(बी. डी. त्रिपाठी)
भारत में गंगा की पूजा देवी गंगा मां के रूप में की जाती है। गंगा प्रदूषण से मुक्त, शुद्ध रहे, बाधाओं से मुक्त होकर अविरल बहे और बहती रहे, इसी में भारत का हित है। इस दिशा में भारत सरकार की पहल और प्रयास सराहनीय है। परंतु केवल सरकार का प्रयास काफी नहीं होगा। इसमें गंगा किनारे स्थित पांच राज्यों, सैकड़ों नगरों और तरह-तरह के उद्योगों से जुड़े लोगों की सहभागिता भी आवश्यक है। वैज्ञानिक, जल विज्ञानी, भूगर्भशास्त्री, नीति निर्माता, पर्यावरणविद, धार्मिक प्रमुख, साधु-संत, मल्लाह, कृषक, मजदूर हर किसी को अपने हिस्से का योगदान करना होगा, तभी हम स्वच्छ, निर्मल, प्रदूषणमुक्त अविरल गंगा की कल्पना साकार कर सकते हैं।
इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 27 से 31 जनवरी तक राज्य के 26 जनपदों में 5 दिवसीय गंगा यात्रा निकालने की घोषणा की तो एक बात साफ हो गई कि इसके माध्यम से गंगा के तटवर्ती गांवों में रहने वाले लोगों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाना है। यूपी में चल रही इस यात्रा के जरिए गंगा तट के किनारे स्थित सभी धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक केंद्रों को आस्था के साथ ही पर्यटन की गतिविधियों से जोड़ने की कोशिश हो रही है। इससे स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार बढ़ेगा।
गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में श्मशान गृह, घाट का निर्माण कराने के साथ ही गांवों में 07 स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे, जिसमें स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम तथा आयुष्मान योजना के तहत समुचित इलाज प्रारंभ किया जाएगा। इसके अलावा नगर निकायों में पशु आरोग्य मेले का भी आयोजन होगा। इन कार्यक्रमों के जरिए वे लोग सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से जुड़ेंगे, जो अभी तक वंचित रह गए थे। योजना यह भी है कि नगर निकायों में गंगा तट के किनारे समुचित स्थल को चिह्नित कर गंगा पार्क का विकास किया जाए, जहां लोगों को मॉर्निंग वॉक एवं ओपन जिम की सुविधा उपलब्ध होगी। ग्राम पंचायतों में खेलकूद हेतु गंगा मैदान की व्यवस्था की जाएगी और खेलकूद की विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होगा।
इन कार्यों से केंद्र सरकार के फिट इंडिया और खेलो इंडिया खेलो मूवमेंट को संबल मिलेगा। इससे जहां लोग अपने स्वास्थ्य प्रति जागरूक होंगे, वहीं नई प्रतिभाएं भी निकलकर सामने आएंगी।
उत्तर प्रदेश में लाखों हेक्टेयर जमीन गंगा के पानी से सिंचित होती है। सामाजिक गतिविधियों के साथ-साथ इसका आर्थिक महत्व भी है। वर्तमान में कई भौतिक कारणों से इसमें प्रदूषण बढ़ा है, जिससे इसकी निर्मलता और अविरलता प्रभावित हुई है। इस समस्या को समग्रता में समझने की आवश्यकता है। गंगा यात्रा इसमें सहायक साबित होगी। इस यात्रा के जरिए प्रदेश सरकार जहां एक तरफ लोगों को गंगा के प्रति जागरूक करेगी, वहीं दूसरी तरफ जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लोगों के द्वार तक पहुंचेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि इस यात्रा के जरिए प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की जाए।
यात्रा के दौरान गंगा नदी के तटवर्ती गांव में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों के तहत गांवों में फलदार वृक्षों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को फलदार पौध उपलब्ध कराई जानी है। इसके लिए प्रदेश सरकार गांवों में गंगा नर्सरी की स्थापना के साथ ही, किसानों को गंगा उद्यान के लिए प्रेरित करेगी। जो किसान अपने खेतों में फलदार पौध लगाते हैं उन्हें रख-रखाव हेतु तीन वर्षों के लिए सरकार की तरफ से विशेष अनुदान दिया जाएगा। अच्छे फल वाले पौधे किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में सहायक होंगे।
इसके अलावा सरकार मिट्टी के सामानों को बाजार मुहैया कराने के साथ ही उन्हें अपने उत्पादों की अच्छी कीमत दिलाएगी। लोगों को मछली पालन और सिंघाड़े की खेती का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। कुल मिलाकर, गंगा-यात्रा गंगा को आस्था से अर्थव्यवस्था तक ले जाएगी। इससे न केवल गंगा का सांस्कृतिक-आध्यात्मिक पक्ष जन-जन तक पहुंचेगा बल्कि ग्रामीण आर्थिक जीवन में बदलाव भी आएगा। (लेखक महामना मालवीय गंगा शोध केंद्र, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चेयरमैन हैं)
(साई फीचर्स)

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं.
अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.