नेत्र कुंभ: महाकुंभ में एक नई पहल, लाखों लोगों को मिल रहा है दृष्टिदान

महाकुंभ में ‘नेत्र कुंभ’: आस्था और सेवा का संगम

(प्रीति भोसले)

महाकुंभ नगर (साई)। महाकुंभ 2025 में धर्म और आस्था के साथ-साथ मानव सेवा का भी एक अनूठा उदाहरण देखने को मिल रहा है। ‘नेत्र कुंभ’ नामक इस पहल के तहत लाखों श्रद्धालुओं को निःशुल्क नेत्र जांच और चश्मे उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह पहल न केवल आंखों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैला रही है बल्कि एक विश्व रिकॉर्ड बनाने की दिशा में भी आगे बढ़ रही है।

नेत्र कुंभ: एक दृष्टिहीनता मुक्त भारत का सपना

नेत्र कुंभ का मुख्य उद्देश्य है, भारत को दृष्टिहीनता मुक्त बनाना। इस पहल के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोग जो आर्थिक कारणों से आंखों का इलाज नहीं करा पाते हैं, उन्हें मुफ्त में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल रही हैं।

विश्व रिकॉर्ड की ओर अग्रसर

नेत्र कुंभ में सबसे अधिक आंखों की जांच और चश्मे वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है। आयोजन समिति का मानना है कि यह पहल गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल होगी। पिछले नेत्र कुंभ में लगभग 1 लाख चश्मे बांटे गए थे और इस बार यह संख्या और भी अधिक होने की उम्मीद है।

आयोजन का स्वरूप

नेत्र कुंभ में 10 एकड़ में फैले विशाल परिसर में आधुनिक सुविधाओं से लैस अनेक कैंप लगाए गए हैं। यहां विभिन्न चरणों में आंखों की जांच की जाती है। जांच के बाद जरूरतमंद लोगों को मुफ्त चश्मे वितरित किए जाते हैं। इसके अलावा, नेत्रदान के लिए भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

समाज का योगदान

नेत्र कुंभ को सफल बनाने में स्थानीय लोगों, स्वयंसेवकों और विभिन्न संगठनों का महत्वपूर्ण योगदान है। लोग बड़ी संख्या में नेत्रदान कर रहे हैं, जिससे कई लोगों को नई रोशनी मिल रही है।

धार्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक

नेत्र कुंभ धर्म और सेवा का एक अनूठा संगम है। यह पहल दिखाती है कि धर्म केवल व्यक्तिगत आस्था का विषय नहीं है बल्कि समाज सेवा का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम हो सकता है।

भविष्य की योजनाएं

आयोजन समिति का लक्ष्य है कि नेत्र कुंभ को एक स्थायी अभियान बनाया जाए। भविष्य में इस तरह के और भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाया जा सके।

नेत्र कुंभ एक ऐसी पहल है जो मानवता की सेवा के लिए समर्पित है। यह पहल दिखाती है कि एक छोटी सी पहल भी लाखों लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है।

महाकुंभ 2025 में कई संभावित विश्व रिकॉर्ड बनने जा रहे हैं, जिसमें एक ही कार्यक्रम में सबसे अधिक चश्मे बांटने और आंखों की जांच करने का रिकॉर्ड भी शामिल है।

महाकुंभ 2025 में केवल धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं हो रहे, बल्कि मानव सेवा का भी एक बड़ा काम किया जा रहा है। ‘नेत्र कुंभ’ नामक इस पहल के तहत लाखों लोगों को निःशुल्क नेत्र जांच और चश्मे उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह पहल न केवल आंखों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैला रही है बल्कि एक विश्व रिकॉर्ड बनाने की दिशा में भी आगे बढ़ रही है।

“नेत्र कुंभ केवल एक आयोजन नहीं है, बल्कि एक आंदोलन है। यह आंदोलन लाखों लोगों के जीवन में रोशनी लाने का काम कर रहा है। नेत्र कुंभ के माध्यम से न केवल लोगों को निःशुल्क नेत्र जांच और चश्मे मिल रहे हैं, बल्कि उन्हें आंखों के स्वास्थ्य के महत्व के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है।”

PREETI BHOSLE

लंबे समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं प्रीति भोसले, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि में पत्रकारिता करने के साथ ही समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से जुड़ी हुई हैं, प्रीति भोसले .... समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 में किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.