मध्यप्रदेश में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है। राज्य सरकार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सांस्कृतिक अभ्युदय के संकल्प को पूरा करने की ओर मजबूती से कदम बढ़ा रही है। प्रदेश में सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सनातन परम्परा के गौरव को संरक्षित करने और सहेजने की पहल के कई निर्णय लिये हैं।
प्रदेश में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये चित्रकूट को अयोध्या की तर्ज पर विकसित किया जायेगा। साथ ही चित्रकूट सहित राम वन पथ गमन मार्ग के सभी प्रमुख स्थलों को विकसित करने के लिये पूरी कार्य-योजना बनाकर उसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने का निर्णय भी लिया गया है। इसी तरह 1450 किलोमीटर की दूरी वाले राम वन पथ गमन मार्ग को प्रदेश के सांस्कृतिक पर्यटन के लिहाज से भव्य धार्मिक केन्द्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। राम वन पथ गमन मार्ग के विकास से समीपीय क्षेत्रों में विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
राम वन पथ गमन के लिये तैयार की गई कार्य-योजना में 23 प्रमुख धार्मिक स्थल हैं, जिनमें सतना, पन्ना, कटनी, अमरकंटक, शहडोल, उमरिया आदि जिलों को भी शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त यह भी निर्णय लिया गया कि जहाँ-जहाँ भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े, उन स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जायेगा। महाकाल की नगरी उज्जैन को व्यवसाय, पर्यटन एवं विकास की राह में आगे बढ़ाने के मकसद से इस वर्ष उज्जैन में विभिन्न सांस्कृतिक, व्यापारिक एवं औद्योगिक आयोजन किये गये।
इस वर्ष फरवरी माह में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विक्रमोत्सव के अवसर पर विश्व की पहली “विक्रमादित्य वैदिक घड़ी’’ का शुभारंभ कर भारतीय काल गणना परम्परा का साक्षात्कार पूरी दुनिया से कराया। इस वर्ष शासकीय कैलेण्डर में विक्रम संवत अंकित करना प्रारंभ किया गया। मध्यप्रदेश के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अभ्युदय के लिये मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। इंदौर से उज्जैन एवं मण्डलेश्वर ज्योतिर्लिंग तथा जबलपुर से चित्रकूट तथा ग्वालियर से ओरछा एवं पीताम्बरा पीठ के लिये हेलीकॉप्टर सेवाएँ प्रारंभ की जायेंगी। पर्यटकों को हवाई यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा एवं पीएम श्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा का शुभारंभ किया गया है। इसके अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश के श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये अयोध्या में एक आस्था-भवन (धर्मशाला) निर्माण करने का निर्णय लिया गया है।
कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिये देवालयों में लगने वाली सामग्री जैसे भगवान के वस्त्र-आभूषण, श्रृंगार सामग्री, धातु एवं पत्थर की मूर्तियों का निर्माण स्व-सहायता समूह द्वारा कराये जाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही क्षेत्र के युवाओं को इसके लिये प्रख्यात कलाकारों से प्रशिक्षण उपलब्ध कराने और मंदिरों में इन सामग्रियों के विक्रय के लिये स्टॉल की व्यवस्था की जायेगी।
यूनेस्को के विश्व हेरिटेज सेंटर द्वारा प्रदेश की 6 धरोहरों को सम्मिलित किया गया है। इसमें ग्वालियर किला, धमनार का ऐतिहासिक समूह, भोजपुर का भोजेश्वर महादेव मंदिर, चंबल घाटी के रॉक कला स्थल, खूनी भंडारा, बुरहानपुर और रामनगर, मंडला का गौंड स्मारक शामिल है। मध्यप्रदेश में क्रूज टूरिज्म को गति प्रदान करने के लिये मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण एवं गुजरात सरकार के साथ एमओयू किया गया, जिसके तहत ओंकारेश्वर स्थित एकात्मधाम (स्टेच्यु ऑफ वननेस) से गुजरात के केवड़िया में स्थित स्टेच्यु ऑफ यूनिटी तक संचालित किया जायेगा।
(साई फीचर्स)
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