सरकारी ठेके के लिए रिश्वत ऑफर किए जाने के आरोप लगाने वाले मलिक खुद फंसते दिख रहे जाल में!

लिमटी की लालटेन 610
संवैधानिक पद पर रहे सत्यपाल मलिक पर गहरा रहे संकट के बादल!
(लिमटी खरे)
लंबी सियासी पारी खेलने वाले पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का शनि भारी दिखाई देने लगा है। लगभग साढ़े चार दशकों से सियासत में सक्रिय रहने वाले सत्यपाल मलिक पर सीबीआई का शिकंजा कसता दिखाई दे रहा है। लगभग एक दशक से सत्यपाल मलिक के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया जा रहा था। सोशल मीडिया पर यह चर्चा भी तेज हो रही है कि भाजपा के आला नेताओं को निशाने पर लेने के चलते ही सत्यपाल मलिक की राह में अब शूल ही शूल दिखाई देने लगे हैं।
सत्यपाल मलिक का राजनैतिक सफर अगर देखें तो वे 1980 से 1989 तक उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य रहे और उसके बाद 1989 से 1991 तक जनता दल के टिकिट पर अलीगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़े और सांसद बने। 1996 में से समाजवादी पार्टी की टिकिट से अलीगढ़ से लोकसभा के मैदान में उतरे और सिर्फ 40 हजार वोट लिए तथा चौथे नंबर पर रहे। इसके बाद 2012 में वे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए।
30 सितंबर 2017 से 21 अगस्त तक वे बिहार के राज्यपाल रहे। इसी बीच 21 मार्च 2018 से 28 अगस्त 2018 तक उन्हें उड़ीसा के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक सत्यपाल मलिक जम्मू एवं काश्मीर के राज्यपाल रहे, इसके उपरांत 03 नवंबर 2019 से 18 अगस्त 2020 तक गोवा के राज्यपाल रहने के बाद 18 अगस्त 2020 से 03 अक्टूबर 2022 तक वे मेघालय के राज्यपाल रहे।
सत्यपाल मलिक के ठिकानों पर केंद्रीय जांच ब्यूरो के द्वारा लगातार ही छापेमारी की जा रही है। सीबीआई उनके अनेक ठिकानों के साथ उनके गृहग्राम बागपत भी गई थी। सत्यपाल मलिक के अलावा सीबीआई के द्वारा चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट प्राईवेट लिमिटेड सीवीपीपीपीएल के पूर्व चेयरमेन नवीन कुमार चौधरी के अलावा पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड से जुड़े लोगों की तलाशी भी ले रही है।
दरअसल सीबीआई ने 2022 में 22 अप्रैल को एक केस दज किया था, जिसमें हाईड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट से संबद्ध दो हजार दो सौ करोड़ रूपए का एक काम निजि कंपनी को देने में निविदा की शर्तों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया गया था। इसके तहत जम्मू और काश्मीर क्षेत्र के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर बन रही इस परियोजना को रन ऑफ रिवर प्रोजेक्ट भी कहा गया था। इसका तातपर्य यही हुआ कि नदी के पानी के बहाव की उर्जा का उपयोग कर बिजली बनाई जाए।
इस आलेख को वीडियो में देखने के लिए क्लिक कीजिए . . .
https://www.youtube.com/watch?v=xYZQl6_-88o
फरवरी 2019 में आरंभ की गई इस परियोजना की कुल लागत 04 हजार 287 करोड़ रूपए है और इसके अगले साल अर्थात 2025 में पूरा किया जाना है। इसके तहत चिनाब नदी पर एक बांध बनाया जाना प्रस्तावित है जिसकी ऊॅचाई 135 मीटर होगी और चार पावर हाऊसेज के जरिए 624 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इस पूरे मामले में झोल यही सामने आता दिख रहा है कि 2019 में इस परियोजना से जुड़े 2200 करोड़ के सिविल वर्क का काम निविदा की शर्तों का पालन किए बिना ही पटेल इंजीनियरिंग कंपनी को दिया गया था। सीवीपीपीपीएल के बोर्ड की 47वीं बैठक में इस काम को पटेल कंपनी को देने का फैसला रद्द किया गया था, किन्तु बाद में फिर उसे दे दिया गया।
इधर सत्यपाल मलिक ने मेघालय के राज्यपाल रहते हुए यह आरोप लगाया कि इस परियोजना से जुड़ी दो फाईल को क्लियर करने के लिए उन्हें 300 करोड़ रूपए की रिश्वत की पेशकश की गई थी। बस यहीं से सत्यपाल मलिक शायद सीबीआई के फेर में आ गए।
सवाल यही उठता है कि राज्यसभा, लोकसभा जैसे लोकतंत्र के मंदिर में सांसद रहे सत्यपाल मलिक राज्यपाल भी रहे और राज्यपाल रहते हुए उनके द्वारा अगर यह आरोप लगाया गया कि उन्हें रिश्वत की पेशकश की गई थी, तब सरकारी जांच एंजेंसीस को इतना समय क्यों लग रहा है। चार माह हो गए सत्यपाल मलिक अब राज्यपाल नहीं हैं, पर वे जिस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं उससे सरकार की छवि प्रभावित हुए बिना नहीं है।
सत्यपाल मलिक का कहना कि तानाशाह सरकारी एजेंसीज के माध्यम से उनके घर पर रेड डलवा रहे हैं। सत्यपाल मलिका का यह कहना विपक्ष के उन आरोपों को पुख्ता करते हुए दिखता है जिसमें विपक्ष के द्वारा सीबीआई, ईडी आदि को अपने फायदे के लिए और विरोधियों के शमन या मौन करने के लिए उपयोग किया जा रहा है। देखा जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वयं इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए और सीबीआई की इस जांच को समय सीमा (टाईम फ्रेम) में बांधकर निष्पक्ष जांच करवाना चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके ….
लिमटी की लालटेन के 610वें एपीसोड में फिलहाल इतना ही। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की साई न्यूज में लिमटी की लालटेन अब हर रोज सुबह 07 बजे प्रसारित की जा रही है। आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की वेब साईट या साई न्यूज के चेनल पर जाकर इसे रोजाना सुबह 07 बजे देख सकते हैं। अगर आपको लिमटी की लालटेन पसंद आ रही हो तो आप इसे लाईक, शेयर व सब्सक्राईब अवश्य करें। हम लिमटी की लालटेन का 611वां एपीसोड लेकर जल्द हाजिर होंगे, तब तक के लिए इजाजत दीजिए . . .
(लेखक समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के संपादक हैं.)
(साई फीचर्स)