स्कूल बैग हुआ भारी तो शाला को 04 लाख का जुर्माना!

(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। शालाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पालकों को 01 अक्टूबर से बड़ी राहत मिलने वाली है। अगर बच्चों का स्कूल बैग निर्धारित से अधिक वजन का मिला तो शाला प्रबंधन को चार लाख रूपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
प्रदेश सरकार आने वाली 1 अक्टूबर 2022 से सूबे में स्कूल बैग पॉलिसी को प्रबावी करने जा रही है। 1 अक्टूबर से स्कूली बच्चों के बस्तों के वज़न तोला जाएगा। अगर नौनिहालों के कंधों पर तय वजन से ज्यादा बोझ मिला तो इसका खामियाजा उन बच्चों के स्कूल को भुगतना होगा। जिस बच्चे के बैग का बार तय मापदंड से अधिक पाया गया तो उनके स्कूल को 50 हजार से लेकर 4 लाख रुपए तक जुर्माना भुगतना होगा।
इसके लिए मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग और मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की संयुक्त टीम मिलकर स्कूली बच्चों के बस्तों के वजन पर नजर रखेगी। इस टीम में कुल चार सदस्य शामिल होंगे, जो प्रदेश के सरकारी और निजी यानी दोनों स्कूलों के छात्रों के बैग पर नज़र रखेंगे। बाल आयोग के सदस्य स्कूलों का औचक निरीक्षण भी करेंगे। इस दौरान बच्चों के बैग्स का वजन समय समय पर चैक किया जाता रहेगा।
आपको बता दें कि, 1 अक्टूबर से प्रदेश के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में प्रभावी होने वाली नई स्कूल बैग पॉलिसी के अनुसार, क्लास 1 से लेकर 5वीं क्लास तक के बच्चों के बैग का वजन 1.6 किलो से 2.5 किलोग्राम के बीच होना अनिवार्य होगा। प्री-प्राइमरी क्लास के बच्चों को स्कूल बैग ही नहीं रहेगा। वहीं, कक्षा छठवीं से लेकर नौवीं कक्षा तक के बच्चों के बैग का वजन 2.5 किलो से लेकर 4 किलो के बीच रखना अनिवार्य होगा। वहीं, कक्षा 10वीं के छात्रों के बैग का वजन 2.5 किलो से लेकर 4.5 किलो के बीच रखना होगा।

स्कूल बैग पॉलिसी के मापदंड

-पहली कक्षा- 1.6-2.2 किग्रा
-दूसरी कक्षा- 1.6-2.2 किग्रा
-तीसरी कक्षा- 1.7-2.5 किग्रा
-चैथी कक्षा- 1.7-2.5 किग्रा
-पांचवीं कक्षा- 1.7-2.5 किग्रा
-छठवीं कक्षा- 2-3 किग्रा
-सातवीं कक्षा- 2-3 किग्रा
-आठवीं कक्षा- 2.5-4 किग्रा
-नौवीं कक्षा- 2.5-4 किग्रा
-दसवीं कक्षा- 2.5-4.5 किग्रा