जम्बों सीताफल ने कृषकों की आय की दोगुनी

एक जिला एक उत्पाद में शामिल सीताफल की ब्रांडिेंग एवं मार्केटिंग से मांग में हुई बढ़ोत्तरी,किसानों को मिला लाभ

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। एक जिला एक उत्पाद में शामिल सिवनी जिले के जम्बों सीताफल ने अपनी मिठास एवं बड़े आकार के कारण संपूर्ण देश में विशेष पहचान बनाई है। जिले से उत्पादित होने वाले सीताफल की मध्यप्रदेश सहित दिल्ली, आगरा, झांसी, नागपुर, इलाहाबाद, बनारस सहित देश के अन्य बड़े शहरों में विशेष मांग है।

जिले में सीताफल का कुल रकबा 656 हेक्टेयर है, जिससे लगभग 5917 मैट्रिक टन सीताफल प्रतिवर्ष उत्पादित होता है। विशेष रूप से छपारा विकासखंड के ग्राम खैरमटाकोल क्लस्टर में प्राकृतिक एवं जैविक रूप से उत्पादित होने वाले सीताफल के लिए विभिन्न राज्यों से व्यापारी यहां पहुंचते हैं। यहां से उत्पादित होने वाले जम्बों सीताफल का एक फल 600 से 700 ग्राम तक होता है। एक जिला एक उत्पाद में शामिल होने के उपरांत जिला प्रशासन के विशेष प्रयासों से सीताफल को विशेष पहचान मिली है तथा “सिवनी जम्बों सीताफल” के ‍नाम से ब्रांडिंग तथा प्रचार-प्रसार से सीताफल की कीमतों एवं मांग में लगातार वृद्धि होती गई है। जिसका लाभ सीधे तौर से सीताफल उत्पादक कृषकों को हो रहा है।

ऐसा ही उदाहरण ग्राम खैरमटाकोल के कृषक श्री राजकुमार भलावी का भी है, जो सीताफल उत्पादन से अच्छी आय प्राप्त कर रहे हैं। वह बताते हैं कि उनकी 10 एकड़ भूमि की मेढ़ पर लगे 2 हजार पेड़ से उन्हें लगभग 60 हजार किलो सीताफल प्राप्त होता है। जिसे वह पारंपरिक रूप से स्थानीय बाजारों में सस्ते मूल्य में बेचते रहे हैं। वह बताते हैं कि सीताफल के एक जिला एक उत्पाद में शामिल होने के उपरांत उनकी आय में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। जिला प्रशासन के सहयोग से सीताफल की ब्रांडिंग होने से महानगरों के बड़े व्यापारी सीधे उनके गांव पहुंचने लगे हैं तथा अच्छे मूल्य पर सीताफल खरीदकर ले जा रहे है। वह बताते हैं कि अपने आकार और स्वाद के लिए प्रसिद्ध खैरमटाकोल के जम्बों सीताफल को आसानी से 10 से 15 रूपये किलो तक बिक जाता है। सब खर्चे काटकर कृषक श्री भलावी को 5 से 6 लाख रूपये की शुद्ध आय सीताफल उत्पादन से प्राप्त हो रही है।