हो गया है। यहां बड़ी तादाद में स्थानीय लोगों के साथ-साथ विदेशी सैलानियों ने मां के धाम में पूजा-अर्चना की। दरअसल, विंध्यवासिनी धाम में विंध्य कॉरिडोर का निर्माण कार्य अब अपने आखिरी चरण में है। परिक्रमा पथ का निर्माण कार्य करीब पूरा भी हो चुका है। ऐसे में उम्मीद है कि, जल्द ही विंध्य कॉरिडोर मां के भक्तों को समर्पित कर दिया जाएगा।
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22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्रीराम के नवनिर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसको लेकर राम नगरी में तैयारी जोरो शोरों से चल रही है। राम मंदिर की मुख्य पादुका अहमदाबाद पहुंचीं है। श्रीराम मंदिर की ये मुख्य पादुका एसजी हाई वे स्थित तिरूपति बालाजी मंदिर में दर्शन के लिए रखी गई है।
हैदराबाद के चल्ला श्रीनिवास शास्त्री द्वारा अयोध्या के श्रीराम मंदिर की ये चरण पादुका 1 किलो सोना, 7 किलो चांदी से तैयार की गई है। इस चरण पादुका में कीमती रत्नों का उपयोग भी किया गया है। अहमदाबाद पहुंची इस पादुका को बालाजी मंदिर के ट्रस्टी के। सुब्बारायुडु अपने सिर पर रखकर मंदिर के अंदर ले गए और श्री बालाजी मंदिर के पंडितों ने इन श्रीराम पादुकाओं की विशेष पूजा की। इसके बाद कई भक्तों ने श्रीराम पादुकाओं के दर्शन किये। कुछ भक्तों को इन्हें अपने सिर पर रखने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ।
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आप सुन रहे थे समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की साई न्यूज में मंगलवार 19 दिसंबर से सोमवार 25 दिसंबर 2023 का धर्म औडियो बुलेटिन। अगले सप्ताह 26 दिसंबर 2023 से 01 जनवरी 2024 तक का धर्म औडियो बुलेटिन लेकर फिर हाजिर होंगे, अगर आपको यह औडियो बुलेटिन पसंद आ रहे हों तो आप इन्हें लाईक, शेयर और सब्सक्राईब जरूर करें, जय हिन्द।
(साई फीचर्स)

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