(ब्यूरो कार्यालय)
लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन (UPPCL) की उच्च स्तरीय टीम की जांच में विभिन्न कंपनियों द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर तकनीकी जांच में फेल हो गए हैं। इनमें कई खामियां सामने आई हैं। इसे लेकर UPPCL ने संबंधित कंपनियों को नोटिस जारी किया है।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट मीटर को लेकर पूर्व में ही पॉवर कॉरपोरेशन को आगाह किया था। पॉवर कॉरपोरेशन के निदेशक कामर्शियल निधि कुमार नारंग ने तकनीकी जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद स्मार्ट प्रीपेड मीटर निर्माता कंपनियों पोलरिस इनटैली और जीएमआर के सीईओ को नोटिस भेजा है और तत्काल कमियों में सुधार करने का निर्देश दिया है।
प्रदेश में अब तक लगभग 2.75 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं जिनमें 90 प्रतिशत इन्हीं कंपनियों के हैं।उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पावर कारपोरेशन की उच्च स्तरीय आइटी जांच में जो कमियां सामने आईं हैं, उनमें पता चला है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर गलत पावर फैक्टर रिकॉर्ड कर रहा है। उसकी आरटीसी दो घंटे में ट्रिप कर रही है, साथ ही पीटी रिसिवो गलत मल्टीप्लाइंग फैक्टर बता रहा है।
यह तकनीकी मानक स्मार्ट प्रीपेड मीटर का मुख्य आधार होता है। जो कमियां सामने आईं हैं, उससे साफ पता चल रहा है कि आने वाले समय में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की रीडिंग भार और टाइम सब गलत ही रिकॉर्ड होगा जिसका खामियाजा विद्युत उपभोकाताओं को भुगतना पड़ेगा। स्मार्ट प्रीपेड मीटर में चीन में बने कंपोनेंट का आधिक प्रयोग किया गया है। इन घटिया मीटरों की पारदर्शी तरीके से जांच करानी चाहिए और ऐसी कंपनियों को तत्काल ब्लैक लिस्ट कर देना चाहिए।